Friday, May 10, 2024
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Islamic Message For Corona Virus Or Fleg Fivar In Hindi

Islamic Message For Corona Virus Or Fleg Fivar In Hindi – कोरोना वायरस या फ्लू बुखार के लिए इस्लामी संदेश

महामारी के वक़्त क्या करे कुछ बाते हदीस की रौशनी में

 1- कोरेनटाइन करें –

हुजूर ने फरमाया है कि जिस शख्स को संक्रामक रोग है, उससे दूर रहने की हिदायत दी गई है। [सही अल बुखारी वाल्यूम 07- 71- 608 ]

2- सोशल डिस्टैंसिंग रखें –

हुजूर ने फरमाया है कि जिस किसी को भी संक्रामक रोग है! उसे सेहतमंद लोगों से दूर रखने की हिदायत दी गई है। [अल बुखारी 6771 एवं अल मुस्लिम 2221]

3- सफर पर पाबंदी –

उन जगहों पर जाने से परहेज करें, जहाँ पर ये महामारी हो ! और अगर आप उसी शहर में ! या उसी जगह पर हों ! तो उस जगह को छोड़कर बाहर न जाएं ! [अल बुखारी (5739) एवं अल मुस्लिम (2219)]

Islamic Message For Corona Virus

4- दूसरों को नुकसान न पहुंचाएं –

हुजूर ने फरमाया है कि यदि आप संक्रामक रोग से पीड़ित हैं, तो आपका फर्ज है कि दूसरों तक इसे न पहुंचने दें। दूसरों को मुसीबत में न डालें। [सुनान इब्न माज़ा (2340)]

5- घर पर रहें –

हुजूर ने फरमाया है कि जो स्वयं अपनी हिफाज़त के लिए घर पर रहते हैं, उनकी हिफ़ाज़त अल्लाहताला करता है। [मुसनद अहमद, सही]

6- घर ही मस्जिद –

हुजूर ने फरमाया है कि ऐसी महामारी के वक्त आपका घर ही आपकी मस्जिद है। जो सवाब (पुण्य) मस्जिद में नमाज का है। ऐसे समय में वही सवाब घर में पढ़ी हुई नमाज का है। [अल तिरमज़ी(अल-सलाह, 291)]

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कोरोना वायरस या फ्लू बुखार के लिए इस्लामी संदेश

7- सब्र ही इलाज है –

हुजूर ने फरमाया कि जब अल्लाह ताला इस किस्म की बीमारी भेजता है ! तो उसका इलाज भी भेजता है ! यानी वह आपके सब्र का इम्तेहान ले रहा है ! अल बुखारी [(वाल्यूम 07, बुक 71, संख्या 582)]

8- फेस मास्किंग –

हुजूर को जब छींक या खांसी आती थी ! तो वह खुद कपड़े से अपने मुँह को ढक लिया करते थे ! [(अबू दाऊद, अल तिरमज़ी, बुक 43, हदीश 2969), सही]

9- हाथ धोना –

हुजूर ने फरमाया कि अपने घर आते ही अपने हाथ धो लें। साफ-सफाई ही आधा ईमान है। ऐसे भी इस्लाम में पांचवक्ता नमाज फर्ज है। और नमाज से पहले वज़ू फर्ज है। [अल मुस्लिम (223)]

10- होम कोरेंटाइन –

हुजूर की सलाह है कि जिस शख्स को संक्रामक रोग है, और अगर वह घर रहकर ही सब्र के साथ इबादत करे, तो वह अल्लाह की रहमत से महरूम नहीं होगा। क्योंकि जिंदगी और मौत अल्लाह के हाथ है। [मुसनद अहमद, सही अल बुखारी(2829) एवं अल मुस्लिम(1914)]

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