Monday, May 20, 2024
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ख़्वाब में अज़ान सुनने या पढ़ने की ताबीर

 ख़्वाब में अज़ान सुनने या पढ़ने , मस्जिद , मीनार हज छींक की ताबीर – Khwab Mein Azan

अगर किसी ने हज के महीनों में ख्वाब में अज़ान ( Khwab Mein Azan ) सुनी ! तो इस बात की पहचान है कि वह हज करेगा ! और कभी उसकी ताबीर यह भी होती है कि उसको दीन में बुजर्गी व बुलंदी हासिल होगी !

और अगर अज़ान ( Khwab Mein Azan ) हज के दिनों के सिवा और दिनो में सुनी ! या सारे वक़्तों आर ज़मानों में गलियों में ( Khwab Mein Azan ) अज़ान होते हुए सुनी ! तो यह इस बात की निशानी है कि लोगों में अच्छी और सही खबरें ज़ाहिर होंगी !

ख़्वाब में मस्जिद का मीनार देखने की ताबीर 

मीनारा- अगर किसी ने यह देखा कि मस्जिद का मीनारा गिर गया है !  तो यह इस बात की दलील है कि इस जगह के रहने वाले मुखलिफ मज़हब के मानने वाले हो जायेंगे !

अगर किसी ने यह देखा कि उसने अज़ान ( Khwab Mein Azan ) तो दी ! लेकिन पूरी नही दी और वह नेक और भलाई वाला है ! और अज़ान हज के महीनों के अन्दर दी तो यह इसकी निशानी है कि वह हज को तो जाएगा ! लेकिन हज न कर सकेगा !

अगर हज के महीने न थे तो यह इसकी निशानी है कि वह चोरी करेगा ! लेकिन इससे फायदा न उठा सकेगा ! और चोरी में शोहरत हो जाएगी !

अगर किसी ने यह देखा कि उसने मस्जिद ( Khwab Mein Masjid )बनाई है ! तो यह इसकी निशानी है कि वह एक जमाअत के साथ किसी भलाई के काम में या किसी की शादी कराने में शरीक होगा !

Khwab Mein Azan

अगर किसी ने देखा कि वह ऐसी जुबान में अज़ान जिसको वह नहीं जानता ! तो यह इस बात की निशानी है कि वह जबर्दस्त चोर है !

अगर किसी ने यह देखा कि उसने छीका है और दूसरे ने उसको “ यहमुकल्लाह ” कहा है तो यह हज व उमरे की खुशखबरी है ! और अगर किसी ने यह देखा कि उसने अपना सर मुण्डवा लिया है तो ! अगर हज का जमाना है तो हज को जाएगा ! और अगर हज का जमाना नहीं है तो उसका असल माल खत्म हो जाएगा ! जिसका जिक्र इंशाअल्लाह तआला आगे आएगा !

अगर किसी ने यह देखा कि वह मिम्बर पर वाज़ कर रहा है तो अगर वह उसके काबिल है तो बुजर्गी और बड़ी सल्तनत पाएगा ! और इसके लायक नहीं है तो सूली पर चड़ेगा !

 ख़्वाब में अज़ान सुनने या पढ़ने ताबीर

नकल- नकल है कि एक शख्स मुहम्मद बिन सीरीन अलैहिर्रहमह की खिदमत में हाज़िर हुआ और अर्ज किया कि मैंने ख्वाब में देखा है कि गोया मैं अज़ान दे रहा हूं ! तो उसकी ताबीर फरमाई कि तेरे दोनों हाथ काटे जायेंगे !

फिर दूसरा आदमी हज़रत की खिदमत में आया ! हालांकि पहला शख्स अभी गया न था ! उसने भी इसी तरह का ख्वाब बयान किया कि गोया मैं अज़ान ( Khwab Mein Azan ) दे रहा हूं ! तो उसकी ताबीर में फरमाया कि हज करेगा ! जिस पर आपके पास बैठने वालों ने सवाल किया कि दोनों में क्या फर्क था ! कि ख्वाब तो बराबर थे ?

तो हज़रत ने जवाब दिया कि पहले आदमी को देखा ! कि उसकी निशानी बुराई की निशानी मालूम होती थी ! तो मैंने अल्लाह तआला के इस कौल से ताबीर दी कि ” सुम्म अज़्ज़न मुअज़्ज़िनुन अय्यतुहन्ईरु इन्न कुम लसारिक़ून ” ( यानी फिर एक आवाज़ लगाने वाले ने आवाज़ लगाई कि ऐ काफिले वालो ! तुम चोर हो )

और दूसरे शख्स की निशानी मैंने नेकी की निशानी देखी , तो अल्लाह तआला के इस कौल से मैंने ताबीर दी कि ” व ज़्ज़िन फिन्नासि बिल्हज्जे ” ( और ऐलान कर दो लोगों में हज का )

चुनांचे जिस तरह हज़रत ने ताबीर दी , उसी तरह हुआ ! अल्लाह तआला उन पर रहमत फ़रमाए ! और कभी अज़ान ( Khwab Mein Azan ) इत्तेला के लिए भी होती है ! और कुरआन मजीद का नाज़िरा पढ़ना इस बात की निशानी है ! कि ख्वाब देखने वाला इल्म व हिकमत पाएगा ! और इसी तरह करआन मजीद की क़िराअत एक भली बात है !

 

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