अत्तहिय्यात क्या है ? What Is Attahiyat ?

 
आसमान मेँ अल्लाह और उसके रसूल हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि व सल्लम के दरमियान की मेअराज के वक्त की गुफ्तगु (बात-चीत ) को ही अत्तहिय्यात कहते है ! 
जब हमारे नबी हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैही वस्सल्लम अल्लाह से मुलाकात के लिए हाज़िर हुए । तो मुलाकात के वक्त रसूलअल्लाह सल्लल्लाहु अलैही वस्सल्लम ने अल्लाह तबारक वतआला से सलाम नही किया, 
क्यूंकि  हकीकत मे हम अल्लाह को सलाम पेश नहीँ कर सकते ! क्यूंकि तमाम सलामती अल्लाह की तरफ से है इसलिए हमारे नबी हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैही वस्सल्लम ने अल्लाह को सलाम न करते हुए यह फरमाया: –
“अत्तहिय्यातु लिल्लाही वस्सलवातु वत्तैयिबातु
जिसका हिंदी तर्जुमा कि – तमाम बोल से अदा होने वाली और बदन से अदा होने वाली तमाम इबादते अल्लाह के लिए है 
इसपर अल्लाह तबारक वतआला  ने जवाब दिया- 
 
अस्सलामु अलैका अय्युहन नबिय्यु व रहमतुल्लाही व बरकातुहू
 
जिसका हिंदी तर्जुमा कि –  सलामती हो तूम पर या नबी, और रहम और बरकत हो !
 
हमारे नबी हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैही वस्सल्लम ने फरमाया:
 
अस्सलामु अलैना व अला इबादिल्लाहिस्सालिहीन
 
जिसका हिंदी तर्जुमा कि – सलामती हो हम पर और अल्लाह आपके नेक बन्दो पर
 
यहा गौर करो, नबी ने सलामती हो मुझ पर ऐसा नही कहा बल्की सलामती हो “हम पर” यानी उम्मत पर ऐसा कहा
यह सब वाकेआ “फरिश्तो” ने सूना और ये सब सुनकर फरिश्तो न अर्ज किया:- 
 

अशहदु अल्ला इलाहा इल्ललाहु व अशहदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहू व रसूलुहु *

जिसका हिंदी तर्जुमा कि – हम गवाही देते है की, अल्लाह के सिवाह कोई इबादत के लायक नही है ! और हम गवाही देते है की, हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैही वस्सल्लम अल्लाह के नेक बन्दे और रसूल है