Saturday, April 27, 2024
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KHANA KHANE SE PAHLE OR BAD MAI PADNE WALI DUA

KHANA KHANE SE PAHLE OR BAD MAI PADHNE WALI DUA खाना खाने से पहले और बाद में पढ़ने वाली दुआ 

आम तोर पर खाना खाने khana khane से पहले बिस्मिल्लाह पढ़ने का रिवाज़ है ! बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम तो हमें पढ़ना ही है !

और अगर हम भूल जाये तो जब भी याद आजाये पूरा खाना खाने से पहले तब भी हमे  बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ना जरुरी है!

क्यूंकि  जो खाना बगैर बिस्मिल्लाह के खाया जाता है ! शैतान उसमे शरीक हो जाता है ! या यु कहे  *बिस्मिल्लाहि व अला बरकतिल्लाहि *

मगर खाना खाने से पहले से पहले हमें ये दुआ भी पढ़ना चाहिए !

खाना खाने से पहले की दुआ khana khane ke pahle ki dua

KHANA KHANE SE PAHLE PADNE WALI DUA
KHANE SE PAHLE DUA

खाना खाने से पहले की दुआ हिंदी में

बिस्मिल्लाही व बिल्लाहि ललज़ी ला यदुररोहु मा अ स्मेहि शै उन फील अरदे वाला फिलसम्माए या हय्यू या कय्यूम

तर्जुमा 

अल्लाह के नाम से और अल्लाह की मदद से शुरू जिसके नाम के साथ कोई चीज जर्र  देने वाली नहीं, न जमीं में न आसमान में ए हय्यू ए कय्यूम

शुरू में बिस्मिल्लापढ़ना भूल जाए तो जब भी याद आ जाये यु कहे 

 

तर्जुमा 
अल्लाह के नाम से शुरू इस के शुरू और आखिर में 

KHANA KHANE KI DUA
KHANA KHANE KI DUA HINDI MEIN

फिर खाने के बाद ये दुआ पढ़े – 

हज़रात अबू उमामा रदियल्लाहु अन्हु कहते है की हुज़ूरे अक़दस सल्लाहु अलैहि व सल्लम के सामने से जब भी दस्तरखान उठाया जाता था तो आप यह दुआ पढ़ते थे – 

 *अल्हम्दुलिल्लाही हम्दन कसीरन तय्यिबम मुबा-रकन फ़ीहि गै-र मुवद-दअिंव वला मुस्तग्नन अन्हु रब्बना*

( तिर्मिज़ी ज़ि.-2 स.-183  )

हज़रात अबू सईद खुदरी रदियल्लाहु अन्हु से मरवी है की रसूलुल्लाह सल्लाहु अलैहि व सल्लम जब खाने से फारिग होते तो यह दुआ करते – 

खाना खाने के बाद की दुआ 

KHANE KE BAD PADNE WALI DUA, KHANA KHANE KI DUA
KHANE KE BAD KI DUA

खाना खाने के बाद की दुआहिंदी मेंkhana khane ke bad ki dua

अल्हम्दु लिल्लाहिल लज़ी अत अम ना व सकाना व ज अल ना मिनल मुस्लिमीन


तर्जुमा

सब खुबिया अल्लाह त्आला के लिए जिसने हमें खिलाया पिलाया और मुसलमानो में से बनाया

KHANE KE BAD KI DUA
KHANA KHANE KE BAD KI DUA HINDI MEIN

 

मेज़बान के लिए पढ़ने की दुआ -MAZABAAN KE LIYE PADHNE KI DUA

जब किसी के यहाँ खाना खाये या किसी का दिया हुआ अपने यहाँ खाये तो खाना खाने (KHANA KHANE) के बाद की दुआए पढ़ले फिर उसके बाद यह दुआ भी ख़ास मेज़बान के लिए करे –

*1 *अल्लाहुम्म बारीक़ लहुं फीमा र-ज़कतहुम्  फग़फिर लहुं वरहमहुम्  *

*2 *अल्लाहुम्म अतअिम मन अत-अ-मनी वस्कि मन सक़ानी *

खाना खाने ( Khana Khane ) से पहले जानले

खाने को सुन्नति तरीके से खूब चबाकर खाइये एक निवाले को कम से कम  ३२ चबाकर खाइये इससे आपका वजन नहीं बढ़ेगा और आपके जिस्म में गैस की समस्या नहीं होगी 
और अगर गैस की प्रॉब्लम होगी तो वो भी  ठीक हो जायेगी 

खाना खाने (Khana Khane) के मुताल्लिक हुजूर का फरमान – 

हुज़ूर रहमतें आलम मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया की खाने को ठंडा कर लिया करो के गरम खाने में बरकत नही है !
हदीस शरीफ़ के एक-एक लफ्ज़ में हक़ीक़त बया की गई है ! आपने हमेशा ग़ौर किया होगा ! कि बिल्कुल ठंडा खाना हो तो हम बहुत कम खाते है ! कुछ गर्म हो तो मीडियम खाते है ! 
लेकिन जब गर्म-गर्म रोटियां और सब्ज़ी उतर कर आती है ! तो हम आम दिनों के मुक़ाबले कुछ ज्यादा ही रोटियां खा जाते है ! क्योंकि हदीस शरीफ़ में साफ़-साफ़ बयान है !
कि गर्म खाने में बरकत नही होती ! लिहाज़ा जिन भाइयों को बिल्कुल गरमा-गरम खाने का शौक़ है ! वो ज़ुरूर इसपर ग़ौर करे ! और खाने को कुछ ठंडा करके खाये !  इंशा अल्लाह ख़ूब बरकत होगी ! 
*( मुस्तदरक उल हक़ीम   जिल्द-5, सफ़ा-162, हदीस-7207 )*

आईये अच्छी बाते फैलाने में हमारी मदद कीजिये 


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