Sunday, May 12, 2024
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shabe barat 2023 in india

shabe barat 2023 in india

अस्सलामो अलैकुम दोस्तों , हर साल की तरह इस साल भी शबे बरात की बहुत बहुत मुबारक बाद  जैसा की आप सब जानते है शबे बारात बहुत ही अफजल रात है , और इस रात में कसरत से इबादत की जाती है , इसी रात में हिसाबो किताब होता है ,

और हम सब मुसलमान बड़े ही खुशनसीब है की हमारे हिस्से में ये इबादत वाली बड़ी ही अफजल रात आयी , अफ़सोस मगर बहुत से मुस्लिम भाई इस रात की अहमियत को समझते ही नहीं

शबे बरात चाँद की 14 तारीख की नाईट में मनाई जाती है इस हिसाब से ( shabe barat 2023 ) इंडिया में शबे बरात 7 मार्च 2023 को मनाई जायेगी !

शबे बरात की रात में हमें ये इबादत करनी है 

 

shab e barat 2023
shab e barat 2023

शबे बरात की रात में हमें ये इबादत करनी है – (shabe barat 2023)

1. मग़रिब की नमाज़ के बाद 6 रकअत नमाज़ नफ़्ल 2×2 की नियत से अदा कीजिए

पहली 2 रकअत नमाज़ शुरू करने से पहले यह दुआ कीजिए

या अल्लाह इन दो रकआतो की बरकत से मेरी उम्र में बरकत अता फरमा

2. शबे बरात की दूसरी 2 रकअत नमाज नफ़्ल अदा करने से पहले अल्लाह से ये दुआ कीजिए

या अल्लाह इन दो रकअत की बरकत से बलाओ से मेरी हिफाजत फरमा !

3. तीसरी 2 रकअत नमाज शुरू करने से पहले यह दुआ कीजिए

या अल्लाह इन दो रकआतो की बरकत से मुझे सिर्फ अपना मोहताज रख

और गैरों की मोहताजी से बचा

नोट- ये नमाज़ दूसरी नफ़्ल नमाज़ जैसी ही पढ़नी है

नमाज़ मुकम्मल होने बाद

हर दो रकअत नमाज़ के बाद 21 मर्तबा सूरह इखलास और एक मर्तबा सूरह यासीन की तिलावत कीजिये

अगर आप दो लोग एक साथ में नमाज पढ़ते हैं ! 21 मर्तबा सूरह इखलास (कुल्हुवल्लाहु शरीफ ) के बाद

जब सूरह यासीन पढ़ने की बारी आये !

तो दोनों में से कोई भी एक सूरह यासीन की तिलावत बुलंद आवाज में कर सकता है !

और दूसरा उस आवाज को सूरह यासीन की तिलावत को बिल्कुल खामोशी के साथ सुने

दूसरा अपनी जुबान से कुछ भी लफ़्ज़ अदा ना करें सिर्फ और सिर्फ सूरह यासीन सुने

इंशा अल्लाह शबे बरात मैं सवाब का अंबार लग जाएगा !

ईशा की नमाज़ से पहले ग़ुस्ल  करने का वक़्त मिल जाए तो पहले बेरी के पत्ते पानी में डालकर ग़ुस्ल करले  ! और वक़्त नहीं मिले तो ईशा की नमाज़ के बाद ग़ुस्ल जरूर करले ! उसके बाद 2 रकअत नमाज़ नफ़्ल तहय्यतुल वज़ू की अदा करे !

हर रकअत मे सूरए फातिहा के बाद आयतल कुर्सी एक बार और कुल हुवल्लाहु शरीफ़ तीन बार पढे !

नोट – किसी मज़बूरी के कारन ग़ुस्ल ना करपाए तो कोई बात नहीं ! कोशिश यही करनी चाहिए ग़ुस्ल किया जाए 

शबे बरात 2023

01. बारह रकअत नफ़्ल 4×4 नियत से अदा करे । पहली चार रकअत नमाज़ इस तरह  पढ़े  

चारो रक्आतो में सूरए फातिहा के बाद

और कुल हुवल्लाहु शरीफ़ दस मर्तबा पढे !

दो रकअत पूरी होने के बाद जब तीसरी रकअत के लिए खडे हो जाए !

तो फिर सना से तीसरी रकअत शुरू करे,  फिर सूरह फातिहा उसके बाद जैसे पहली दो रकअत नमाज़ अदा

की उसी तरह बची हुई दो रकअत अदा करेंगे !

इसी तरह से 4×4 की नियत से आठ रकअत नमाज़ ओर मुकम्मल कीजिये

नोट – हर रकअत में सौराह फातिहा के बाद 10 मर्तबा सूरह इखलास यानी कुल हुवल्लाहु शरीफ़ पूरी सूरह  पढ़नी है !

नमाज़ से फारिग हो कर तीसरा कलिमा दस बार और चौथा कलिमा दस बार और दरुद शरीफ सो मर्तबा पढे ।

02 . फिर उसके बाद आठ रकअत नमाज़ नफ्ल दो सलाम (यानी चार -चार रकअत की नियत से ) से पढे  

shab e barat ki namaz ka tarika

चारो रक्आतो में सूरए फातिहा के बाद इन्ना अन्ज़लना हु एक बार

और कुल हुवल्लाहु शरीफ़ पच्चीस बार पढे !

दो रकअत पूरी होने के बाद

फिर सना से तीसरी रकअत शुरू करे, उसके बाद जैसे पहली दो रकअत नमाज़ अदा

की उसी तरह बची हुई दो रकअत अदा करेंगे !

इसी तरह से चार रकअत नफ़्ल फिर से करेंगे उसके बाद दुआए निस्फ़ शाबान पढ़ेंगे !

इसके बाद आप चाहे तो

shabe barat 2023

3.  दो-दो रकअत करके सौ रकअत नफ़्ल पढे ! इसकी, बडी फ़जीलत है, 

(सूरए फातिहा के बाद जो सूरत याद हो पढे )

हदीस मे आया है कि जो शख्स इस रात में सौ रकअत नफ्ल अदा करेगा

तो अल्लाह तआला सौ फरिश्ते उसके लिये मुक़र्रर फरमा देगा ।

उनमें से तीस फरिश्ते उसको जन्नत की खुशखबरी सुनाते रहेंगे,

तीस फरिश्ते जहन्नम से बैख़ोफ़ी की बशारत देते रहे’गे !

तीस फरिश्ते बला व आफ़त को दफा करते रहेंगे

और दस फरिश्ते उस शख्स को शैतान के फितनो से महफूज रखेंगे 1

शबे बरात में ज्यादा से ज्यादा इबादत कीजिये मोबाइल तो हम रोज चलाते है टीवी तो हम रोज देखते है

एक रात इबादत में गुजारिये फिर देखिये दिल को कितना सुकून मिलता है !

दुआए निस्फ़ शाबान – 

बिस्मिल्ला हिर्रहमान निर्रहीम 

अलाहुम्मा या जल मन्नि  वला यमुत्रु अलैहि 0  या जलजलालि वल इकराम 0 

या जत्तोलि वल इनआम 0 ला इलाहा इला अन्ता ज़हरल्लाजीन 0  

वजारल मुस्तजिरीन व अमानल खाइफीन 0 

अल्लाहुम्मा इन कुन्ता कतब तनी इन्दका फी उम्मिल किताबि शकीय्यन 

औ महरूमन ओं मतरुदन औ मुक़त्तरन अलय्या फिरिज्क़ 0 

फ़म्हु अल्लाहुम्मा बि फ़दलिका शकावती व हिरमानी व तर्दी वक तितारि रिज़्क़ी 0 

व सबितनी इन्दका फी उम्मिल किताबि सईदम मरजूकम मुवफ्फक़ल लिलखैरात 0 

फ इन्नका कुल्ता व कौलुकल हक़्क़  फी क़िताबिकल मुन्जल 0 

अला लिसानि नबीय्यिकल मुरसल 0 यम्हुल्लाहु मा यशाउ वयूस्बितु व इन्दहू उम्मुल किताब 0 

इलाही बीतजल्लि यिल अअज़म 0 

फी लैलतिन्निस्फे मिन शहरि शअबानुल मुक़र्रमल्लती  युफ़ रकु फीहा कुल्लु  अमरिन हकीमिंव व युबरम 0

अन तकशिफा अन्ना मिनल बलाइ वल बलवाई मा नअलमु वमाला नअलम वमा अन्ता बिही अअलम 0 

इन्नका अन्तल अअज़्ज़ुल अकरम 0 

वसल्ललाहो तआला अला सय्यिदिना मुहम्मदिव व अला आलिही व सहबिहीँ व सल्लम 0 

वल हम्दु लिल्लाहि रब्बिल  आलमीन 0  

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