Friday, May 10, 2024
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इब्ने ज़्याद का ख़त – जब हज़रत इमाम हुसैन रजियल्लाहु तआला अन्हु ने उस खत को पढ़कर फेंक दिया

इब्ने ज़्याद का ख़त – Ibne Zyad Ka Khat

हजरत इमाम हुसैन रजियल्लाहु तआला अन्हु ने मकामे करबला में क्याम फरमाया तो इब्ने-ज़्याद ने एक ख़त हज़रत इमाम हुसैन रजियल्लाहु तआला अन्हु की तरफ इस मजमून का भेजा कि ! या तो यजीद की बैअत कीजिये ! या लड़ने को तैयार हो जाइये !

हज़रत इमाम हुसैन रजियल्लाहु तआला अन्हु ने उस खत को पढ़कर फेंक दिया ! और कासिद से फरमायाः मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं ! इब्ने-ज़्याद यह सुनकर गुस्से में आ गया !

इब्ने ज़्याद का ख़त

इब्ने-सअद को बुलाकर कहा कि तुम एक मुद्दत से मुल्के रय के हाकिम बनने की तमन्ना रखते हो, लो आज मौका है ! तुम हुसैन के मुकाबले के लिये जाओ ! और हुसैन को मजबूर करो कि वह यज़ीद की बैअुत करे ! वरना उसका सर काट कर ले आओ !

दुनिया का कुत्ता इब्ने -सअद मुल्क रय की हुकूमत के लालच में आकर हजरत इमाम रजियल्लाहु तआला अन्हु के मुकाबले के लिये तैयार हो गया !

करबला में पहुंचकर उसने हजरत इमाम रजियल्लाहु तआला अन्हु से दर्याफ्त किया कि आप यहां किस वास्ते से आये हैं ?

आपने फरमाया कूफियों ने खुतूत लिखकर मुझे बुलाया ! मैं खुद यहां नहीं आया ! मगर अब जबकि तुम सबकी बेवफाई मुझे मालूम हो गयी है ! तो मुझे अब भी तुम लोग वापस जाने दो ! और मुझसे मुकाबला में न आओ !

इब्ने सअद ने हज़रत इमाम रजियल्लाहु तआला अन्हु की गुफ़्तगू की इत्तिला इब्ने-ज़्याद को दी ! तो इब्मे-ज़्याद ने गुस्से से हुक्म भेजा ! कि तुम्हें हुसैन से लड़ने को भेजा है ! सुलह करने नहीं भेजा !

हम सिवा बैअत के हुसैन से कुछ भी कुबूल नहीं करेंगे ! फिर इने-ज्याद ने शिमर शैत वगैरह जालिमों को सरदार बनाकर हज़ारों की त़दाद में और फौजें भी भेज दीं ! और हुक्म दे दिया कि हुसैन का पानी भी बंद कर दिया जाये ! और उसे हर तरह से तंग किया जाये !

(तकीहुश-शहादतैन सफा 56 )

सबक :

हज़रत इमाम हुसैन रजियल्लाहु तआला अन्हु दीन के लिये मैदान में तशरीफ लाये ! और इब्ने सअद वगैरह यजीदी लोग दुनियावी हुकूमत के लालच में हज़रत इमाम के मुकाबले में आये ! यह भी मालूम हुआ कि हज़रत इमाम रजियल्लाहु तआला अन्हु आखिर तक उन पर इत्तामे हुज्जत फरमाते रहे ! कि तुम अगर अब भी मुकाबले में न आओ तो मैं वापस चला जाऊ ! मगर वह लोग ख़ुद ही इस फ़ित्ने के पैदा करने वाले थे !

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