Happy Ramzan
अस्सलामो अलैकुम भाइयो और बहनो सबसे पहले happy ramzan – रमजान मुबारक ! अल्लाह रमज़ानुल मुबारक के सदके में आपकी सारी जायज़ दुआए क़ुबूल अता फरमाए !
इस पोस्ट में में हमने happy ramzan की 60 + इमेजेस अपलोड (Happy Ramzan images upload ki hai ) की है !
भाइयो और बहनो आप सब से इल्तिज़ा है की अपने मोबाइल पर दूसरे गाने बजाने के स्टेटस की बजाय आप happy ramzan status images लगाए ! और गुनाहो से बचे !
इस पोस्ट में लगभग 60 इमेजेज है जो पुरे रमज़ान में स्टेटस पे लगाई जा सकती है ! उम्मीद करता हु आपको happy ramzan के ये स्टेटस पसंद आएंगे !
Wish you happy ramzan
Ai ALLAH Sri Ummat Ke Gunaho Ko Bakhs de
Garmi Ho Ya Koi Bhi Virus In-Sha-ALLAH Roze To Pure Rakhnge – Happy Ramzan
गर्मी हो या कोई भी वायरस इंशाअल्लाह रोज़े तो पुरे रखेंगे
rahmato ka mahina mubarak
barkato ka mahina mubarak
maghfirat ka mahina mubarak
Happy Ramzan – Dil Se
Allah Kare Is Ramzan Apki Sari Dua Kubul Ho Jaaye – Happy Ramzan
Teri Hi Khushbu Se Mahe Ramzan Ye Bage Alam Mahak Raha Hai – Happy Ramzan
Is Ramzan Dil Kholkar Sadka Karo
Mahe-Ramzan Muhammad Sallaho Alehi Wa sallam Ki Ummat Ka Mahina Hai Is Mahine Sirf Ibadat Hogi
Ramzan mein Rab Ko Manalo Shayad Wo Man Jaaye –
Mahe-Ramzan Mubarak
Hadees – Ramzanul Mubarak
Paigam-e-Mahe Ramzan
Mahe Ramzan Ka Paigam
Paigam-e-Mahe Ramzan
Ramzan Mubarak Images
Mahe Ramzan Ka Paigam
Paigam-e-Mahe Ramzan
Mahe Ramzan Ka Paigam
Paigam-e-Mahe Ramzan
Mahe Ramzan Ka Paigam
Paigam-e-Mahe Ramzan
Mahe Ramzan Ka Paigam
Paigam-e-Mahe Ramzan
Ramzanul Mubarak Saal Ka Dil Hai
Dua-e-Iftar Or Sehri
रसूले . अकरम नूरे मुजस्सम सल – लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने इरशाद । फरमाया : अल्लाह तआला फरमाता है ! कि मुझे अपने बन्दों में सबसे ज्यादा पसंद वह है ! जो इफ़तार में जल्दी करने वाला हो । ( तिर्मिजी : जि . 1 , सं . 150 )
iftaar ki dua
अल्लाहुम्मा ल क सुम्तु व बि क आमन्तु व अलै क तवक्कलतु व अला रिज़ कि क अफ़तरतु
तर्जुमा – इफ़तार करने के बाद यह दुआ पढ़े तर्जुमा : ऐ अल्लाह ! मैंने तेरे लिए रोज़ा रखा और तुझ पर ईमान लाया !और तुझ पर भरोसा किया ! और तेरे दिए हुए से इफ़तार किया तो तू मुझ से इसको कुबूल फरमा !
हुजूर नबी करीम सल – लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया ! तीन आदिमियों की दुआ रद्द नहीं की जाती । रोज़ादार की इफ़तार के वक्त , आदिल बादशाह की और मजलूम की दुआ ।( तिर्मिज़ी व इब्ने माज़ा )
गीबत ऐसा सख्त तरीन गुनाह है ! कि अल्लाह तबारक व तआला ने इसे ” अपने मुर्दार भाई का गोश्त खाने ” से ताबीर फरमाया है ,लिहाजा हमें हमेशा और खुसूसन माहे रमजानुल मुबारक में रोजे की हालत में गीबत से बचने की कोशिश करनी चाहिए
अपनी आंखों को गैर मरहम औरतों , टी . वी . , नाच गाना , फिल्म , उरियाँ तसवीरें देखने से बचाना होगा क्योंकि इन चीजों को देखने से दिल में गुनाह करने का ख्याल पैदा होता है और वह हमारे रोज़ा की रूहानियत को मुर्दा कर देता है । लिहाजा मजकूराबाला चीजों से अपनी निगाहों की हिफाजत करें ।
Happy Ramzan IMages
हजरत कअब रदियल्लाहो तआला अन्हो फरमाते हैं । कि जो शख्स रमज़ान शरीफ के रोजे पूरे करे । और उसकी नियत यह भी हो कि रमज़ान के बाद भी गुनाहों से वचता रहूँगा । वह बगैर हिसाब व किताब और बगैर सवाल व जवाब के जन्नत में दाखिल होगा ।
हजरत अबू हुरैरा रदियल्लाहो तआला अन्हो से रिवायत है । कि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया : कसम है । उस जात की जिसके कब्ज – ए – कुदरत में मेरी जान है । रोज़ादार के मुँह की बू अल्लाह के नजदीक मुश्क से ज्यादा बेहतर है । ( बुखारी शरीफ )
हुक्का , सिगार , सिग्रेट , पान , तम्बाकु , पीने खाने से रोज़ा ( Roza ) टूट जाता है । अगर्चे पान या तंबाकु की पीक थूक दी हो , क्योंकि इसके बारीक अजजा ज़रूर हलक में पहुंचते है ।
मक्खी , धुवां , गुबार , हलक में जाने से रोज़ा (Roza) नहीं टूटता ! ख़्वाह वह गुबार आटे का ही क्यों न हो जो चक्की पीसने से उड़ता है ।
तेल , सुर्मा लगाया तो रोजा Roza न टूटा ! अगरचे तेल या सुर्मा का मजा हलक में महसूस होता हो । बल्कि थूक में सुर्मा का रंग भी दिखाई देता हो ! तब भी रोजा (Roza) नहीं टूटता ।
रोजा और कुरआन कयामत के दिन बंदे की शफाअत करेंगे , रोजा कहेगा , ऐ अल्लाह ! मैंने इसे खाने और ख्वाहिशात से दिन में रोके रखा । कुरआन कहेगा . मैंने इसे रात को सोने से रोके रखा , मैं इसकी शफाअत । करता हूं हमारी शफाअत कुबूल फरमा । चुनान्चे दोनों की । सिफारिश कुबूल कर ली जाएगी ।
हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसऊद रदियल्लाहो तआला अन्हुमा को यह शर्फ हासिल है ! कि हुजूर नबी करीम सल – लल्लाहो अलैहि वसल्लम उन्हें हर साल रमजानुल मुबारक Happy Ramzan में सारा कुरआन मजीद सुनाते ! और विसाल के साल दो-बार कुरआन मजीद सुनाया ।