Thursday, May 16, 2024
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kabe ki ronak kabe ka manzar lyrics

kabe ki ronak kabe ka manzar- अस्सलामो अलैकुम आपकी खिदमत में पेश एक और बहुत ही फेमस नात शरीफ काबे की रौनक काबे का मंज़र अल्लाहुअकबर – अल्लाहुअकबर !

आप अगर पोस्ट में कुछ बदलाव चाहते है तो हमें कमेंट करके जरूर बताये ! अल्लाह आपके कारोबार में तरक्की आता फरमाए ! तो गुनगुनाते रहिये नाते नबी ! अल्लाहुअकबर – अल्लाहुअकबर !

देखूं तो देखे जाऊं बराबर – देखूं तो देखे जाऊं बराबर

अल्लाहुअकबर – अल्लाहुअकबर , अल्लाहुअकबर – अल्लाहुअकबर

kabe ki ronak kabe ka manzar

काबे की रौनक काबे का मन्ज़र नात

काबे की रौनक काबे का मन्ज़र
काबे की रौनक काबे का मन्ज़र
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर …..
काबे की रौनक काबे का मन्ज़र
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर …..
देखूं तो देखे जाऊं बराबर – देखूं तो देखे जाऊं बराबर 
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर …..
काबे की रौनक काबे का मन्ज़र
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर …..
हैरत से खुद को कभी देखता हूँ
और देखता हूँ कभी मैं हरम को
हैरत से खुद को कभी देखता हूँ
और देखता हूँ कभी मैं हरम को
लाया कहाँ मुझको मेरा मुक़द्दर-2
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर …..
हम्दे खुदा से तर हैं ज़ुबानें -2
कानों में रस घोलती हैं अज़ानें
हम्दे खुदा से तर हैं ज़ुबानें
कानों में रस घोलती हैं अज़ानें
बस एक सदा आ रही है बराबर -2
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर …..
भेजा है जन्नत से तुझको खुदा ने
चूमा है तुझको खुद मुस्तफा ने
भेजा है जन्नत से तुझको खुदा ने
चूमा है तुझको खुद मुस्तफा ने
ए हज्रे अस्वद तेरा मुक़द्दर -2
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर …..
याद आ गयी जब अपनी खताएं
अश्कों में ढलने लगी इल्तिजायें
याद आ गयी जब अपनी खताएं
अश्कों में ढलने लगी इल्तिजायें
रोया गिलाफे काबा पकड़ कर-2
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर …..
मांगी हैं मैंने जितनी दुआएं
मंज़ूर होंगी मक़बूल होंगी
मांगी हैं मैंने जितनी दुआएं
मंज़ूर होंगी मक़बूल होंगी
मीजाबे रहमत है मेरे सर पर

अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर …..

देखा सफा भी मरवा भी देखा
रब के करम का जलवा भी देखा
देखा सफा भी मरवा भी देखा
रब के करम का जलवा भी देखा
देखा रवा एक सरों का समन्दर
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर …..
तेरे करम की क्या बात मौला
तेरे हरम की क्या बात मौला
तेरे करम की क्या बात मौला
तेरे हरम की क्या बात मौला
ता उम्र कर दे आना मुक़द्दर
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर …..
काबे के ऊपर से जाते नहीं हैं
किसको अदब ये सिखाते नहीं हैं
काबे के ऊपर से जाते नहीं हैं
किसको अदब ये सिखाते नहीं हैं
कितने मुअद्दब हैं ये कबूतर
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर …..
मौला से भी और क्या चाहता है
बस मगफिरत की अता चाहता है
मौला से भी और क्या चाहता है
बस मगफिरत की अता चाहता है
बख्शिश के तालिब पे अपना करम कर
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर …..

 

Kabe Ki Ronak Kabe Ka Manzar Naat Lyrics Hindi  

Kaabe Ki Raunak Kaabe Ka Manzar

Allahu Akbar Allahu Akbar ……….. 

Hairat Se Khud Ko Kabhi Dekhta Hun

Aur Dekhta Hun Kabhi Main Haram Ko

Laya Kahan Mujhko Mera Muqaddar

Allahu Akbar Allahu Akbar ……….. 

Hamde Khuda Se Tar Hain Zubane

Kaanon Men Ras Gholti Hain Azaane

Bas Ek Sada Aa Rahi Hai Barabar

Allahu Akbar Allahu Akbar ……….. 

Bheja Hai Jannat Se Tujh Ko Khuda Ne

Chooma Hai Tujhko Mere Mustafa Ne

Aye Sange Aswad Tera Muqaddar

Allahu Akbar Allahu Akbar ………..

Yaad Aa Gayi Jab Apni Khatayen

Ashkon Men Dhalne Lagi Iltijayen

Roya Gilafe Kaaba Pakad Kar

Allahu Akbar Allahu Akbar ………..

Maangi Hai Maine Jitni Duayen

Manzoor Hongi Maqbool Hongi

Meezabe Rahmat Hai Mere Sar Par

Allahu Akbar Allahu Akbar ……….. 

Dekha Safa Bhi Marwa Bhi Dekha

Rab Ke Karam Ka Jalwa Dekha

Dekha Rawa Ek Saron Ka Samandar

Allahu Akbar Allahu Akbar ………..

Tere Haram Ki Kya Baat Maula

Tere Karam Ki Kya Baat Maula

Ta Umr Kar De Aana Muqaddar

Allahu Akbar Allahu Akbar ……….. 

Kaabe Ke Oopar Se Jate Nahin Hai

Kisko Adab Ye Sikhate Nahin Hain

Kitne Muaddab Hain Ye Kabootar

 Allahu Akbar Allahu Akbar ……….. 

Maula Se Bhi Aur Kya Chahta Hai

Bas Magfirat Ki Ata Chahta Hai

Bakhshish Ke Taalib Pe Apna Karam Kar

Allahu Akbar Allahu Akbar ………..

 

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