Friday, May 10, 2024
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Masjid e Aqsa – बैतूल_मुकद्दस की बुनियाद और सुलेमान अलैहिस्सलाम की वफ़ात

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मुल्के शाम में जिस जगह हज़रते मूसा अलैहिस्सलाम का खैमा गाड़ा गया था ! ठीक उसी जगह हज़रते दावूद अलैहिस्सलाम ने बैतुल मुक़द्दस ( Masjid e Aqsa ) की बुन्याद रखी ! मगर इमारत पूरी होने से कब्ल ही हज़रते दावूद अलैहिस्सलाम की वफ़ात का वक्त आन पहुंचा !

Masjid e Aqsa – Baitul Muqaddas Ki Buniyad Aur Suleman Alaihissalaam Ki Wafat

और आप ने अपने फ़रज़न्द हज़रते सुलैमान अलैहिस्सलाम को इस इमारत ( Masjid e Aqsa ) की तक्मील की वसिय्यत फ़रमाई ! चुनान्चे हज़रते सुलैमान अलैहिस्सलाम ने जिन्नों की एक जमाअत को इस काम पर लगाया ! और इमारत ( Masjid e Aqsa ) की ता’मीर होती रही !

यहां तक कि आप की वफ़ात का वक्त भी करीब आ गया ! और इमारत मुकम्मल न हो सकी तो आप ने येह दुआ मांगी ! कि इलाही मेरी मौत जिन्नों की जमाअत पर ज़ाहिर न होने पाए ! ताकि वोह बराबर इमारत ( Masjid e Aqsa ) की तकमील में मसरूफ़े अमल रहें !

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और इन सभी को जो इल्मे गैब का दावा है ! वोह भी बातिल ठहर जाए ! येह दुआ मांग कर आप मेहराब में दाखिल हो गए ! और अपनी आदत के मुताबिक़ अपनी लाठी टेक कर इबादत में खड़े हो गए ! और इसी हालत में आप की वफ़ात हो गई !

मगर जिन्न मज़दूर येह समझ कर कि आप ज़िन्दा खड़े हुवे हैं ! बराबर काम में मसरूफ़ रहे ! और अर्सए दराज़ तक आप का इसी हालत में रहना जिन्नों के गुरौह के लिये कुछ बाइसे हैरत इस लिये नहीं हुवा कि वोह बार-बार देख चुके थे ! कि आप एक-एक माह बल्कि कभी कभी दो-दो माह बराबर इबादत में खड़े रहा करते हैं !

गरज़ एक साल तक वफ़ात के बाद आप अपनी लाठी के सहारे खड़े रहे ! यहां तक कि ब हुक्मे इलाही दीमकों ने आप के असा को खा लिया ! और असा के गिर जाने से आप का जिस्मे मुबारक ज़मीन पर आ गया !

उस वक्त जिन्नों की जमाअत और तमाम इन्सानों को पता चला कि आप की वफ़ात हो गई है ! कुरआने मजीद में अल्लाह तआला ने इस वाकिए को इन लफ़्ज़ों में बयान फ़रमाया है कि !

तर्जमए कन्जुल ईमान : – 

फिर जब हम ने उस पर मौत का हुक्म भेजा जिन्नों को उस की मौत न बताई ! मगर ज़मीन की दीमक ने कि उस का असा खाती थी ! फिर जब सुलैमान ज़मीन पर आया जिन्नों की हक़ीक़त खुल गई ! अगर गैब जानते होते तो इस ख्वारी के अज़ाब में न होते !

Note – हज़रत सुलैमान अलैहिस्सलाम को अल्लाह तबारक वतआला ने जिन्नो इंसानो पशु जानवरो और परिंदो सबपे हुकूमत करने की नैमत से नवाज़ा था !

एक चींटी हो या हाथी या समंदर की मछली – आपकी सबपर हुकूमत थी ! आप सबसे उन्ही की भाषा में बात कर लिया करते थे !

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