रमजान का चांद और हुजूर गोसे आज़म
एक मर्तबा रमजान शेरीफ़ के चांद के बारे में कुछ इख़्तिलाफ़ पैदा हो गया ! बाज लोग कहते थे कि चांद हो गया बाज़ कहते थे नहीं हुआ !
हुजूर गोसे आज़म रजियल्लाहु तआला अन्हु की वालिदा ने इरशाद फ़रमाया कि मेरा यह बच्चा ( हुजूर गौसे आज़म रजियल्लाहु तआला अन्हु ) जब से पैदा हुआ है ! रमजान शरीफ़ के दिनों में सारा दिन दूध नहीं पीता !
आज भी चूंकि अब्दुल कादिर (रजियल्लाहु अन्हु) ने दूध नहीं पिया ! इसलिये रात को वाक़ई चांद हो गया है ! चुनांचे फिर तहक़ीक़ करने पर यही साबित हुआ कि चांद हो गया !
( बहजलुल असरार, सफा 76 )
रमजान का चांद और हुजूर गोसे आज़म
सबक : अल्लाह वालों की सीरत बचपन ही से अच्छी होती है ! उनकी आदात इब्तिदा ही से शरई आदत होती है ! फिर अगर एक ऐसा शख्स जिसने उम्र भर एक भी रोजा न रखा हो !
हुजूर गौसे आज़म रजियल्लाहु तआला अन्हु की शाने वाला में कोई गुस्ताखी करे तो वह किस क़द्र गुस्ताख़ है ?
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