शबे जुमा का दुरुद शरीफ – Shab E Jumma Ki Darood Sharif
बुज़ुर्गो ने फ़रमाया की जो शख्स हर शबे जुमुआ Shab E Jumma Ki Darood ( यानी जुमेरात और जुमा की दरमियानी रात को ) इस दुरुद शरीफ ( Darood Sharif ) को पाबंदी से कम से कम एक मर्तबा पढेगा तो मौत के वक़्त सरकारे मदीना सल्ललाहो अलैहि वसल्लम की ज़ियारत करेगा
और कब्र में दाखिल होते वक़्त भी, यहाँ तक की वो देखेगा की सरकारे मदीना सल्ललाहो अलैहि वसल्लम उसे कब्र में अपने रहमत भरे हाथो से उतार रहे है.
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Shab E Jumma Ki Darood Sharif
بِسْــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اللّٰھُمَّ صَلِّ وَسَلّـِمْ وبَارِکْالْعَظِیْمِ الْجَاھِ وَعَلٰی اٰلِهٖ وَصَحْبِهٰ وَسَلّـِم عَلٰی سَیّـِدِ نَا مُحَمَّدِنِ النَّبِیِّ الْاُمّـِىِّ الْحَبِیْبِ الْعَالِی الْقَدْرِ
अल्लाहुम्म-सल्ली-वसल्लिम-व-बारीक-अ’ला-सय्यिदिना-मुहम्मदीन-नबिय्यिल-उम्मिय्यिल-ह्-बिबिल-आ’लिल-क़द्रील-अ’ज़िमील-जाहि-व-अ’ला आलिही व-स्ह्-बिहि व-सल्लिम
सारे गुनाह मुआफ़ –
हज़रते अनस رضي الله عنه से मरवी है, हुज़ूर صلى الله عليه وسلم ने फ़रमाया : जो शख्स जुमा के दिन फज्र की नमाज़ से पहले 3 बार
اٙسْتٙغْفِرُ اللّٰهٙ الّٙذِىْ لٙآ اِلٰهٙ اِلّٙا هُوٙوٙاٙتُوْبُ اِلٙيْهِ
पढ़े उस के गुनाह बख्श दिये जाएंगे अगर्चे समुन्दर की झाग से ज़्यादा हो
अलमुजमुल अवसत लीत्तिब्रनि, 5/392, हदिस :7717
हर रात इबादत में गुज़ारने का आसान नुस्खा
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه
गराइबुल क़ुरआन पर एक तिवायत नक़्ल की गई है कि जो शख्स रात में इसे 3 मर्तबा पढ़ लेगा तो गोया उसने शबे क़द्र पा लिया।
لٙآاِلٰهٙ اِلّٙااللّٰهُ الْحٙلِيْمُ الْكٙرِيْمٙ، سُبٙحٰنٙ اللّٰهِ رٙبِّ السّٙمٰوٰتِ السّٙبْعِ وٙرٙبِّ الْعٙرْشِ الْعٙظِيْم
*तर्जमा* : खुदाए हलीम व करीम के सिवा कोई इबादत के लाइक नहीं ! अल्लाह पाक है जो सातों आसमानों और अर्शे अज़ीम का परवर दगार है।
Shabe Jumma Darood Sharif In English –
Allahumma Salli Wasallim W Bariq Ala Sayyidina Muhammin Nabiyyil Ummiyyil Habeebil Aalil Qadreel Azimil Jaahi W Alaa Aalihi Wa Ashabihi Wa Salliim
Sallalho Alaihi Ta’aala Wa Sallam .