हुजूर गौसे आजम रजियल्लाहु तआला अन्हु की फूफी एक मर्तबा जीलान में बारिश न होने की वजह से बडी परेशानी हो गयी ! लोगों ने बहुत दुआयें की मगर बारिश न हुई !
आखिर बहुत से लोग जमा होकर हुजूर गौसे आज़म रजियल्लाहु तआला अन्हु की फूफी हज़रत आइशा रहमतुल्लाह अलैहिर्रहम: की खिदमत में हाजिर हुए और अर्ज किया कि बारिश न होने की वजह से बडी परेशानी हो रही है ! दुआ फ़रमाइये ! ताकि अल्लाह तआला बारिश फ़रमाये !
गौसे आजम रजियल्लाहु तआला अन्हु ( अब्दुल क़ादिर जीलानी ) की फूफी उठी ! और झाडू देकर अपने घर का सेहन साफ़ करने लगीं ! और फिर हाथ उठा कर कहने लगीं इलाही ! सेहन को साफ़ मेंने कर दिया ! अब छिड़काओं तूकर दे !
इतना फ़रमाना ही था कि अब्र आ गया ! और बारिश होने लगी !
(बहजतुल असरार सफा 98 )
हुजूर गौसे आजम रजियल्लाहु तआला अन्हु की फूफी
सबक: हुजूर गौसे आज़म रजियल्लाहु तआला अन्हु के वालिदैन और मुतअल्लिकीन सभी अल्लाह के मकबूल बंदों में थे ! यह भी मालूम हुआ कि अल्लाह तआला अपने मक़बूलों की दुआ जल्दी सुनता है !
You Also Read This Article