सलातुल तस्बीह नमाज़ ( Salatul Tasbeeh Namaz ) की फ़ज़ीलत और तरीका
दीनो दुनिया के बे शुमार फाएदे हासिल करने का बेहतरीन ज़रीआ सलातुल तस्बीह ( Salatul Tasbeeh ) है !
Salatul Tasbeeh Namaz Ka Waqt –
इसकी अदाएगी का मखसूस वक्त नहीं है ! बल्कि हर मौसम और वक़्त में अदा की जा सकती है ।
( सिर्फ मकरुह औकात में न पढे )
हुजूर सल्लल्लाहो तआला अलैहि वसल्लम ने अपने चचा को ” तालीम फ़रमाई तो फ़रमाया इसे रोजाना या हफ्ते में या महीने में या साल में ! वरना उम्र भर में एक बार जरूर अदा करें !
दीगर नवाफिल के अलावा फजीलत वाले दिन व रात में सलातुल तस्बीह ( Salatul Tasbeeh ) अदा करना इकसीर है ( बेहद बे इन्तिहा फायदे मन्द है )
सलातुल तस्बीह का आसान तरीका – Salatul Tasbeeh Namaz Ka Tarika
Salatul Tasbeeh Namaz Ki Niyat –
निय्यत की मेंने चार रकअत नमाज़ नफ़्ल सलातुत तस्वीह की, वास्ते अल्लाह तआला के, मुंह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़, अल्लाहु अकबर
और सना पढने के बाद
15 बार तस्वीह पढे, फिर किरत के बाद रुकूअ से पहले 10 बार ! फिर रुकूअ में सुब्हाना रब्बियल अजीम के बाद 10 बार, फिर रुकूअ से खड़े होकर समिअल्लाहु लिमनहमिदह के बाद 10 बार,
फिर सजदे में सुब्हाना रब्बियल अअला के बाद 10 बार, फिर दोनों सजदों के दरमियान जल्से में 10 बार, फिर दूसरे सजदे में 10 बार ! इस तरह हर रकअत में
75 बार तस्बीह पढे ।
Salatul Tasbeeh
सुब्हानल्लाहि वलहम्दु लिल्लाहि व लाइलाहा इल्ललाहु वल्लाहु अकबर
नोट- रुकूअ व सजदे में हमेशा पढी जाने वाली तस्बीह मी पढे !
हिदायत:- दूसरी और चौथी रकअत तस्बीह से शुरू करे ! क़अदा ऊला में अत्तहिय्यात के बाद दुरूद शरीफ़ व दुआ पढ कर खड़े हो ! तीसरी रकअत मे पहले सना पढे फिर तस्बीह पढे !
किसी रुक्न की तस्बीह रह जाए तो अगले रुक्न में पूरी कर लें, तस्बीह का शुमार उंगली दबाकर करें ! जो सूरह चाहे पढ़ सकते हैं ! हॉ सूरए तकासुर, सूरए अस्र, सूरए काफिरून और सूरए इख़्लास पढ़ना बेहतर है !