Friday, May 10, 2024
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isha ki namaz ka tarika – ईशा की नमाज पढ़ने का तरीका

ईशा की नमाज़ पढ़ने का तरीका – isha ki namaz ka tarika

नमाजे इशा ( isha ki namaz ) में 17 रकअत होती है  4  सुन्नत।  4  फ़र्ज़ । 2 सुन्नत।  2 नफ़्ल।  3 वित्र । 2 नफ़्ल। यहाँ भी सिर्फ नियत बदल जायेगी मगर नमाज़ पढ़ने का तरीका वही रहेगा।  ईशा की नमाज़ ( isha ki namaz ) का वक़्त रात का होता है

Isha Ki 4 Rakaat Namaz Sunnat 

नमाजे ईशा ( isha ki namaz )की चार सुन्नत की निय्यत – नियत की मैंने चार रकअत नमाज़ सुन्नत की, वास्ते अल्लाह तआला के, वक्त इशा का, मुह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़, अल्लाहु-अकबर । *

अल्लाहु-अकबर कहकर हम हाथ बाँध लेंगे । फिर सबसे पहले हम सना पढ़ेंगे।

सना के अल्फाज़ इस तरह है  *सुबहाना कल्ला हुम्मा व बिहम्दिका व तबारा कस्मुका व त’आला जद्दुका वला इलाहा गैरुका*

इसके बाद  *अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रजिम. बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम.* पढ़े

इतना पढ़ने के बाद सुरह फातिहा पढ़े. सुरह फातिहा के बाद कोई भी क़ुरान शरीफ की सूरत जो आपको याद हो वो पढ़े ! जब सुरह पूरी हो जाए तब अल्लाहु-अकबर (Takbeer) कहते हुवे रुकू में जाए।

रुकू में घुटनो को हाथ की उंगलियों से मजबूत पकड़ ले घुटनो पर उंगलियाँ को फैला कर रखे

और इतना झुके कि सर और कमर बराबर हो जाये

रुकू में ही अल्लाह की ये तस्बीह 3 या 5 या 7  बार इत्मीनान के साथ पढ़े – *सुबहान रब्बी अल अज़ीम* रुकू में निगाह पैरो के अंगूंठो पर रखे।

ईशा की 4 सुन्नत नमाज़ पढ़ने का तरीका –

इसके बाद *समीअल्लाहु लिमन हमीदह * कहते हुवे रुकू से खड़े हो जाये.. इसके बाद रब्बना व लकल हम्द कहे फिर अल्लाहु-अकबर कहते हुवे सज्दे में जायें ! सजदे में जाते वक़्त सबसे पहले हाथ घुटनो पर रखे फिर घुटने जमीन पर टिकाये फिर हाथ जमीन पर रखे !

उसके बाद नाक जमीन पर टेके फिर पेशानी जमीन पर जमाये ! और चेहरा दोनों हाथो के दरमियान रखे।  मर्द अपने हाथो की हथेलियाँ ही जमाये और कोहनी वगैरह ऊँची उठी हुई होना चाहिए। पेट को अपनी रानो से दूर रखे यानी जांघ से पेट ना छुए।  और दोनों पांव की उँगलियो के पेट क़िब्ला रुख ज़मीन पर जमे हुए हो

सज्दे में फिर अल्लाह की ये तस्बीह 3 या 5 या 7  बार इत्मीनान के साथ पढ़े *सुबहान रब्बी अल आला*

फिर अल्लाहु-अकबर कहते सजदे से उठकर सीधे बैठ जाए।  जब बैठे सीधे पेर की उंगलिया हिलनी नहीं चाहिए मतलब क़िबला रुख ही मुड़ी हुई हो और उलटे पैर को सीधे पैर की जानिब मोड़ के बैठे।

फिर दोबारा अल्लाहु अकबर कहते हुवे सज्दे में जायें. यहाँ फिर से उलटे पैर की ऊँगलीया क़िब्ला रुख करे।

सज्दे में फिर से अल्लाह की वही तस्बीह 3 या 5 या 7  बार पढ़े *सुबहान रब्बी अल आला*

इस तरह आपकी एक (1 ) रकअत पूरी हो गयी

Isha Ki 4 Rakaat Namaz Sunnat 

फिर अल्लाहु अकबर कहते हुवे आप खड़े हो जाएंगे ! और अपने हाथ बांध लेंगे ! फिर से अल्हम्दु शरीफ पढ़ेंगे उसके बाद कोई भी सूरत जो आपको याद हो वो पढ़ेंगे ! or फिर से वही अल्लाहु अकबर कहते हुवे रुकू में जाएंगे ! फिर *समीअल्लाहु लिमन हमीदह * कहते हुवे रुकू से खड़े हो जाये  इसके बाद ! रब्बना व लकल हम्द* कहे फिर अल्लाहु-अकबर कहते हुवे सज्दे में जायें।

सज्दे में फिर से अल्लाह की ये तस्बीह 3 या 5 या 7  बार पढ़े *सुबहान रब्बी अल आला*

फिर अल्लाहु-अकबर कहते सजदे से उठकर बैठ जाए

फिर दोबारा अल्लाहु अकबर कहते हुवे सज्दे में जायें.

सज्दे में फिर से अल्लाह की वही तस्बीह 3 या 5 या 7  बार पढ़े *सुबहान रब्बी अल आला*

फिर अल्लाहुअक्बर कहते हुवे बेठ जाए। ( बैठने का तरीका पहली रकअत जैसा ही हो )  अब बैठे हुवे ही आपको अत्तहिय्यात पढ़ना है !

अत्तहिय्यात-

*अत्ताहियातु लिल्लाहि वस्सलवातु वत्तैयिबातू अस्सलामु अलैका अय्युहन नबिय्यु व रहमतुल्लाही व बरकताहू अस्सलामु अलैना व अला इबादिल्लाहिस सालिहीन*

अशहदु अल्ला इलाहा इल्ललाहू व अशहदु अन्न मुहम्मदन अब्दुहु व रसुलहू *

नोट- अशहदु अल्ला {ला} पर सीधे हाथ की शहादत की ऊँगली इस तरह उठाना है की अंगूठा और बिच की सबसे बड़ी वाली उंगली के पेट दोनों मिलाना है ! और शहादत की ऊँगली ऊपर करना है।

पूरी अत्तहिय्यात दरूद ए इब्राहिम और दुआए मासुरा पढ़कर तीसरी रकअत के लिए खड़े हो जाएंगे !

तीसरी चौथी रकअत में  सूरह फातिहा और कोई भी सूरह पढ़ेंगे जो भी याद हो ! जब चार रकअत पूरी हो जाए तो ! फिर से अत्तहिय्यात दरूद और दुआ ए मसुरा पढ़े ! और सलाम फेरे ! पहले सीधे हाथ तरफ निगाहें कंधे की तरफ झुकी हुई हो ! फिर बायीं तरफ यानी उलटे हाथ के कंधे की जानिब निगाहें रखकर  सलाम फेरे !

सलाम के अल्फ़ाज़ – अस्सलामो अलैकुम व रहमतुल्लाह

Note- ईशा की शुरू की चार सुन्नत भी असर की तरह गैर ए मुअक्कदा है इसलिए 2 रकाअत मुकम्मल होने के बाद अत्तहिय्यात पढ़ने के बाद दरूद ए इब्राहिम और दुआए मासुरा भी पढ़ेंगे ! या दुआए मासुरा याद ना होतो अल्लाहुम्मा रब्बना आतयना फ़िद्दुनिया हसनतउ- व फिल आख़िरति हसनतउ व कीना अजाबन्नार पढ़ेंगे ! फिर तीसरी रकाअत के लिए खड़े होंगे !

ईशा की 4 फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ने का तरीका –

नमाजे ईशा ( isha ki namaz ) की चार फ़र्ज़ की निय्यत – नियत की मैंने चार रकअत नमाज़ फ़र्ज़ की ! वास्ते अल्लाह तआला के ! वक्त ईशा का !पीछे इस इमाम के ! मुह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़ ! अल्लाहु-अकबर । ”

नोट- अगर अकेले पढ़े या नमाज़ घर पर पढ़े तो इमाम के पीछे ना कहे और फ़र्ज़ की नियत करके जैसी सुन्नत नमाज़ पढ़ी थी वैसी ही फ़र्ज़ नमाज़ पढ़े ]  यहाँ हम फ़र्ज़ नमाज़ जमआत के साथ इमाम के पीछे पढ़ने का तरिका बता रहे है

इमाम साहब जब अल्लाहुअकबर कहके हाथ बांध ले तब हमें भी नियत करके हाथ बाँध लेना है।

हाथ बांध लेने के बाद आपको मन ही मन में सना पढ़नी है फिर बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़कर चुप होकर खड़े रहना है निगाह सजदे की जगह हो

अब इमाम साहब सुरह फातिहा के बाद कोई भी क़ुरान शरीफ की सूरत बुलंद आवाज़ में पढ़ेंगे !

हमें सिर्फ चुपचाप खड़े रहना फिर जैसे ही इमाम साहब अल्लाहुअकबर कहके रुकू में जाए हम भी रुकू में चले जाएंगे फिर इमाम साहब समीअल्लाहु लिमन हमीदह * कहते हुवे रुकू से खड़े हो जाएंगे तो हमें भी  ‘रब्बना व लकल हम्द ( मन में ) कहते हुवे खड़े हो जाना है।

फिर इमाम साहब अल्लाहुअकबर कहते हुए सजदे में जाएंगे तो उनके पीछे पीछे हमें भी सजदे में जाना है ! सजदे की तस्बीह पढ़े फिर अल्लाहुअकबर कहके इमाम साहब बैठेंगे तो हमें भी बेठ जाना है !

एक बार फिर इमाम साहब अल्लाहुअकबर कहते हुए सजदे में जाएंगे तो उनके पीछे पीछे हमें भी सजदे में जाना है और सजदे की तस्बीह पढ़ना है

ईशा की 4 फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ने का तरीका –

फिर इमाम साहब अल्लाहुअकबर कहते हुए खड़े हो जाएंगे तो हमें भी खड़े हो जाना है ! इस तरह एक रक् आत पूरी होगी ! और इसी तरह हमें दूसरी रकअत भी पूरी करना है..

दो रक’आत नमाज़ पढने के बाद तशहुद में सिर्फ अत्तहियात पढ़ ले ! और फिर इमाम साहब अल्लाहुअकबर कहते हुए तीसरे रक’अत पढने के लिए उठ कर खड़े हो जाएंगे ! तो हमें भी खड़े हो जाना है ! इमाम के पीछे बाकि की दो रकाअत में भी हमें खामोश रहना है ! और जैसे जैसे इमाम साहब पढ़ेंगे ! वैसे ही उनके पीछे हमें नमाज़ पढ़नी है

रुकू के बाद दो सज्दे कर के चौथी रक’आत के लिए खड़े हो जायेगे ! चौथी रक’अत भी वैसे ही पढ़े ! जैसे तीसरी रक’आत पढ़ी गई है ! चौथी रक’अत पढने के बाद तशहुद में बैठें ! तशहुद उसी तरह पढ़े जैसे उपर सिखाया गया है ! और अत्ताहियात, दरूद और दुआ ए मसुरा पढने के बाद इमाम साहब सलाम फेरेंगे तो हमें भी उनके बाद सलाम फेरना है।

इस तरह ईशा की चार फ़र्ज़ नमाज़ मुकम्मल हो गई।

Isha Ki Char farz Namaz Padhane Ka Tarika
  • नोट 1. – ईशा की नमाज़ आपको इमाम साहब के पीछे वैसे ही पढ़नी है ! जैसे आपने ज़ुहर और असर की नमाज़ पढ़ी जाती है  ! फर्क सिर्फ इतना रहेगा की ईशा की चार फ़र्ज़ में शुरू की दो रकआत में इमाम साहब ऊँची आवाज़ में सुरह फातिहा और क़ुरान शरीफ की सूरत पढ़ेंगे !  फिर तीसरी और चौथी रकआत में इमाम साहब मन ही मन में सिर्फ सूरह फातिहा पढ़ेंगे ! इमाम के पीछे नमाज़ पढ़ने वाले ( मुक्तदी ) सिर्फ खामोश खड़े रहेंगे !
  • नोट 2.  – अगर अकेले नमाज़ पढ़ रहे हो तो पहली दो रकअत में सूरह फातिहा के बाद कोई भी सूरह पढ़ेंगे जो भी याद हो ! और बाद की दो रकाअत में सिर्फ सुरह फातिहा पढ़ेंगे !
  • नोट 3. – याद रहे इमाम साहब के पीछे नमाज़ पढ़े ! तो कोई भी नमाज़ का अरकान इमाम साहब से पहले अदा ना करे

ईशा की 2 सुन्नत नमाज़ पढ़ने का तरीका –

नमाजे ईशा ( isha ki namaz ) की दो सुन्नत की निय्यत – नियत की मैंने दो रकअत नमाज़ सुन्नत की ! वास्ते अल्लाह तआला के !वक्त ईशा का ! मुह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़ ! अल्लाहु-अकबर । ”

अल्लाहु-अकबर कहकर हमें हाथ बाँध लेंगे। फिर सबसे पहले हम सना पढ़ेंगे।  सना के अल्फाज़ इस तरह है  *सुबहाना कल्ला हुम्मा व बिहम्दिका व तबारा कस्मुका व त’आला जद्दुका वला इलाहा गैरुका*

इसके बाद  *अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रजिम. बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम.* पढ़े

इतना पढ़ने के बाद  दोनों रकअतों में  सुरह फातिहा पढ़े. सुरह फातिहा के बाद कोई भी क़ुरान शरीफ की सूरत जो आपको याद हो वो पढ़े !

फिर  जब दो रकअत पूरी हो जाए तो ! फिर से अत्तहिय्यात , दरूद और दुआ ए मसुरा पढ़े ! और सलाम फेरे !

ईशा की 2 नफ़्ल नमाज़ पढ़ने का तरीका –

नमाजे ईशा ( isha ki namaz ) की दो नफ़्ल की निय्यत- नियत की मैंने दो रकअत नमाज़ निफ़्ल की ! वास्ते अल्लाह तआला के, वक्त ईशा का ! मुह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़ ! अल्लाहु-अकबर । ”

अल्लाहु-अकबर कहकर हमें हाथ बाँध लेना है। फिर जिस तरह दो सुन्नत पढ़ी थी वैसे ही दो रकअत नफ़्ल पूरी करेंगे।

ईशा की 3 वित्र वाजिब नमाज़ पढ़ने का तरीका –

नमाजे ईशा की तीन वित्र की निय्यत” – नियत की मैंने तीन रकअत नमाज़ वित्र वाजिब की ! वास्ते अल्लाह तआला के ! वक्त ईशा का ! मुह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़ ! अल्लाहु-अकबर । *

अल्लाहु-अकबर कहकर हमें हाथ बाँध लेना है ! फिर सबसे पहले हम सना पढ़ेंगे ! और जिस तरह दो सुन्नत और दो नफ़्ल पढ़ी थी ! वैसे ही दो रकअत पूरी करेंगे।

और तशह्हुद में अत्ताहियात पढ़ने के बाद अल्लाहु-अकबर कहते हुए खड़े हो जाना है ! खड़े होने के बाद सूरह फातिहा पढ़ेंगे ! और फिर क़ुरआन की कोई भी सूरह पढ़ेंगे ! उसके बाद अल्लाहु-अकबर कहते हुए दोनों हाथो को कान तक सीधे ले जाएंगे ! हाथ के अंगूठे कानो की निचली जगह को छूना चाहिए !

और फिर हाथ बांध लेंगे , हाथ बाँध लेने के बाद दुआ ए क़ुनूत पढ़ेंगे।  अल्लाहु-अकबर कहकर रुकू करेंगे ! फिर सजदा और तशह्हुद दुसरी नमाज़ो की तरह ही करेंगे।  अत्ताहियात,दरूद शरीफ और दुआ ए मसूरा और फिर सलाम फेर लेंगे।

इस तरह वित्र की नमाज़ पढ़ी जायेगी

वित्र नमाज़ की ज्यादा जानकारी के इस बटन Witr Namaz पर क्लिक करे

ईशा की 2 नफ़्ल नमाज़ पढ़ने का तरीका –

नमाजे ईशा ( isha ki namaz ) की दो नफ़्ल की निय्यत – नियत की मैंने दो रकअत नमाज़ निफ़्ल की ! वास्ते अल्लाह तआला के ! वक्त ईशा का ! मुह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़ ! अल्लाहु-अकबर । ”

अल्लाहु-अकबर कहकर हमें हाथ बाँध लेना है ! फिर सबसे पहले हम सना पढ़ेंगे !  और जिस तरह पहले की दो नफ़्ल पढ़ी थी ! वैसे ही दो रकअत नफ़्ल पूरी करेंगे !

और इस तरह ईशा की 17 रकआत नमाज़ मुकम्मल होगी।

हर नमाज़ के बाद अल्लाह की ये तस्बीह जरूर पढ़े

  • 33 मर्तबा सुबहान अल्लाह*
  • 33 मर्तबा अलहम्दु लिल्लाह*
  • 34 मर्तबा अल्लाहु अकबर पढ़ें*

पूरी नमाज़ पढ़ने के बाद ये दुआ जरूर पढ़े – नमाज़ के बाद पढ़ने वाली दुआ 

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