Friday, May 10, 2024
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sabar ki talqeen – तलकीने सब्र

तलकीने सब्र – sabar ki talqeen

हजरत इमाम हुसैन रज़ियललाहु तआला अन्हु जब दश्ते करबला में उतरे ! तो आपने अहले बैत में यह वाज फ़रमाया कि :

मेरी मुसीबत व जुदाई पर सब्र करना ! जब मैं मारा जाऊं तो हरगिज मुंह न पीटना ! और बाल न नोचना ! और गिरेबां चाक न करना ! ऐ मेरी बहन जैनब ! तुम फातिमा जोहरा की बेटी हो ! जैसा उन्होंने हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसलल्‍लम की जुदाई पर सब्र किया था ! उसी तरह तुम भी मेरी मुसीबत पर सब्र (Sabar) करना !

(अनारतुल-बसाइर सफ़ा 267 , वहवाला नासिखुत तवारीख़ मंकूल अज़ फ़ैसला शरईआ सफ़ा 41 )

सबक्‌ : सबका इस बात पर इत्तिफाक़ है कि हज़रत इमाम हुसैन रजियल्लाहु तआल अन्हु ने खुद भी सब्र ( Sabar ) फरमाया और अपने मुतअल्लिकीन को भी सब्र व शुक्र से रहने की तलकीन फुरमाई ! इसी तरह हमें भी सब्र व शुक्र से काम लेना चाहिये ! जजअ्‌ व फज़ा (रोना पीटना) से बचना चाहिये ! ताकि इमाम आली मकाम की खुशनूदी हासिल हो !

Battle Of Karbla Hindi 

 

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