Monday, May 13, 2024
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कुंडे की फातिहा करने का मुकम्मल तरीका हिंदी में

Kunde Ki Fatiha karne ka tarika in hindi – कुंडे की  फातिहा करने का मुकम्मल तरीका हिंदी में

कुंडे की फातेहा करने का तरीका हिंदी में – अस्सलामु अलैकुम वरहमतुल्लाह वबरकाताहु मेरे प्यारे मुस्लिम भाइयों और बहनो हम आज आप लोगो के लिए Kunde ki fatiha ka tarika हिंदी में लेकर आये है ! जिसे हर मुस्लिम भाइयों और बहनो को सीखना चाहिए  ! इसी लिए हम आज कुंडे की फातिहा ( kunde ki fatiha ) करने का तरीका हिंदी टेक्सट में लाये है ! जिसे आप लोग बहुत आसानी से सिख सकते है !

याद रखिये कुंडे की फातिहा हज़रत इमाम ज़ाफ़र सादिक  रे. अ.  को इसाले सवाब करने के लिए लगाई जाती है ! पोस्ट पढ़ने से पहले और आखिर में 1-1 मर्तबा  दुरुद शरीफ़ जरूर पढ़े !

वैसे तो पुरे साल ही आप हज़रत इमाम ज़ाफ़र सादिक की नियाज़ या कुंडे की फातिहा लगा सकते है ! लेकिन हज़रत इमाम ज़ाफ़र सादिक का विसाल 15 रजब को हुआ था ! अलबत्ता मुनासिब हो तो 15 रजब को कुंडे की फातेहा दिलवाई जाए !  22 रजब को भी कुंडे की फातेहा दिलाये तो कोई हर्ज़ नहीं है !

क्यूंकि 15 रजब आपकी विसाल की तारीख है तो 22 रजब को आपको गोसियत-ए-कुबरा आता किया गया ! इस लिहाज़ से आप  इमाम जाफर सादिक रे.अ. की नियाज़ दोनों तारीखों में कर सकते हो

 kunde ki fatiha karne ka tarika in hindi

सबसे पहले दस्तरखान बिछाले ! उसपे आपने जो कुछ भी कुंडे की फातिहा की नियत से बनाया है ! या ख़रीदा है ! मतलब हज़रत इमाम ज़ाफ़र सादिक   के लिए इसाले सवाब की नियत की नियत से पकाया है ! उसे सजाले !

मसअला – 1. जरुरी नहीं की मिटटी के बर्तन या मिटटी के कुंडे में ही ग़िज़ाओ को सजाया जाए ! आप घर के किसी भी बर्तन में गिजाओ को रख सकते है ! बेशक़ अल्लाह अज़्ज़वजल सिर्फ नियतो को देखता है !

अगरबत्ती लोबान वगैरह खुस्बू के लिए सुलगा सकते है ! लेकिन तबर्रुक से दूर रखा जाए ! दस्तरखान पे तबर्रुक सजाने के बाद आप इस तरह से हज़रत इमाम ज़ाफ़र सादिक  को इसाले सवाब करेंगे ! 

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कुंडे की फातिहा करने का मुकम्मल तरीका

सबसे पहले आप तीन बार दरूद ए इब्राहिम पढ़ें

बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम

अल्लाहुम्मा सल्ली अला मुहम्मद वा अला आली कमा सल्लैता अला इब्रहिमा वा अला आली इब्रहिमा इन्नका हमीदुम मजीद, अल्लाहुम्मा बारीक अला मुहम्मदीव वा अला आली मुहम्मदिन कमा बारकता अला इब्रहिमा वा अला आली इब्रहिमा इन्नका हमीदुम मजीद,

उसके बाद एक मरतबा

सूरः अल-काफ़िरून पढ़ें 

बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम

कुल या अय्युहल काफिरून

ला अ अबुदु मा ताबुदून

वला अन्तुम आ बिदूना मा अ अबुद

वला ना आबिदुम मा अबद्तुम

वलआ अन्तुम आबिदूना मा अअ बुद

लकुम दीनुकुम वलिय दीन

1उसके बाद तीन बार सूरत अल इख़्लास  पढ़ें

kunde ki fatiha ka tarika

सूरः अल इख़्लास

बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम

कुल हुवल लाहू अहद

अल्लाहुस समद

लम यलिद वलम यूलद

वलम यकूल लहू कुफुवन अहद

इसके बाद कुल आऊजु बिरब्बिल फलक पढ़ें

 सूरः अल फ़लक़ 

(बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम)

कुल आऊजु बिरब्बिल फलक

मिन शररी मा ख़लक़

वा -मिन शररी ग़ासिकिन इज़ा वकब

वामिन शररिन नफ़ासती फ़िल उक़द

वामिन शररी हासिदिन इज़ा हसद

उसके  बाद एक बार सूरह नास पढ़ें

 सूरः नास 

(बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम)

कुल अऊजु बिरब बिन नास

मलिकिन नास

इलाहिन नास

मिन शररिल वसवासिल खन्नास

अल्लज़ी युवसविसु फी सुदूरिन नास

मिनल जिन्नाति वन नास

एक बार सूरह अल फातिहा पढ़ें

सूरह अल फातिहा

(बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम)

अल्हम्दुलिल्लहि रब्बिल आलमीन

अर रहमा निर रहीम

मालिकि यौमिद्दीन

इय्याक न अबुदु व इय्याका नस्तईन

इहदिनस् सिरातल मुस्तक़ीम

सिरातल लज़ीना अन अमता अलय हिम

गैरिल मग़दूबी अलय हिम् व लद दाालीन (आमीन 

उसके बाद एक बार अलिफ़ लाम मीम पढ़ें

अलिफ़ लाम मीम

(बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम)

*अलीफ लाम मीम ज़ालिकाल किताबु ला रै बफ़ीह*! हुंदल लिल मुत्तकीनल्लज़ीना यूमिनूना बिल गैबि व युकिमुनस्सलाता  व् मिम्मा रजकनाहुम् युनफिकुन *!  वल्ल्जीना यूमिनू ना बिमा उन्ज़िला इलैका वमा  उन्ज़िला मिन क़ब्लिक * व बिल आख़िरति हुम् युकिनून *!  उलाइका अला हुदम मिर रब्बि हिम व उलाइका हुमुल मुफ़लिहून *! 

बाद में आप ये आयत पढ़ें 

आयत ए खामसह

(बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम)

वा इलाहुकुम इलाहु वाहिद ला इलाहा इल्ला हूवर रहमानु अर्रहीमून,

 इन्ना रहमतल्लाही क़रीबूम मीनल मुहसिनीन,

वमा अर्सलनका इल्ला रहमतल लील आलेमिन

माकाना मुहमदुन आबए अहादिम मिररिजलीकुम वलाकिर रसूलअलाल्हे व ख़ात्मां नबीना वा कानल्लाहो बिकुल्ली अलीमा,!  इन्नल्लाहा व मलाई क त हू यूसल्लूना अलन्न् बिय्यि *!  या अय्यु हल लज़ीना आ मनू सल्लू अलैहि व सल्लि मू तस्लीमा *! ( जो भी हाजिरीन फातिहा में हाजिर है सभी दुरुद शरीफ पढ़े ) (एक बार पढ़े )

एक बार दरूद शरीफ पढ़ें

(बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम)

* अल्लाहुम्मा सल्ले अला सय्येदिना व मौलाना मुहम्मदिव व अला आलि सय्येदिना व मौलाना मुहम्मदिव व बारिक व सल्लिम *सलातंव व सलामन अलैका या रसूलुल्लाह * सुब्हाना रब्बिका रब्बिल इज़्ज़ति अम्मा यसीफ़ून * व सलामुन अलल मुरसलीन * वल्हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन *

अब बारगाहे रिसालत में हाँथ उठाइये –

isale sawab ka tarika 

(बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम)

फिर आप दुआ मांगिये और इसाले सवाब कीजिये

  • ए अल्लाह मैंने तेरे बारगाह में कुरान शरीफ की तिलावत की ! और दरूद शरीफ पढ़ा ! ए-अल्लाह ! इसे पढ़ने में जो भी गलतिया हुई है ! इसे अपने फज्लो करम से माफ़ फरमा ! और जो कुछ मेने पढ़ा और जो कुछ ये तबर्रुक है ! सबसे पहले इसका सवाब सरकारे दोआलम सल्लल्ला हु अलैहि वसल्लम के मुक़द्दस बारगाह में तोह्फतन हदियातन पेश करते है कबूल फरमा !
  • हज़रत आदम अलैहि वसल्लम से लेकर हज़रते इसा अलैहि वसल्लम तक कमो बेस एक लाख चौबीस हजार अम्बियाए मुर्सलीन के बारगाह में ये तबर्रुक पेश करते है ! मौला कबूल फ़रमा ! हुजूर के सहाबा सहाबिया अहले बैत अतहार अज़्वाजे मोतहरात जुमला शहीदाने कर्बला जुमला शहाबा तबाईन तबे तबाईन आइममे मुजतहइन बुजुर्गाने दिन मुत्तक़ीन सालेहीन मोमेनीन के अरवाहे को पेस करते है कबूल फरमा !
Kunde Ki Fatiha
  • इसका सवाब दस्तगीर रौशन जमीर हजरते गौसे आज़म रज़ि अल्लाहो तआला अन्हा और ख्वाजा ए ख्वाजा हिंदल वली अजमेरी चिस्ती के बारगाह में पेश करते है ! क़ुबूल फ़रमा इस दुनिया से जितनेभी मोमिन व् मोमिनात गुजर चुके है ! उनकी बखसीस फरमा ! और उनको जन्नत में आला से आला मकाम अता फरमा ( आमीन सुम्मा आमीन )
  • बिल खुसुस इसका सवाब ऐ अल्लाह तेरे प्यारे मेहबूब बन्दे हज़रत इमाम ज़ाफ़र सादिक  रे. अ.  की बारगाह में पेश करते है ! क़ुबूल ओ मक़बूल फ़रमा ! इनपे खूब रेहमतो की बारिश अता फ़रमा ! इनके दर्जात में बुलंदी अता फ़रमा !
  • और इनके वसीले से हमारे गुनाहो को मुआफ फ़रमा ! हमारी रिज़्क में ख़ुशादगी अता फ़रमा ! हमारे ईमान की हिफाज़त अता फ़रमा !
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