Khwab Mein Nadi Ya Nadi Ka Pani Dekhna- ख़्वाब में नदी या नदी का पानी देखने की ताबीर
छोटी पतली नदी ( khwab mein nadi ) जिसमें इंसान डूबता नहीं ! नहर की तरह होती है ! लेकिन इसकी ताबीर अच्छी जिन्दगी और खुशखबरी है चाहे ( khwab mein nadi ) आम नदी हो या खास ! और इसी तरह अगर यह देखा कि पानी घरों में दौड़ रहा है ! तो इसकी ताबीर यह है कि जिन्दगी अच्छी गुज़रेगी !
शर्त यह है कि पानी मीठा हो और जमीन से न निकल रहा हो ! और अगर यह देखा कि चश्मे घर या दीवार में या ऐसी जगह फूट निकले हैं ! जहां आम तौर से चश्मे फूटा नहीं करते ! और न उस जगह उनका फूटना मुनासिब है , तो इसकी ताबीर रंज व गम , डर और रोने से की जाएगी !
जो वहां के रहने वालों को चश्मे की ताकत व कमज़ोरी के लिहाज़ से पेश आएंगे ! क्योंकि चश्मे का पानी जितना ज्यादा होगा ! उतनी ही मुसीबत ज्यादा होगी ! यहां तक कि उस जगह के रहने वालों के लिए डर और रोने की हद हो जाएगी !
Khwab Mein Nadi Ya Nadi Ka Pani Dekhne Ki Tabir
और अगर पानी गंदा होगा तो मामला बहुत सख्त और तेज़ होगा ! और अगर किसी ने यह देखा कि उसने चश्मे से पानी पिया है ! तो उस की ताबीर यह होगी कि जितना उसने पानी पिया है ! उतना उसको रंज व गम होगा !
और जिसने यह देखा कि उसने चश्मे के पानी से वुज़ किया ! या नहाया तो यह हर रंज व गम के लिए बहुत बेहतर है ! और अच्छा मुआमला होने की दलील है ! अगर वह दुखी होगा तो अल्लाह तआला उस से दु : ख को दूर फरमा देगा ! और अगर ख़ौफजदा है तो अमन में हो जाएगा !
अगर कर्जदार होगा तो अल्लाह तआला उसको शिफा अता फरमाएगा ! और यह ताबीर सय्यदिना अय्यूब अलैहिस्सलाम के किस्से से ली गई है ! और जिसने यह देखा कि उसके पास बर्तन है ! जिसमें पानी है ! और वह पाक होन के लिए बैठा है ! या सफर में है ! या किसी नामालूम जगह में है ! तो उसकी ताबीर यह है कि पानी उसकी उम्र और उसकी जिन्दगी है !
यानी अगर उसने वह सब पानी पी लिया ! तो गोया उसकी उम्र खत्म हो गई ! और अगर कुछ पानी बाकी रह गया तो उसकी उम्र का उतना हिस्सा बाकी है ! जितना कि पानी उस बर्तन में बचा है ! और जिस तरह पानी बर्तन में होने की ताबीर उसी तरह खाने में सरीद ( 1 ) की है !
नोट – सरीद उस रोटी को कहते है ! जो शोरबे मे भिगो कर खाई जाती है ।
ख़्वाब में नदी या नदी का पानी देखने की ताबीर
जिसने यह देखा कि उसने साफ और मीठा पानी पिया ! अगर उस को यह नहीं मालूम कि वह पाकी के लिए बैठा है ! या सफर में है , या किसी नामालूम जगह में है ! तो उसकी ताबीर यह है कि वह अच्छी ज़िन्दगी गुजारेगा ! और पाक व साफ ऐश में रहेगा ! अगर पानी मीठा न हो तो उसकी जिन्दगी और ऐश इसी तरह होंगे ! और अगर गंदा है तो जितना गंदापन है ! उतनी ही उसको बीमारी होगी !
अगर किसी ने ख़्वाब में यह देखा कि पानी शीशे के गिलास में है ! तो असकी ताबीर यह है कि गिलास औरत है और अगर पानी नहीं पिया है ! तो पानी से मुराद लड़का है !
अगर किसी ने यह देखा कि वह बाग या खेती को सींच रहा है ! तो उसकी ताबीर यह कि वह अपनी बीवी से अच्छी तरह से सोहबत करेगा ! अगर बाग मे फल या पत्ते लगते देखे तो उसकी ताबीर यह है कि उसकी औरत से उसके लड़का पैदा होगा ! और
Khwab Mein Nadi Ya Nadi Ka Pani Dekhne Ki Tabir
अगर किसी ने यह देखा कि कोई गैर शख्स उसके बाग को सींच रहा है या खेती करे , तो इसमें कोई भलाई नहीं है और जिसने यह देखा कि किसी ने बहती चीज़ से वुजू या गुस्ल किया ! जिससे , वुज या गस्ल जायज़ नहीं है जैसे दूध या शराब या तेल वगैरह बहती चीजों से ! तो इसकी ताबीर यह है कि वह दीन व दुनिया के काम करना चाहता है ! वह पूरे न होंगे !
और इसी तरह अगर किसी ने यह देखा कि उसने पानी से वुज़ू किया है ! लेकिन उसका वुज़ पूरा नहीं हुआ तो उसके भी काम पूरे न होंगे ! अलबत्ता उनमें आसानी पैदा हो जाएगी !
और इसी तरह अगर उसने यह देखा कि नमाज़ पढ़ रहा है ! लेकिन नमाज़ पूरी नहीं की ! तो भी उसके काम पूरे न होंगे ! अलबत्ता अगर उसने वुजू या गुस्ल पूरा कर लिया ! तो यह उसके गुनाहों और ख़ताओं का कफ्फारा है !