Saturday, May 18, 2024
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April Fool – अप्रैल फूल क्या है ? ये कहाँ से शुरू हुआ

अप्रैल फूल ( April Fool ) क्या है ? ये कहाँ से शुरू हुआ ? इसके पीछे क्या तारीख है ? कभी हम ने जानने की कोशिश की नहीं ! क्यों कि हम में से अक्सर का हाल ये है कि बिना तहक़ीक़ किए अमल करना शुरू कर देते है !

औंर कुछ लोगो का यह जुमला तो रूह को हिला कर रख देता है ! हम क्या करें, जमाता कट रहा है ! दुनिया में यही चल रहा है ! अरे मेरे भाई ! हम  मुसलमान हैँ, हमे दुनिया मे क्या हो रहा है के पीछे नहीं बल्कि कुरआन व हदीस के पीछे, और हमारे असलाफ़ के बताए हुए रास्ते पर चलना है !  हम एक ऐसी कौम हैँ जिसको हर ज़ालिम अपने अपने ज़माने मे दबाने और बहकाने मे लगा रहा है !

बडे अफसोस की बात है कि हम में ऐसे लोग भी मौजूद है जिन को अगर इस्लाम की कोई बात बताई जाए तो जवाब मिलता है ! हम को न समझाओ, यह हमारे और रब के बीच का मामला है ! यह बात न जाने उन के दिमाग मे कब आएगी कि उलमा जो बात, मस्ला बाताते है ! वह उनके घटर का नहीं बल्कि खुदा की किताब में से बयान करते हैँ !

अप्रैल फूल ( April Fool ) एक ऐसा दिन है जिसे ईसाईयों ने ईजाद किया । इस दिन लोगो से झूट बोल कर उन को धोका दिया जाता है । यह बहुत पुरानी  बात हैँ ! बद किस्मती से आज भी इस का चलन हैँ !

April Fool – अप्रैल फूल क्या है ? ये कहाँ से शुरू हुआ

यह ( April Fool ) तक़रीबन आज से 500-600 साल पुरानी बात है !  जब स्पेन पर ईसाइयों का कब्ज़ा हो गया था !उन्होंने मुसलमानो और दूसरी कौमौ का बहुत बेदर्दी से क़त्ले आम किया !

जो मुस्लिम बच गए ! ये उन्होंने अपना नाम बदल लिया और वहीँ रह कर  अमन होने को इंतज़ार करने लगे ! ईसाईयों को यह बात मालूम थी कि अभी भी हमारे अंदर  कुछ मुस्लिम हैँ । उन की जिद स्पेन से मुसलमानो को ख़त्म करने की थी ! एक मींटिंग में यह बात तय हुई कि इन को कैसे ख़त्म किया जाए ! यह बात पास हुई कि इन को एक जगह जमा किया जाए । .

चुनांचे मार्च का पूरा महीना स्पेन में एलान  होता रहा कि मुसलमान कोई भी हो , कहीँ भी हो फलां समंदर के किनारे मेदान में जमा हो जाए ! एक अप्रैल ( April Fool ) को उन को उनके देश रवाना कर दिया जाएगा !  उन के साथ कोई जुल्म नहीं किया जाएगा ! समंदर के किनारे मेदान में मुसलमानो के लिए खेमे लगाए जाने लगे ! जहाज़ जमा होने लगे ! जब मुसलमानों को इस बात पर यकीन हो गया कि यह ख़बर सही है !

और हमारे लिए इंतज़ाम किया जा रहा है ! तो सब धीरे धीरे जमा होने लगे । एक अप्रैल को सब को जहाज़ में सवार कर दिया गया !

जहाज़ जब आबादी से ड़तनी दूर पहुंच गया कि कोई तैर कर पार न हो सकें ! तो जहाज को समन्दर के बीच डुबा दिया गया । इसी की खुशी ने उन्होने वहां एक प्रोग्राम रखा ! और अपनी खुशी का इज़हार किया !

अप्रैल फूल

इस्लाम मे झूट बोलना , धोका देना गुनाहे कबीरा है ! और इंसानियत के तकाजो के ख़िलाफ़ है ! कोई आदमी आप पर भरोसा करे और आप उसके विश्वास को तोडे, धोका दे ! यह ग़लत बात है !

इस बात का ताअल्लुक़ अगर वाक़िआ से नहीं भी होता तब भी तब भी यह हमारे लिए हराम ही रहता की झूट बोले और धोका दे !

अल्लाह को सबसे ज्यादा पसंद उस बन्दे के आमाल है ! जो झूट न बोलता हो ! जो लोग झूठ बोल कर लोगो को धोका देते हैँ ! सोचै कि हमारे आमाल का क्या हाल होगा !

हज़रत लुक़मान अपने बेटे को नसीहत फरमाते हुए फरमाते हैं बेटे ! झूट से बचते रहता इस लिए-कि यह परिन्दे के गोश्त की तरह लजीज तो है लेकिन आदमी को लोगो की निगाहों से गिरा देता है !

सरकार मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के  फ़रमान का मफ़हूम हे- जो शख़्स मुसलमानो को धोका दे ! वह हम में से नहीं ! एक और हदीस में बयान किया गया है कि जिस ने किसी कौम से मुशाबहत रखी, वह उन्ही में से है ! इसका हश्र उसी के साथ होगा !

इब हदीसो से हमे सबक लेना चाहिए कि हम झूट बोल कर, धोका देकर कितना बड़ा ” गुनाह मोल ले रहे है ! और गैरों से मुशाबहत रख कर हम किस तरफ जा रहे है ! अल्लाह अपने हबीब के सदके हमे सच्चा मुसलमान बनने की तौफीक\ दे ! आमीन

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