Friday, May 10, 2024
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Ramzan Ki Fazilat – Mahe Ramzanul Mubarak

रमज़ानुल मुबारक – Ramzan Ki Fazilat

हज़रत रसूले ख़ुदा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम फ़रमाते हैं कि रमज़ान का महीना बडी फ़जीलत और बर्कत वाला महीना है। यह महीना सब्र, शुक्र और ईबादत का हैं ! इस मुबारक महीना की ईबादत का सवाब सत्तर दर्जा अता होता है ! जो कोई अपने परवरदिगार की ईबादत करके उसकी रज़ा हासिल करेगा तो परवरदिगार उसको बहुत ज्यादा (अधिक) सवाब अता फ़रमायेगा !

रमज़ान की पहली रात में इशा की नमाज़ के बाद एक मर्तबा सूर: फतह पढना बहुत अफजल हैं ! इस माह की पहली रात को तहज्जुद की नमाज़ के बाद आसमान की तरफ मुँह करके 12 मर्तबा यह दुआ पढनी बहुत अफ़ज़ल है !

लाइलाह इल्लल्लाहुल हवकुल क़य्यूमुल क़ाइमु अला कुल्लि नफसिम् बिमा क-स-बत् 

इस दुआ के पढने वाले को अल्लाह की तरफ से बेशुमार अनगिनत नेमते अता की जायेंगी !

Ramzan Ki Fazilat

इस मुबारक महीने मेँ हर नमाज़ के बाद रोजाना नीचे की दुआ को पढना बहुत अफ़ज़ल है !

अस्तग़्फ़िरूल्लाहल अजी-मल्लज़ी ला इलाह इल्ला हुवल हय्युल क़य्यूमु+इलैहि तौ-य-त अब्दिन् ज़ालिमिन् ला यम्लिकु नफ़ सहू ज़र्रव्वला नफ़-अन वला मौ-तन् वला हयातन् वला नुशूरा 

रमज़ान शरीफ में हर नमाज़ के बाद रोजाना तीन मर्तबा कलिम-ए-तय्यिबा पढने की बडी फजीलत है ! अव्वल मर्तबा पढने से गुनाहों की मग्फिरत होगी ! दूसरी मर्तबा पढने से दोजख़ से आजाद होगा ! तीसरी बार पढने से जन्नत का हकदार होगा !

नबी करीम सल्लल्लाहु अलेहि वसल्लम ने फ़रमाया : मेरी उम्मत में से जो मर्द या औरत यह इच्छा करे कि उसकी कब्र नूर से भर जाये तो उसे चाहिये कि रमजान के महीने मे कद्र की रातों में अधिक अल्लाह की इबादत करे ! ताकि उन मुबारक रातों की इबादत के बदले में अल्लाह पाक उसके आमाल नामे ( कर्मपत्र ) से बुराइयाँ मिटाकर नेकियों को लिख दे !

शबे कद्र की इबादत सत्तर हजार रातों की इबादतों से अफ़ज़ल है !

शब-ए-क़द्र  की पांचो रात की इबादत की पूरी जानकारी पढ़ने लिए निचे दी गयी लिंक पर क्लिक करे.!

पहली शब-ए-क़द्र
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