Friday, May 10, 2024
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ख़्वाब में दुनिया की आग देखने की ताबीर

दुनिया की आग ( khwab mein aag ) की ताबीर कई तरह पर दी जाती है ! मिसाल के लिए अगर किसी ने यह देखा कि आग किसी ऐसे शहर या मुहल्ले या घर में लगी है ! जहां की जमीन बंजर है ! और आग में लपट और शोले हैं ! और जिस पर वह आग गिरती है ! उसको खा जाती है !

और आग में खरतरनाक आवाज़ भी है ! तो उसकी ताबीर यह है कि जितनी आग और लपट उस ज़मीन को घेरे होगी ! उसमें जुल्म वाक़ेअ होगा ! मतलब ज़ुल्मो सितम होंगे !

और अगर ज़मीन बंजर न हो तो फिर उसकी ताबीर यह है कि वहां पर ताउन या बरसात या चेचक या मौत होगी ! और अगर आग में लपट और शोले न हों ! Aur आवाज़ भी न हो और कुछ खाती हो , कुछ छोड़ती हो ! तो यह हादसे व मर्ज हैं ! जो वहां पर वाक़ेअ होंगे !

Khwab Mein Aag Dekhne Ki Taabir

अगर किसी ने यह देखा कि आग ( khwab mein aag ) आसमान से उतरी ! तो अगर यह न देखा कि उसने किसी चीज को खाया है ! तो उसकी ताबीर यह है कि यह बहुत ज्यादा सख़्त मामला है ! जुबान से झगड़ा होगा ! अगरचे उसमें कोई नुक्सान न होगा ! लेकिन अगर उसमें धुआं भी मालूम हो ! तो फिर यह मामला आसान रहने की दलील है !

और अगर यह देखा कि आग किसी जगह से आसमान पर चढ़ी है ! तो उसकी ताबीर यह है कि उस जगह के रहने वालों ने गोया अल्लाह से जंग शुरु करदी है ! कि गुनाह कर रहे हैं !

और अगर किसी ने ख़्वाब में आग ( khwab mein aag ) की लपट देखी ! कि इससे वह या कोई और शख्स ताप रहा है ! तो इसका मतलब यह है कि वह एक ऐसे मामले को बढ़ाएगा ! जिससे उसको फायदा होगा ! और उसकी तंगदस्ती दूर हो जाएगी !

इसलिए कि सर्दी तंगदस्ती की निशानी है ! और गर्मी गोया लूट का माल ! अगर यह देखा कि उस पर गोश्त को भून रहा है ! तो लोगों की ग़ीबत से वह बचा रहेगा ! जो जुबान से उसको मिले ! और अगर उस भुने हुए गोश्त में से कुछ खाया ! तो उसको थोड़ी रोजी मिलेगी ! और रंज ज्यादा !

इसलिए कि भूनना रंज व गरानी है ! और अगर हांडी में उस आग पर खाना पकाए ! तो इसका मतलब यह है कि उक मामले में उसको घर से फायदा पहुंचेगा ! इसलिए कि हांडी की ताबीर घर के इन्तिज़ाम करने वाले से है ! और अगर हांडी में खाना न हो तो इसका मतलब यह है कि वह घर के बड़े को किसी बात से गुस्सा दिलाएगा !

ख़्वाब में दुनिया की आग देखने की ताबीर

या किसी नागवार बात पर उकसाएगा ! अगर किसी ने यह देखा कि आग ( khwab mein aag ) से उसके कपड़े जल गए या उसके जिस्म का कुछ हिस्सा जल गया ताे उसकी ताबीर यह है कि यह कपडा या हिस्सा जिससे उसका तअल्लुक जोड़ा गया है ! जिसकी तफ्सील आगे आएगी !

उसपर कोई मुसीबत आएगी ! और अगर उस आग में जिसने उसके कपड़े और जिस्म का हिस्सा जलाया है ! लपट और शोले हों ! तो उसकी ताबीर यह है कि उसको बादशाह नुक्सान पहुंचेगा ! वल्लाहु आलम !

अगर उसमें लपट न हो तो वह बरसाय का मर्ज़ है ! अगर किसी ने यह देखा कि वह आग को खा रहा है ! और उसमें लपट नहीं है ! तो उसकी ताबीर यह है कि वह यतीम का माल खा रहा है !

और अगर उसमें लपट भी है ! तो उसकी ताबीर यह है कि उसके बारे में लोग आपस में बात – चीत करेंगे ! और उसको तक्लीफ पहुंचेगी !

और अगर किसी ने ख़्वाब में यह देखा कि उसको आग ( khwab mein aag ) की लपट लग गई ! तो उसकी ताबीर यह है कि वह लोगों की जुबानों में पड़ गया ! और लोग उसकी गीबत करेंगे !

और आग से दाग देने की ताबीर यह है कि जितना दाग देखा है ! उतनी ही बुरी बातें वह सुनेगा ! और चिंगारियों की ताबीर बुरी बातो से है ! अगर यह देखा कि चिंगारियां उस पर आ रही हैं ! तो यह उसकी दलील है कि वह नागवार बातें सुनेगा ! और अगर उन पर चिंगारियों की ज्यादती हो ! तो उसकी ताबीर यह है कि उसको सख़्ती पहुंचेगी !

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Khwab Mein Aag Dekhne Ki Taabir

और अगर यह देखा कि उसके हाथ में आग का शोला है ! तो उसको बादशाह से तक्लीफ पहुंचेगी ! और अगर किसी ने यह देखा कि आग ( khwab mein aag ) बाजार में या दुकान में गिरी ! तो यह इस बात की पहचान है कि तिजारत के माल में निकासी ज्यादा होगी ! मगर यह कि कीमत हराम होगी !

अगर किसी ने यह देखा कि घर में एक चिराग बहुत तेज़ रोशन है ! तो यह इस बात की दलील है कि घर की हालत बहुत अच्छी है ! और अगर रोशनी कमज़ोर तो रोशनी ही के हिसाब से इस घर की हालत अच्छी होगी !

Aur अगर चिराग बुझ जाये ! और ख्वाब में कोई हालत ऐसी न मालूम हो ! जिससे उसके बुझने की वजह मालूम हो सके ! तो यह इस बात की पहचान है कि उसकी हालत में तब्दीली होगी ! और उसको नाखश्गवार हालतों का सामना होगा !

अगर किसी ने यह देखा कि वह आग ( khwab mein aag ) जला रहा है ! तो उसकी ताबीर यह होगी कि लोग उससे रोश्नी हासिल करेंगे ! या उससे हिदायत पायेंगे !

इसलिए कि रौशनी की ताबीर इल्म और हिकमत है ! जिससे लोग फायदा उठाते हैं ! और अगर किसी ने यह देखा कि वह राख को जमा कर रहा है ! या उसको उठा रहा है ! तो यह इस बात की दलील है कि वह झूटे इल्म को जमा कर रहा है ! और इससे कोई फायदा नहीं उठाएगा !

और जिसने यह देखा कि वह आग ( khwab mein aag ) जमा कर रहा है ! लेकिन वह सुलगती नहीं है ! तो इस की ताबीर ऐसे इल्म से है जो नफा न दे ! वल्लाहु आलम !

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