Friday, May 10, 2024
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ख़्वाब में सितारे देखने की ताबीर

Khwab Mein Sitare Dekhne Ki Tabir – ख़्वाब में सितारे देखने की ताबीर

अगर किसी ने ख़्वाब में कोई सितारा ( Khwab Mein Sitara ) देखा तो वह वज़ीर से या किसी बड़े आदमी से ईज़्ज़त पाएगा !

सितारों ( Khwab Mein Sitara ) की ताबीर ईज़्ज़त वाले लोगों से की जाती है ! यानी अगर किसी ने ख़्वाब में देखा कि सितारों में सलाहियत या तब्दीली है ! तो गिनती उस शहर के इज़्ज़त वाले लोगों में होगी !

मिर्रीख़ ( मंगल ) की ताबीर बादशाह के सिपहसालार से की जाती है ! और जुहल की ताबीर अज़ाब वाले से ! और मुश्तरी की माल के खजान्ची और सल्तनत का इन्तिज़ाम संभालने वाले मुदब्बिर से और कभी बड़े आलिम से की जाती है और ज़हरा की ताबीर बादशाह की बीवी से और अतारिद की उसके कातिब से !

Khwab Mein Sitare Dekhne Ki Tabir

अगर किसी ने यह देखा कि वह बहुत से सितारों का या कुछ सितारों का मालिक बना है ! तो उसकी ताबीर यह होगी कि जितने सितारों का वह मालिक बना है ! उतने ही शरीफ व खसीस लोगों का हाकिम बनेगा और जिसने देखा कि वह सितारों की निगहबानी कर रहा है ! तो वह लोगों के मामलों का ज़िम्मेदार बनेगा ।

और अगर किसी ने यह देखा कि वह सारे सितारों को या कुछ सितारों ( Khwab Mein Sitare ) को खा रहा है ! तो उसकी ताबीर यह है कि वह शरीफों का माल खा रहा है !

और अगर किसी ने सितारों ( Khwab Mein Sitare ) को एक जगह पर जमा देखा ! तो इसका मतलब यह है कि वह शरीफ लोगों के मामलों में कोशिश करेगा ! और सितारों का आसमान से जमीन पर गिरना इस बात की दलील है कि जिस जगह वे सितारे गिरे है ! उस जगह अज़ाब नाज़िल होगा !

जिसने यह देखा कि उसने सितारे को अपने हाथ में ले लिया है ! तो यह इस बात की दलील है कि उसके एक शरीफ़ लड़का पैदा होगा !

ख़्वाब में सितारे देखने की ताबीर

और अगर किसी ने यह देखा कि आसमान से सितारे गिरे हैं ! तो इसका यह मतलब है कि अगर वह मालदार होगा ! तो मुहताज हो जाएगा ! और मुहताज होगा तो शहादत पर उसकी मौत होगी !

और अगर एक सितारे ( Khwab Mein 1 Sitare ) को देखा तो वह नहूसत का मालिक होगा ! क्योंकि वह चटयल मैदानों में निकलता ! और जिसने यह देखा है कि आसमान उसको गर्दिश दे रहा है ! तो उस की ताबीर यह है कि वह सफर करेगा !

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नकल है कि इमाम शाफई रहमतुल्लाह अलैहि की वालिदा ने , ( जब कि इमाम शाफई उनके पेट में थे ) ख़्वाब में देखा कि एक सितारा ( Khwab Mein 1 Sitara ) जिसका नाम मुश्तरी है ! वह आपके जिस्म से निकला और मिस्र में उतरा ! फिर वहां से तेज दौड़ा और उससे हर शहर में बड़ी बड़ी चिंगारियां उडीं !

( 1 ) कोई शहर और कोई गांव ऐसा बाकी न रहा जहां आपका इल्म और मजहब न पहुंचा हाे ! और इमाम शाफई को वही मर्तबा हासिल हुआ ! जिसकी आपने ताबीर दी थी ! अल्लाह तआला उन सब पर रहमत नाजिल फरमाए !

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