Friday, May 10, 2024
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Pareshani Ki Dua Hindi Mein – परेशानी दूर करने की दुआ हिंदी में

अस्सलामो अलैकुम भाइयो और बहनो  !  कोई भी भाई या बहन अगर किसी भी तरह की परेशानी में मुब्तिला है ! और उसे राहे हल नहीं मिल रहा !  तो आप  परेशानी दुर करने की दुआ ( Pareshani Ki Dua ) का अमल एक बार जरुर करे ! इन्शाह अल्लाह तआला आपकी हर दुःख तक़लीफ़  , हर परेशानी दूर हो जायेगी ! यह एक छोटा सा अमल है ! और इस अमल की मुद्दत 21 दिन है !

21 दिन तक यह एक मुक़र्रर वक़्त  यानी अगर आप ये दुआ ईशा की नमाज़  के बाद पढ़ते है ! तो रोज़ एक ही वक़्त पढ़े ! यानी रोज़ ईशा की नमाज़ के बाद ही पढ़े ! और ये दुआ पढ़ने के बाद अल्लाह से अपनी परेशानी से निज़ात के लिए दुआ करे !

सच्चे दिल से मांगी हुई दुआ अल्लाह रब्बुल इज़्जत कभी रद्द नहीं करता ! इन्शाह अल्लाह !

याद रखे कोई भी दुआ पढ़े अव्वल आखिर दरूद शरीफ़ जरूर पढ़ लिया करे !

 परेशानी दूर करने की दुआए  ( pareshani ki dua )

  • या मु-फत्ति-हल् अब्वाबि वया मुसब्बि-बल् अस्बाबि
  • वया मु-क़ल्लि-बल् कुलूबि वल् अबसारिं
  • वया ग़या-सल् मुस्तग़ीसी-न
  • *वया दली-लल् म-त-हय्यिरी -न वया मु-फ़र्रि-हल् महज़ूनी-न
  • अग़िस्नी , अग़िस्नी , अग़िस्नी “
  • त-वक्कलतु  अलै-क या रब्बी व-फव्वज़तु इलै-क अम्री
  • या रब्बु  , या रब्बु , या रब्बु
  • या अल्लाहु, या बासितु, या रज़्ज़ाकु, या फ़त्ताहु, या करीमु

तर्जुमा – pareshani Dur Karne ki dua

या मु-फत्ति-हल् अब्वाबि वया मुसब्बि-बल् अस्बाबि 

“ऐ दरवाजों को खोलने वाले और ऐ जरीआ (साधन) पैदा करने वाले अस्बाब के”

 वया मु-क़ल्लि-बल् कुलूबि वल् अबसारिं 

और ऐ दिलों और निगाहों के फेरने वाले। ”

वया ग़या-सल् मुस्तग़ीसी-न   

“और ऐ -फ़रियाद  करने वालो की फ़रियाद को सुनने वाले। ”

 वया दली-लल् म-त-हय्यिरी -न वया मु-फ़र्रि-हल् महज़ूनी-न 

“और ऐ राह बताने वाले हैरानो  (भूलेमटकों) के, और ऐ खुशी देने वाले ग़म वालों के”

अग़िस्नी , अग़िस्नी , अग़िस्नी “

मेरी फ़रियाद सुनले, मेरी फ़रियाद सुनले, मेरी फ़रियाद सुनले”

त-वक्कलतु  अलै-क या रब्बी व-फव्वज़तु इलै-क अम्री 

“ऐ रब मैँ ने तुझ पर भरोसा किया और अपना काम तेरे हवाले किया । ”

या रब्बु  , या रब्बु , या रब्बु 

“ऐ परवरदिगार, ऐ परवरदिगार, ऐ परवरदिगार ”

या अल्लाहु, या बासितु, या रज़्ज़ाकु, या फ़त्ताहु, या करीमु 

“ऐ अल्लाह, ऐ खुशहाली देने वाले, ऐ रोजी देने वाले, ऐ रहमत के दरवाजे खोलने वाले, ऐ सख़ावत करने वाले”

नोट – ऊपर की दुआएँ तमाम परेशानियों के लिये फायदेमंद है (लाभदायक हैँ) ! कोई उचित समय मुकर्रर करके रोजाना 21  मर्तबा पढा जाये।

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