Monday, May 20, 2024
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Lockdown Mein Eid Ki Namaz Kese Padhe

लाकडाउन में ईद की नमाज़ कैसे पढ़े ?

अस्सलामो अलैकुम भाइयो और बहनो मौजूदा वक़्त में सबसे बड़ा सवाल है की लॉकडॉन  में ईद की नमाज़ कैसे पढ़े . ( Lockdown Mein Eid Ki Namaz Kese Padhe ) ! या फिर क्या घर पर ईद की नमाज़ फ़र्ज़ है ! ( Kya Ghar Par Eid ki Namaz Farz Hai ? ) ! इसी से मुताल्लिक बरेली शरीफ से ये फरमान आया है की दौराने लॉक डॉन ईद की नमाज़ किस तरह से अदा होगी !

इससे पहले हमने एक पोस्ट की थी जिसमे औरत और मर्द दोनों के लिए ईद की नमाज़ का मुकम्मल तरीका बताया गया है ! अगर वो पोस्ट नहीं पढ़ी हो तो निचे दिए गए बटन पर क्लिक करे

नमाज़े ईद 

यहाँ पर पूरी पोस्ट मौजूद है हमने हमारी तरफ से कुछ नहीं लिखा है ! जो भी लिखा है उसकी इमेज भी यहाँ अपलोड की है जिसे आप ज्यादा से ज्यादा शेयर करके सवाबे दारेन हासिल करे।

नमाजे ईद से मुताल्लिक  मरकजे अहले सुन्नत बरेली शरीफ की कौम के लिए जरूरी हिदायात ।

अज;… नबीरा ए आलाहज़रत , खलीफा ए हुजूर मुफ़्ती ए आजम, शहजादा ए रेहाने मिल्लत हज़रत अल्लामा मोहम्मद तौसीफ़ रजा खाँ साहब किबला बरेलवी ।

खादिम, मरकजे अहले सुन्नत खानकाहे रजविया नूरिया रेहानिया । दरबारे आलाहज़रत बरेली शरीफ़ ।

ब्रादराने इस्लाम अस्लामोअलैकुम  व रहमतुल्लाहि व बरकातहु!

लाकडाउन की पाबन्दियों की वजह से नमाजे ईद अदा करने पर कुदरत न होने की वजह से मुसलमान क्या करे ? यह सवाल मुल्क व बैरूने मुल्क से फकीर कादरी के पास आ रहे हैं ! इसलिए चन्द मारूजात पेशे खिदमत हैं अल्लाह ख़ता को मुआफ फ़रमाए ।

ईद के दिन क्या करें:

जुमा व ईदैन शहर व फना ए शहर में मुसलमानो पर चन्द और मखसूस शराएत के साथ फर्ज, देहात में न जुमा फर्ज और न ही ईंदैन की नमाज ।

ईद की नमाज की भी वही शर्ते हैं जो जुमे की हैं ! अलबत्ता जुमा में खुत्बा कब्ल नमाज और ईद में बाद नमाज़, जुमा फर्ज और नमाजे ईद वाजिब, खुत्बा ए जुमा लाजिम और फर्ज और खुत्बा ए ईद सुन्नत ।

इसके अलावा ईद की नमाज के अदा करने पर कुदरत भी होना चाहिए ! नेरे जददे अमजद सय्यदी सरकारे आलाहजरत मुजदिद ए दीनो मिल्लत इमान अहमद रजा खान अलकादरी अलहनफ्री अलहिंदी कुदस्सिर्रुह की तुरबते पाक पर अल्लाह रब्बुल इज्जत शबो रोज बेशुमार रहमते नाजिल फ़रमाए !

कि आपने अपनी तसानीफे  मुबारका ए खास “फतावा रज़विया” शरीफ़ की शक्ल में अहले सुन्नत के लिए कुरान और हदीस अकवाले सहाबा व अकबाले असलाफ और अईमा ए असनाफ की किताबों से माकूल आसान अन्दाज में फिकह हनफी और इस्लामी अकायद व अहकाम का ऐसा दस्तूरूल अमल छोडा है ! ki जिसमें ऐसे ऐसे उसूल व कवायद जुजयात द नजायर और मसायल व बनामा खुतूत व नुकूश हैं

Eid Ke Din Kya Kare ? Lockdown Mein Eid Ki Namaz Kese Padhe ?

कि जो अलहम्दुलिल्लाह हर जमाने में पैदा होने वाले नये नये और पेचीदा से पेचीदा मसायल के हल के लिए हमारे सायबुर राय मुफ़्तीयानै किराम की रहनुमाई व दस्तगीरी फ़रमाते हैँ

चुनांचे आज के हालात लाकडाउन में नमाजे ईद उम्मते मुस्लिमा पर वाजिब है या नहीं इस सिलसिले में भी सरकारे आलाहजरत वो ब्यानकर्दा एक जाब्ते से रहनुमाई मिलती हैं

आप फरमाते हैं । नमाजे ईद शहरों में हर आजाद तन्दुरूस्त आकिल व बालिग, कादिर पर वाजिब है कादिर के ये माना कि न तो अंधा हो न लूला न लुंजा न कैंदी।

कुछ आगे तहरीर फ़रमाते हैं ! न उसे नमाज़ को जाने में चोर या हाकिम या दुश्मन की जानिब से जान या माल या इज्जत का सच्चा खौफ हो -…(कदीम जिल्द सोम कदीम सफा न० 882)

इस इबारत की रौशनी में अब लाकडाउन की पाबन्दियों की वजह से आम तौर पर मुसलमान नमाजे ईद पर कादिर न होने की वजह से उन पर नमाजे ईद की अदायगी मस्जिद या ईदगाह में वाजिब नहीं ‘! तो अब सवाल यह है कि ईद के दिन मुसलमान क्या करें? इसका जवाब यह है कि ऐसी ऐसी सूरत में मुसलमान मुन्दरजा जैल मामूलात को अन्जाम दें 1

लाकडाउन में मामूलाते ईद  – Lockdown Mein Eid Ki Namaz Kese Padhe ?

  1.  हर जगह के लोग हत्तल इमकान हुकूमते पुलिस, इन्तजामिया और आफिसरान से मिलकर जुमा अलविदा व  नमाजे ईद के लिए मस्जिद व ईदगाह में जाने की आम इजाजत लेने की कोशिश करें ! संजीदा और पढे लिखे लोग इस सिलसिले में बात करें, बतायें कि वैसे भी

सुबह से 11 बजे तक लॉकडाउन में छुट दी जा रही है ओर यह ही नमाजे ईद का भी वक्त है 1

2… अगर इजाजत न मिल सके तो ईदगाह या मस्जिद में जाकर नमाजे ईद पढने की इजाजत जितने लोगों को मिल जाए ! तो वह लोग मारूफ तरीके से इस्तेसार के साथ नमाजे ईद अदा करें ।

3 . वकिया अफराद अगर शरायते नमाजे ईद के साथ घरों या बिल्डिंगों, फ्लैटों, अपार्टमेन्ट में ‘पढ सकते हों तो अदा करें ! ओर अगर शरायत पर कामिल तौर पर अमल मुमकिन न हो ! फिर भी अगर ईद व जुमा की वक़्त , अजमत. फ़जीलत, अहतमाम अल्लाह का जिक्र जैसे भी हो सके लोग करें !

bareilly sharif news

दीन के करीब रहें दीनी माहोल बरकार रहे अगर जुमें के दिन सिर्फ जोहर पढेंगे तो वह अहतमाम न कर सकेंगे बल्कि सिरे से पढेगे ही नहीं या ईद के दिन नमाजे ईद की जगह कुछ न पढेंगे तो इन सब खदशात के पेशे नजर अगर कोई पढता है तो रोका न जाए

और किसी से कहा न जाए ! कि जैसा कि देहात में जुमा के सिलसिले में सरकारे आलाहजरत सरकार मुफ्तीए आजम और हमारे बुजुर्गों के भी इरशादात हैं ! कि जहाँ हो रहा है उखेडा न जाए !…मफहूमा अलबत्ता  घरों वगैराह में जुमा पढने वालों को यह जरूर समाझाया जाए ! कि वह जुमा के साथ जोहर जरूर अदा करें और ईद की नमाज के बाद चाश्त की ।

4-जो लोग उज (बीमारी या मज़बूरी ) की वजह से नमाजे ईद अदा करने पर कादिर न हों ! वह अपने-अपने घरों पर शहर की ईदगाह या किसी मस्जिद में नमाज़ हो जाने क़े बाद 4 रकअत चाश्त की नमाज़ अदा करे  ।

नमाज़े चास्त का तरीका हमने अपनी पिछली पोस्ट में बताया है Nahi Padha Ho To Click Kare

चास्त की नमाज़ 

नमाजे चाश्त का तरीका:

ह्रजरत सदरुश्शरिया अलैहिरहमा ने बहारे शरीअत में तसरीह फरामाई है ! कि नमाजे ईद अदा न कर सकने की सूरत में 4 रकअत चाश्त की नमाज अदा की जाए

मफहूमा वैसे नमाजे चाश्त का वक्त सूरज तुलू होना जब शुरू हो ! तब उसक 20 मिनट बाद शुरू होता है ! और जवाल तक रहता है ! मगर ईद के दिन शहर में किसी एक जगह नमाजे ईद हो जाने के बाद पढे।

ईदगाह और मसाजिद के जिम्मेदारान से भी गुजारिश है कि ईद के दिन बाद नमाजे फज़र सूरज तुलू हो जाने के बाद जल्द से जल्द नमाज ईद करा लें ! यू तो नमाजे चाश्त की कम अज कम रकआत 2 और ज्यादा से ज्यादा 12 हैं ।

5… ननाजे चास्त के साथ बेहतर है कि 2 रकआत शुकराने के भी नवाफिल अदा करें ! कि अल्लाह तआला ने रोजे रखने ओर तराबीह अदा करने व दीगर आमाले खैर अदा करने की तौफीक बख्शी 1

ईद की सुन्नतों की अदायगी –

अगरचे हमें ईदगाह और मसाजिद में नमाजे ईद की अदायगी का मौका न मिल सका ! मगर ईद के दिन अपने-अपने घरों में ईद का वह ही मारूफ माहौल कायम रखने की कोशिश करें।

  • नमाज़े फज अदा करें,
  • गुस्ल करें,
  • बाल वगैरह दुरूस्त करें,
  • सुर्मा लगाए,
  • साफ सुथरे कपडे पहनें,
  • इत्र व खुशबू लगाए,
  • मीठा या सिवईंया खाएं
  • बच्चों को ईदी दें ।
  • यतीमो और गरीबों पर दस्ते शफ़कत रखें 1
  • उनकी मदद करें
  • सदका ए फित्र अदा करें
  • गरीबों की माली मदद करें।
  • इस मरतबा खास तौर से पडोस व तलबा और उल्मा ए किराम का खास ख्याल रखें

तकबीरे ईद

अल्लाहो अकबर अल्लाहो अकबर लाइलाह इल्लाह अल्लाहो अकबर अल्लाहोकर व लिल्लाहिल हम्द कसरत से पढें।

अल्लाहो अकबर अल्लाहो अकबर का विर्द जारी रखें अल्लाह व रसूल का जिक्र कसरत से करें दुरूदे पाक की कसरत करें बाजारों, गलियों. चौराहों वगेरह पर भीड़ न लगाएं। अपने अहबाब को बजरिए फोन व मैसेज ईद की

मुबारकबाद दें ।

लॉकडाउन में सोशल डिस्टेसिंग और जिसमानी फासले का ख्याल रखें रो-रो कर गिडगिडाकर अपने रब से मअफी मांगे. तौबा करें,

सदका व खैरात कसरत से करें अल्लाह तआला अपने हबीब सल्लललाहो अलैहि वसल्लम के वसीले इस कोरोना वायरस से हम सबको महफूज फरमाए आमीन वजाहै सयदुल मुरसेलीन अलैहि अन्दुलसलावाते व तसलीम !

फक्त खैरअंदेश फ़कीर कादरी

मोहम्मद तोसीफ़ रजा खाँ बरेलवी

खादिम

मरकज़े अहले सुन्नत खानकाहे रजविया नूरिया रहमानिया

दरबारे आलाहजरत, बरेली शरीफ

21 रमजानुल मुबारक 1441 हिजरी

 

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Lockdown Mein Eid Ki Namaz Kese Padhe Bareli Sharif
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