अहद नामा – ahad nama hindi mein
बहुत से बजुर्गों ने लिखा है कि यह अहदनामा भी बहुत सी बरकतो वाला है बल्कि किताबों मे तो इतनी लम्बी असवाद इस अहद नामे की लिखी हैं कि पढने से मालूम होता है कि जेसे यह भी ( ahad nama sharif ) किसी इस्मे आज़म से कम नहीं !
चुंकि इसरारे उलूम ये ज़बा बन्दी शर्त हे इसलिए सिवाए मान लेने से चारा नहीं ! वैसे यह मी सुना गया है कि इस अहदनामे शरीफ़ ( ahad nama sharif ) की बरक़त से बहुत सो के काम बन गए है !
कोई वजह नहीं कि अल्लाह की तारीफ़ की जाए ! और वह तारीफ़ करने वाले के दिल की मुराद पूरी न करे ! अहदनामा को हिंदी ( ahad nama in hindi meanings ) में इकरार नामा कहते है !
ahad nama in hindi
बिस्मिल्ला हिर्रहमा निर्रहीम
अल्लाहुम्मा फ़ाति-रस्समावाति वल् अर्जि अ़ालिमुल् ग़ैबि वष्शहा-दति
अन्तर्रहमानुर्रहीम् अल्लाहुम्मा इन्नी अअ्-हदु इलैक फ़ी
हाज़िहिल् हयातिद्दुन्या वअश्-हदु अल्लाइला-ह इल्लल्लाहु अन्त
वह्-द-क ला शरी-क ल-क व अश्-हदु अन्न् मु-हम्म-दन् अ़ब्दु-क
व-रसू-लु-क फ़ला तकिल्नी इला नफ़्सी फ़इन्न-क इन् तकिल्नी
इला नफ़्सी तु-क़र्रिब्नी इ-लश्शर्रि वतुबा अि़द्नी मि-नल्
ख़ैरि वइन्नी ला अत्तकिलु इल्ला बि-रह्-मति-क फ़ज्-अ़ल्ली अिन्-द-क
अ़ह्दन् तु-वफ़्फ़ीहि इला यौमिल् क़ियामति इन्न-का ला तुख़्लिफुल् मीअ़ाद् 0
व-सल्लल्लाहु तअ़ाला अ़ला ख़ैरि ख़ल्क़िही मु-हम्मदिंव्व आलिही व-अस्हाबिही
अज्मअ़ीन् बि-रह्-मति-क या अर्-ह-मर्राहिमीन् 0
तर्जुमा – अहद नामा ahad nama tarjuma
शुरू करता हूँ अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और रहम वाला है
ऐ मेरे अल्लाह आसामानों और जमीन के पैदा करने वाले , ग़ायब व हाजिर के जानने वाले तू बड़ा मेहरबान बख़्शिश वाला है !
इलाही मै इस दुनिया की ज़िन्दगी में तेरे साथ अहद य इकरार करता हूँ ओर इस बात की गवाही देता हूँ कि तेरे सिवा इबादत के लायक कोई नहीं ! तू बेमिसाल है तेरा कोई साझी नहीं ! और मै इस बात की भी गवाही देता हूँ कि जनाब मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि व सल्लम तेरे बन्दे और रसूल है !
तो तू मुझे मेरे नफ़्स पर न छोड ! क्योंकि अगर तू मुझे मेरे नफ़्स के हवाले कर देगा तो मुझे बुराई के करीब और नेकी से दूर कर देगा ! और मुझे तो केवल तेरी रहमत का भरोसा है तो अपने यहा भी मेरा अहद कर दे ! जिससे क़ियामत के दिन तक पूरा करे ! तू कभी अहद की खिलाफ वर्जी नहीं करता ! और लोगों का भला चाहने वाले मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि व सल्लम पर और तमाम आल व असहाब पर अल्लाह की रहमत नाज़िल हो ! रहम करने वालो से सबसे बड़े रहम करने वाले अपनी रहमत से – मेरी अर्ज़ी [ विनती ] कुबूल कर
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