रोज़ी की दुआ – Roji Ki Dua
मेरे प्यारे – प्यारे इस्लामी भाई-बहनो अस्सलामो अलैकुम इस लेख में रोजी की दुआ ( Roji Ki Dua ), रोज़ी रोटी में बरक़त का वज़ीफ़ा ( Rozi Mein Barqat Ka Wazifa ) और कुछ ऐसे अमल बताने कोशिश की है ! जिन्हे अगर आप अमल में लाएंगे ! तो इंशा-अल्लाहुल अज़ीज़ रोज़ी में खूब बरकत होगी !
रोजी में तंगी के लिए अमल – Roji Ki Dua
अगर कोई शख्स रोजी की तंगी और कमी के बाइस परेशान रहता हो ! और आमदनी कम होने की वजह से उसका गुजारा मुश्किल से होता हो तो वह रोजाना बा वुजु होकर सात मर्तबह सूरए मरियम (सूरत नम्बर 19) की तिलावत किया करें ! और तिलावत के बाद अल्लाह तआला से आजिज़ी और इंकिसारी के साथ दुआ माँगे करे ! इंशा अल्लाहुल अजीज उसकी रोज़ी में इजाफा ( Roji Mein Barqat ) होगा ! और परेशानी से नजात हासिल होगी !
रोज़ी की तंगी और परेशानी – Rozi Ki Pareshani Ka Wazifa
अगर‘ कोई शख्स रोजी की तंगी या किसी दिगर परेशानी के सबब मुश्किल में हो तो वह इस्मे मुबारक “या अफुव्वु ” का विर्द कसरत से करें !
इंशा अल्लाहुल अजीज अल्लाह तआला ईस इस्मे मुबारक के विर्द की बरकत से उसकी रोजी में फ़राख़ी अता करेगा और उसकी परेशानियों को दूर फ़रमाएगा !
रोजी की फ़राखी – Rozi Ki Farakhi
जो शख्स दिन के दस बजे वुजु करके चार रकअत नमाज़े नफ़्ल चाश्त की नीयत से अदा करे ! नमाज़ के बाद ! फिर सजदे में जाए ओँर सजदे. में इस्मे मुबारक “या वह्हाबु ” एक सौ चार मर्तबह पढे ! और हर महीने मेँ सात दिन यह अमल करे ! इंशा अल्लाहुल अजीज़ सारी उम्र उसे कभी रोजी की तंगी न होगी और वह फ़राख़ी से जिन्दगी बसर करेगा !
रोज़ी में इज़ाफ़ा – Roji Mein Izafa
अगर कोई शख्स रोजी में इज़ाफे की नीयत से सूरए कद्र (सूरत नम्बर 97) को सोते वक़्त सात मर्तबह पढ़ें !ओर हर महीने में सात दिन यह अमल करे ! इंशा अल्लाहुल अजीज सारी उम्र कभी रोजी की तंगी न होगी और वह फ़राख़ी से जिन्दगी बसर करेगा।
रोजी में बरकत – Roji Mein Baqrat Ki Dua
अगर कोई शख्स अपनी रोजी में बरकत ( Roji Mein Barqat ) और रिज़्क़ में फ़राख़ी का तलबगार हो तो वह
बिस्मिल्लाहहिर्रहमाननिर्रहीम या अज़ीमल जलालि व या वासिअ द्दिवालि व या बदीअल आमालि व या राजिक़ल इबादि अला कुल्लि -हालिन बिरहमति-क या अरहमर्राहिमीन !
हर शब को तीन सौ आठ मर्तबह मअ’ अव्वल व आखिर तीन-तीऩ बार दुरूद शरीफ़ पढा करें ! इंशा अल्लाहुल अजीज़ उसकी रोजी में बरकत रिज़्क़ में फ़राख़ी होगी !
गुरबत दूर करने के लिए – Garibi Dur Karne Ke Liye
अगर कोई शख्स गुर्बत का शिकार हो ! और उसकी रोजी तंग हो या रोजी का कोई माकूल और मुस्तकिल ज़रिया न बन रहा हो तो वह ग्यारह रोज़ तक बाद नमाज़े इशा सूरए क़हफ (सूरत’ नम्बर 18) तिलावत करे ! इंशा अल्लाहुल अजीज उसकी रोजी में फ़राख़ी का सबब बन जाएगा !
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