ख़्वाब में बारिश होते देखने की ताबीर – Khwab Mein Barish
बारिश ( Khwab Mein Barish ) की ताबीर मदद और रहमत से की जाती है ! और इसी तरह बादल की भी ! लेकिन अगर किसी जगह घर या मुहल्लाह से ख़ास हो कि दूसरी जगह न हो ! तो उस खास जगह के रहने वालों में बीमारियां और दु : ख और दुनिया के नुक्सान ज्यादा होंगे ! और अक्सर उससे सख्तियां भी मुराद होती हैं ! जो उन को पहुंचेगी !
अगर किसी ने यह देखा कि आसमान से घी या शहद या जैतून के तेल या दूध वगैरह की बारिश हो रही है ! तो यह इस बात की दलील है कि उस जगह के रहने वालों पर गनीमत और भलाई और रोज़ी आसमान से नाज़िल होगी और इसी तरह हर उस बारिश की ताबीर होगी ! जो अच्छी चीज़ की होगी !
हिकायत- Khwab Mein Barish Dekhna
नक़ल है कि एक शख़्स ने हज़रत अबू बक्र सिद्दीक रज़ियल्लाहू अन्हु की खिदमत में हाज़िर हो कर अर्ज किया कि मैंने यह ख्वाब देखा है ! कि बादल आया ! और आसमान से शहद और घी की बारिश हो रही है ! और लोग उसको लूट रहे हैं ! कोई ज्यादा ले रहा है ! और कोई कम !
तो अबू बक्र सिद्दीक रज़ियल्लाहू अन्हु ने उसकी ताबीर दी ! कि बादल से मुराद इस्लाम है ! और घी व शहद से मतलब इस्लाम की मिठास है !
इसी तरह हर बारिश ( Khwab Mein Barish ) , जो अच्छी चीजों की हो , उसकी ताबीर भलाइयों का आना है !
हिकायत- ख़्वाब में बारिश होते देखने की ताबीर
इसी तरह एक शख्स ने इमाम जाफ़र सादिक़ रज़ियल्लाहू अन्हु की खिदमत में हाज़िर होकर अर्ज किया ! कि मैंने ख़्वाब में इस तरह देखा है ! कि मैं एक दिन और एक रात बारिश में भीग रहा हूं ! तो आप ने उसकी ताबीर में फरमाया कि तूने बहुत अच्छा ख़्वाब देखा है कि रहमत में भीग रहा है ! और तुझे अमन और ज़यादा रिज्क अता होगा !
इसी तरह एक शख्स ने ख्वाब में देखा कि बारिश ( Khwab Mein Barish ) गोया खास उसके सर पर हो रही है ! तो आप ने उसकी ताबीर में फरमाया कि यह शख्स गुनाहगार है ! इसके गुनाह ज्यदा हो गए हैं ! और इसकी ख़ताओं ने इसको घेर लिया है !
क्या अल्लाह तआला का यह कौल नहीं सुना ” व अम्तरना अलैहिम मतरन फ़साअ मतरूल्सुन्ज़रीना ” ( कि हम ने उन पर बारिश बरसाई तो जिन लोगों को डराया गया है ! उन पर बारिश बुरी हुई ।