Friday, May 10, 2024
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magrib ki namaz – मग़रिब की नमाज़ पढ़ने का तरीका

 

मग़रिब की नमाज़ पढ़ने का तरीका – magrib ki namaz

नमाजे मग़रिब ( magrib ki namaz ) में 7 रकअत होती है ! 3  फ़र्ज़ । 2 सुन्नत ।  2 नफ़्ल ।  यहाँ भी सिर्फ नियत बदल जायेगी मगर नमाज़ पढ़ने का तरीका वही रहेगा ! मग़रिब की नमाज़ ( magrib ki namaz ) का वक़्त गुरुब आफताब का होता है ! मतलब जब सूरज डूब रहा हो ! यहाँ आपको सबसे पहले फ़र्ज़ नमाज़ पढ़नी होगी !

मग़रिब की 3 फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ने का तरीका – magrib ki namaz

नमाजे मग़रिब ( magrib ki namaz ) की तीन फ़र्ज़ की निय्यत” – नियत की मैंने तीन रकअत नमाज़ फ़र्ज़ की ! वास्ते अल्लाह तआला के ! वक्त मग़रिब का ! पीछे इस इमाम के ! मुह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़ ! अल्लाहु-अकबर । ”

नियत करने के बाद जब इमाम साहब अल्लाहु-अकबर कहकर हाथ बाँध लें ! तो अल्लाहु-अकबर कहकर हम भी हाथ बाँध लेंगे ।

हाथ बांध लेने के बाद आपको मन ही मन में सना पढ़नी है ! फिर बिस्मिल्लाह शरीफ ( अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रजिम. बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम. ) पढ़कर चुप होकर इमाम साहब जो भी पढ़े उसे दिल लगाकर सुन्ना है !

इमाम साहब सुरह फातिहा पढ़ेंगे ! सुरह फातिहा के बाद कोई भी क़ुरान शरीफ की सूरत पढ़ेंगे ! और फिर रुकू होगा ! सजदे होंगे ! और इस तरह 2 रकआत पूरी होने के बाद जब बैठते है ! तब अत्तहियात पढ़ ले ! और फिर तीसरे रक’आत पढ़ने के लिए उठ कर खड़े हो जाये !

इस रक’अत में भी सिर्फ खामोश रहना है ! और रुकू के बाद दो सज्दे कर के तशहुद में बैठें ! तशहुद उसी तरह पढ़े ! जैसे उपर सिखाया गया है ! और अत्ताहियात, दरूद शरीफ और दुआ ए मसुरा पढने के बाद सलाम फेर दें ! इस तरह आपकी मग़रिब की तीन रक’आत मुकम्मल हो जायेगी।

 नोट – इमाम के पीछे हर रकाअत में हमें खामोश रहना है !  अकेले पढ़ेंगे तो पहली दो रकाअत तो दूसरी नमाज़ो जैसी ही पढ़ेंगे !और तीसरी नमाज़ में सिर्फ अल्हम्दु शरीफ़ ( सूरह फातिहा ) पढ़ेंगे !

मग़रिब की 2 सुन्नत नमाज़ पढ़ने का तरीका –

नमाजे मग़रिब ( magrib ki namaz ) की दो सुन्नत की निय्यत” – नियत की मैंने दो रकअत नमाज़ सुन्नत की, वास्ते अल्लाह तआला के, वक्त मग़रिब का, मुह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़, अल्लाहु-अकबर । ”

अल्लाहु-अकबर कहकर हमें हाथ बाँध लेना है। फिर सबसे पहले हम सना पढ़ेंगे।  इसके बाद  *अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रजिम. बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम.* पढ़े

इतना पढ़ने के बाद सुरह फातिहा पढ़े ! सुरह फातिहा के बाद कोई भी क़ुरान शरीफ की सूरत जो आपको याद हो वो पढ़े। जब सुरह पूरी हो जाए तब अल्लाहु-अकबर (Takbeer) कहते हुवे रुकू में जाए।

रुकू में घुटनो को हाथ की उंगलियों से मजबूत पकड़ ले घुटनो पर उंगलियाँ को फैला कर रखे

और इतना झुके कि सर और कमर बराबर हो जाये

रुकू में ही अल्लाह की ये तस्बीह 3 या 5 या 7  बार इत्मीनान के साथ पढ़े – *सुबहान रब्बी अल अज़ीम* रुकू में निगाह पैरो के अंगूंठो पर रखे।

इसके बाद *समीअल्लाहु लिमन हमीदह * कहते हुवे रुकू से खड़े हो जाये.. इसके बाद ‘रब्बना व लकल हम्द कहे फिर अल्लाहु-अकबर कहते हुवे सज्दे में जायें ! सजदे में जाते वक़्त सबसे पहले हाथ घुटनो पर रखे फिर घुटने जमीन पर टिकाये फिर हाथ जमींन पर रखे !

उसके बाद नाक जमीन पर टेके फिर पेशानी जमीन पर जमाये ! और चेहरा दोनों हाथो के दरमियान रखे।  मर्द अपने हाथो की हथेलियाँ ही जमाये और कोहनी वगैरह ऊँची उठी हुई होना चाहिए। पेट को अपनी रानो से दूर रखे यानी जांघ से पेट ना छुए।  और दोनों पांव की उँगलियो के पेट क़िब्ला रुख ज़मीन पर जमे हुए हो

सज्दे में फिर अल्लाह की ये तस्बीह 3 या 5 या 7  बार इत्मीनान के साथ पढ़े *सुबहान रब्बी अल आला*

magrib ki namaz –

फिर अल्लाहु-अकबर कहते सजदे से उठकर सीधे बैठ जाए।  जब बैठे सीधे पेर की उंगलिया हिलनी नहीं चाहिए मतलब क़िबला रुख ही मुड़ी हुई हो और उलटे पैर को सीधे पैर की जानिब मोड़ के बैठे।

फिर दोबारा अल्लाहु अकबर कहते हुवे सज्दे में जायें. यहाँ फिर से उलटे पैर की ऊँगलीया क़िब्ला रुख करे।

सज्दे में फिर से अल्लाह की वही तस्बीह 3 या 5 या 7  बार पढ़े *सुबहान रब्बी अल आला*

इस तरह आपकी एक (1 ) रकअत पूरी हो गयी

फिर अल्लाहु अकबर कहते हुवे आप खड़े हो जाएंगे ! और अपने हाथ बांध लेंगे ! फिर से अल्हम्दु शरीफ पढ़ेंगे उसके बाद कोई भी सूरत जो आपको याद हो वो पढ़ेंगे ! or फिर से वही अल्लाहु अकबर कहते हुवे रुकू में जाएंगे ! फिर *समीअल्लाहु लिमन हमीदह * कहते हुवे रुकू से खड़े हो जाये  इसके बाद ! रब्बना व लकल हम्द* कहे फिर अल्लाहु-अकबर कहते हुवे सज्दे में जायें !

सज्दे में फिर से अल्लाह की ये तस्बीह 3 या 5 या 7  बार पढ़े *सुबहान रब्बी अल आला*

फिर अल्लाहु-अकबर कहते सजदे से उठकर बैठ जाए

फिर दोबारा अल्लाहु अकबर कहते हुवे सज्दे में जायें.

सज्दे में फिर से अल्लाह की वही तस्बीह 3 या 5 या 7  बार पढ़े *सुबहान रब्बी अल आला*

फिर अल्लाहुअक्बर कहते हुवे बेठ जाए। ( बैठने का तरीका पहली रकअत जैसा ही हो )  अब बैठे हुवे ही आपको अत्तहिय्यात पढ़ना है

अत्तहिय्यात-

*अत्ताहियातु लिल्लाहि वस्सलवातु वत्तैयिबातू अस्सलामु अलैका अय्युहन नबिय्यु व रहमतुल्लाही व बरकताहू अस्सलामु अलैना व अला इबादिल्लाहिस सालिहीन*

अशहदु अल्ला इलाहा इल्ललाहू व अशहदु अन्न मुहम्मदन अब्दुहु व रसुलहू *

नोट- अशहदु अल्ला {ला} पर सीधे हाथ की शहादत की ऊँगली इस तरह उठाना है की अंगूठा और बिच की सबसे बड़ी वाली उंगली के पेट दोनों मिलाना है और शहादत की ऊँगली ऊपर करना है।

इसके बाद दरूदे इब्राहीम पढ़े

दरूदे इब्राहीम :-

*अल्लाहुम्मा सल्ली अला मुहम्मद व आला आली मुहम्मद कमा सल्लैता आला इब्राहिम वा आला आली इब्राहिमा इन्नका हमिदुम मजिद.

अल्लाहुम्मा बारीक़ अला मुहम्मद व आला आली मुहम्मद कमा बारकता आला इब्राहिम वा आला आली इब्राहिमा इन्नका हमिदुम मजिद* सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम *

इसके बाद दुआ ए मसुरा पढ़े


दुआ ए मसुरा :-

* अल्लाहुम्मा रब्बना आतयना फ़िद्दुनिया हसनतउ- व फिल आख़िरति  हसनतउ व कीना अजाबन्नार *

इस दुआ पढ़ने के बाद आप सलाम फेर सकते हैं.-अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह’ कहकर आप सीधे और अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहकर उलटे जानिब सलाम फेरें

सलाम:-

दाहिनी तरफ के सलाम में दाहिनी तरफ के फ़रिश्तो की नियत करे  और बायीं तरफ के सलाम में बायीं तरफ के फ़रिश्तो की नियत करे –

नियत दिल के ईरादे का नाम है जुबान से कुछ न कहे।

दाहिनी तरफ के सलाम में दाहिनी तरफ के फ़रिश्तो और नमाज़ियों की नियत करे  और बायीं तरफ के सलाम में बायीं तरफ के फ़रिश्तो और नमाज़ियों की नियत करे –

You ALso Read – Isha Ki Namaz

मग़रिब की 2 नफ़्ल नमाज़ पढ़ने का तरीका –

नमाजे मग़रिब ( magrib ki namaz ) की दो नफ़्ल की निय्यत” – नियत की मैंने दो रकअत नमाज़ निफ़्ल की, वास्ते अल्लाह तआला के, वक्त मग़रिब का, मुह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़, अल्लाहु-अकबर । ”

अल्लाहु-अकबर कहकर हमें हाथ बाँध लेना है। फिर सबसे पहले हम सना पढ़ेंगे।  और जिस तरह मग़रिब की दो सुन्नत पढ़ी थी ! वैसे ही दो रकअत नफ़्ल पूरी करेंगे !

और इस तरह मग़रिब की 7 रकआत मुकम्मल होगी !

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