Friday, May 10, 2024
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27 Ramzan Ki Ibadat 4rth Shab-e-Qadr चौथी शब-ए-क़द्र

चौथी शबेक़द्र – 27 Ramzan Ki Ibadat

27वीं ( 27 Ramzan Ki Ibadat ) शबे कद्र को बारह रकअत नमाज़ तीन सलाम से पढे ! हर रकअत में सूर: फातिहा के बाद सूर: कद्र एक-एक मर्तबा पढे ! सूर: इख़्लास 15-15 मर्तबा पढे ! सलाम फेरने के बाद सत्तर मर्तबा इस्तिग़फार पढे ! अल्लाह तआला इस नमाज़ के पढने वाले को नबियों की इबादत का सबाब अता करेगा ! इनशा-अल्लाह !

27 वीं की रात में दो रकअत पढे ! हर रकअत में सूर: फातिहा के बाद सूर: कद्र तीन-तीन मर्तबा और सूर: इख़्लास 27-27 मर्तबा  पढे ! और अपने गुनाहों की माफी चाहे ! अल्लाह तआला उसके पिछले तमाम -गुनाहों को माफ कर देगा !

27 वीं रात को चार रकअत नमाज़ दो सलाम से पढे ! हर रकअत में सूरः: फातिहा के बाद सूर: तकासुर एक-एक बार पढे ! और सूर: इख़्लास तीन-तीन बार पढे ! इस नमाज़ के पढने वाले से मौत के वक़्त {समय} की सख्ती को अल्लाह तआला आसान फरमा देगा ! और उसके कब्र के अजाब को भी माफ़ कर देगा !

 

27 Ramzan
shabe qadar Mubarak

27 Ramzan Ki Ibadat

27 वीं रात को दो रकअत नमाज़ पढे ! हर रकअत में सूर: फातिहा के बाद सूर: इख़्लास सात-सात मर्तबा पढे ! सलाम फेरने के बाद 70 मर्तबा नीचे की तस्बीह पढे :

अस्तग़्फ़िरूल्लाहल अजी-मल्लज़ी ला इलाह इल्ला हुवल हय्युल  क़य्यूमु वअतूबु  इलैहि +

इस नमाज़ का पढने वाला अपने मुसल्ला को न उठायेगा कि अल्लाह उसके और उसके वालदेन {माता-पिता} के गुनाहों को माफ़ कर देगा ! और फरिश्तों को हुक्म देगा कि उसके लिये जन्नत को सजा दो ! यह नमाज़ गुनाहों की माफी के लिये बहुत अफ़ज़ल है !

27वीं शबे कद्र को दो रकअत नमाज़ पढे ! हर रकअत में सूर:फातिहा के बाद सूर: अलम् नश-रह एक-एक मर्तबा और सूर: इख़्लास 33 मर्तबा पढे ! सलाम फेरने के बाद 27 मर्तबा सूर:क़द्र  पढे ! अल्लाह पाक बेशुमार इबादतों का सवाब अता फ़रमायेगा ! यह नमाज़ बहुत ही अफ़ज़ल है !

27वीं शबे कद्र को चार रकअत नफ़्ल पढे ! हर रकअत में सूर: फातिहा के बाद सूर: कद्र तीन-तीन मर्तबा और सूर: इख़्लास 50-50 मर्तबा’पढे ! सलाम फेरने के बाद सज्दे में सर को रख कर एक मर्तबा नीचे की दुआ पढे.

सुब्हा-नल्लाहि वल्हम्दु लिल्लाहि वलाइलाह इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबरु 

इसके बाद अपनी दीनी और दुनियावी हाज़त को तलब करे ! तो इनशा-अल्लाह उसके दरबार में कुबूल होगी !

27वीं रात को सातों हामीम पढे ! यह सातों हामीम क़ब्र से नज़ात दिलायेंगे ! और गुनाह की माफी के लिये अफ़ज़ल है ! 27वीं रात को सूर: मुल्क सात मर्तबा पढना गुनाहों की माफी के लिये अफ़ज़ल है !

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