Khwab Mein Kaaba Ke Andar Namaz Padhna
जिसने ख़्वाब में देखा कि वह किब्ले के अन्दर सीधा नमाज़ पढ़ रहा है ! तो यह इस बात की निशानी है कि वह अल्लाह तआला की तरफ हिदायत पर है ! और रसूलुल्लाह सल्लल्लाहू अलैहि व सल्लम की सुन्नतों पर अमल कर रहा है !
शर्त यह है कि वह रुकूऊ और सज्दा और खुशूअ पूरा – पूरा अदा कर रहा हो ! क्योंकि नमाज़ असल में अल्लाह तआला से मिलने का ज़रिया है और वह दीन की बुनियाद है ।
Khwab Mein Namaz Mein Kami Dekhna
किसी ने नमाज़ में कोई कमी देखी ! तो यह उसके दीन में उतनी ही कमी की निशानी है ! जितना कि देखा है । अगर किसी ने ख्वाब में यह देखा कि उसको किब्ला नहीं मिल रहा है ! तो यह इस बात की पहचान है कि दीन में शुबहा है और गुमराही की निशानी है !
और अगर उसने ख़्वाब में यह देखा कि ! उसने नमाज़ में ज्यादती की है तो गोया उसने या तो इस्लाम के रुक्नों में से किसी रुक्न पर एतराज़ किया है ! या यह कि इसमें शक किया है ! और अगर किसी ने यह देखा कि पूरब की तरफ रुख करके नमाज़ पढ़ी !
तो गोया वह फिरक – ए – कदरिया में शामिल हो गया ! और जिसने यह देखा कि उसने मग़रिब की तरफ रुख करके नमाज़ पढ़ी ! तो यह इस बात की पहचान है ! कि वह जबरिया फिरका में शामिल हो गया ! क्योंकि पूरब ईसाइयों का क़िब्ला है और मग़रिब यहूदियों का !
एक आदमी सईद बिन मुसय्यिब की खिदमत में हाज़िर हुआ ! अर्ज़ किया – कि मैंने ख़्वाब में देखा है कि काबा के ऊपर नमाज़ पड़ रहा हूं । तो उन्होंने फ़रमाया कि अल्लाह तआला से डर ! मेरा यह ख़्याल है कि तू दीने इस्लाम से निकल चुका है ! तो उसने अर्ज किया हुज़ूर ! मैं आपके हाथ पर तौबा करता हूं कि मैं लगभग दो महीने से कदरिया फिरके की बातों पर चल रहा था !
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