इस्तिखारा करने का सुन्नत तरीका – Istikhara Karne Ka Sunnat Tarika
अस्सलामो अलैकुम – इस पोस्ट में हमने इस्तिखारा करने का मुकम्मल सुन्नत तरीका ( Istikhara Karne Ka Tarika ) बताया है !
इस्तिखारा करना बहुत ही आसान है ! हमारे नबीये करीम सल्ललहु अलैहि वसल्लम ने हमें इस्तिखारा करने का बहुत ही आसान तरिका ( Istikhara Karne Ka Tarika ) बताया है
इस्तिखारा का मतलब होता है अल्लाह तआला से मशवरा तलब करना ! जब कोई दिल में कन्फ्यूजन हो और हमें खुद अपने दिल से फैसला लेने में हिचकिचाहट हो ! तब हमें इस्तिखारा करना चाहिए ! यानी कि अल्लाह के मशवरे से उस काम को अंजाम देना चाहिए !
इस्तिखारा करना बहुत ही आसान है ! हमारे नबी ए करीम सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम ने फरमाया है कि इस्तिखारा ( Istikhara ) जरूर करना चाहिए
कई ऐसे मसले होते हैं जैसे की शादी वगैरह अब दो जगह से रिश्ता आ गया हम कहां करें ! यहां करें या वहां करें दिल में कंफ्यूजन है ! तब आप इस्तिखारा करें और पता करें
इसी तरह कोई जॉब हो दो ऑफर हो फिर कन्फयूजन की जॉब कहा करे ! तब आप इस्तिखारा ( Istikhara ) करें और पता करें
इसी तरह से कोई भी मसअला हो तो इस्तिखारा ( Istikhara ) कर लेना चाहिए !
या फिर कोई ऐसा काम की ये काम में करू या न करू तब इस्तिखारा ( Istikhara ) करना चाहिए !
किसी भी ऐसे काम के लिए इस्तिखारा न करे जो शरीय तौर पर मना है जैसे की शराब नोशी , जुआ , सटटा , ब्याज का काम , ऐसे मसलो पर इस्तिखारा करके आप और गुनाहगार हो सकते हो !
अपना इस्तिखारा खुद ही करना चाहिए बजाय किसी और से करवाने के !
इस्तिखारा करने का सुन्नत तरीका – Istikhara Karne Ka Tarika
इस्तिखारा अगर ईशा की नमाज़ के तुरंत बाद या सोने जाते वक़्त से पहले जब भी करे बावुजू रहे ! 2 रकअत नमाज़ नफ़्ल इस्तिखारा की पढ़ना है ! बाद नमाज़ 3 मर्तबा दरूद शरीफ पढ़ना है फिर अपना मसअला ख्याल में रखते हुए इस्तिखारा की दुआ पढ़नी है ! बाद दुआ के 3 मर्तबा फिर से दरूद शरीफ पढ़े !
जो भी मसअला हो उसके लिए अल्लाह अज्जवाजल से दिल की गहराइयों से रो रोकर अपने मसअले का मश्वरा तलब करना है !
इस्तिखारा करने का वक़्त – Istikhara Ka Waqt
तसव्वुरे नबीये करीम सल्लल्लाहो आलिहि वसल्लम – रात को ईशा की नमाज़ के बाद इस्तिखारा करना चाहिए ! ईशा की नमाज़ के बाद या फिर सोने जाने से कुछ देर पहले !
इस्तिखारा की नमाज़ का तरिका – Istikhara Ki Namaz Ka Tarika
ईशा की नमाज़ के बाद 2 रकाअत इस्तिखारा की नफ़्ल नमाज़ पढ़े ! इस्तिखारा की नमाज़ के बाद इस्तिखारा की दुआ पढ़े
इस्तिखारा की नमाज़ की नियत – Istikhara Ki Namaz ki Niyat
नियत की मेने दो रकाअत नमाज़ नफ़्ल इस्तिखारा की , वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा काबे शरीफ की तरफ अल्लाहहुअक्बर
इस्तिखारा की नमाज़ का तरिका – Istikhara Ki Namaz Ka Tarika
नियत के बाद अल्लाहहुअक्बर कहकर हाट बाँध लेना है फिर सना – उसके बाद आऊज़ो बिल्लाहि मिन शैतवान निर्रज़ीम बिस्मिल्लाहीर्रहमान निर्रहीम
फिर अल्हम्दु शरीफ ( सूरह फातिहा ) के बाद सूरह काफ़िरून , फिर रुकू सुजूद के बाद दूसरी रकाअत में फिर अल्हम्दु शरीफ ( सूरह फातिहा ) के बाद सूरह इखलास ( कुल हुवल्लाहु शरीफ़ ) पढ़ना बेहतर है ! (आप चाहे तो दूसरी सूरह भी पढ़ सकते हो)
फिर रुकू सुजूद के बाद अतय्यहीयात के बाद दरूद इब्राहीम और दुआ-ए-मासुरा के बाद इस्तिखारा की दुआ ( Istikhara Ki Dua ) पढ़े और फिर सलाम फेरे
नोट – इस्तिखारा की दुआ ( Istikhara Ki Dua ) नमाज़ के बाद भी पढ़ सकते है !
नमाज़ के बाद पढ़े तो अव्वल आखिर 3×3 मर्तबा दरूद शरीफ जरूर पढ़े और फिर जिसका मश्वरा अल्लाह से तलब करना चाहते हो वह तलब करे !
इस्तिखारा का नतीजा – Istikhara Ka Natiza
इस्तिखारा अगर हां या ना की बुनियाद पर हो तो ख्वाब में अगर सब्ज़ रंग या सफ़ेद रंग नज़र आये तो हां समझो और अगर काला या डार्क सुर्ख रंग नज़र आये तो समझो ना है
या तो ख्वाब में आपको इशारा हो जाएगा आपके मसअले का ! या फिर आपका रुझान उस काम की तरफ बढ़ जाएगा ! जो आपके लिए बेहतर हो !
अगर आपको लगे की कोई नतीजा नहीं निकला है तो आप इस्तिखारा तब तक कर सकते है ! जब तक नतीजा निकल ना जाए !
आप जब भी कोई अमल वज़ीफ़ा या इस्तिखारा करे नेक नियति से करे ! और दिल की गहराईयों से करे ताकि शैतान आपको बलगला न सके !
इस्तिखारा की दुआ
अल्लाहुम्मा इन्नी अस्-तख़ीरु-क बिअिल्मी-क व-अस्-तक़दिरू-क बि-क़ुद-रति-क , व-अस्-अलु -क मिन् फ़जि़्ल-कल् अज़ीमि
फ़इन्न-क तक़दिरु-वला अक्दिरु व-तअ्-लमु वला अअ्-लमु व-अंत अ़ल्लामुल ग़ुयूबि
अल्लाहुम्म इन् कुन्त तअ्-लमु अन्न हा-ज़ल् अम्-र ख़ैरून् ली फ़ी दीनी व दुन्या – व आ़क़ि-बति अम्री
फ़-कद्दिरहु ली व-यस्सिरहु सुम्म बारिक ली फ़ीहि ,वइन् कुन्-त तअ्-लमु अन्नहू शर्रून्फ़ी दीनी औ दुन्या औ- आ़क़ि-बति अम्री फ़स्रिफ़हु अ़न्नी व-स्र्रिफ़नी अ़न्हु व-कद्दिर लि-यल खै-र हैसु का-न सुम्म रजि़्ज़नी बिही
NOte- जब आप हाज़ल अम्र पर पहुंचे तो उस काम का जिक्र करे जिस काम के लिए इस्तिखारा कर रहे है फिर आगे की दुआ पढ़े
Arabi And English Mein Dua Padhne Ke Liye Click Kare –