इस्लाम के पांच कलिमे तर्जुमे के साथ – Kalime in Hindi
पहला कलिमा तैय्यिब – “ला इलाहा इलल्लाहु मुहम्मदुर्रसूलुल्लाहि”
तर्जुमा-Kalime in Hindi
अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं और हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सलल्लाहो अलैहि वसल्लम अल्लाह के रसूल है.
कालिमा तैय्यिब |
दूसरा कलिमा शहादत
“अश-हदु अल्लाह इल्लाह इल्लल्लाहु वह दहु ला शरी-क लहू व अशदुहु अन्न मुहम्मदन अब्दुहु व रसूलुहु”
तर्जुमा-Kalime in Hindi
मैं गवाही देता हु के अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं. वह अकेला है उसका कोई शरीक नहीं. और मैं गवाही देता हु कि (हज़रत) मुहम्मद मुस्तफा सलल्लाहो अलैहि वसल्लम अल्लाह के नेक बन्दे और उसके रसूल है।
कलीमा शहादत |
तीसरा कलिमा तम्जीद
“सुब्हानल्लाही वल् हम्दु लिल्लाहि वला इला-ह
इलल्लाहु वल्लाहु अकबर, वला हौल वला कूव्-व-त
इल्ला बिल्लाहिल अलिय्यील अजीम”
तर्जुमा-Kalime in Hindi
अल्लाह की जात पाक है और तमाम तारीफें अल्लाह
ही के लिए है और अल्लाह के सिवा कोई ईबादत के लायक
नहीं. और अल्लाह सबसे बड़ा है और उसकी मदद के बगैर किसी
में न तो ताकत है न कुव्वत है वह अज़मत और बुजुर्गीवाला है.
तीसरा कलिमा |
चौथा कलिमा तौहीद
“ला इलाह इल्लल्लाहु वह्-दहु ला शरीक लहू
लहुल मुल्क व लहुल हम्दु युहयी व युमीतु व
हु-व हय्युल-ला यमूतु अ-ब-दन अ-ब-दा
जुल-जलालि वल इक् रामि वियदि-हिल खैर
व हु-व अला कुल्लि शैइन क़दीर”
तर्जुमा-Kalime in Hindi
अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं ,
वह एक है, उसका कोई (शरीक )साझीदार नहीं, सबकुछ उसी का है. और
सारी तारीफ़ें उसी अल्लाह के लिए है. वही जिंदगी देता है और वही मौत देता है.
और वोह जिन्दा है, उसे हरगिज़ कभी मौत नहीं आएगी. वोह बड़े
जलाल और बुजुर्गी वाला है. अल्लाह के हाथ में हर तरह कि भलाई है
और वोह हर चीज़ पर क़ादिर है.
चौथा कलिमा |
पॉंचवा कलिमा इस्तिगफ़्रार
“अस्तग़-फिरुल्ला-ह रब्बी मिन कुल्लि जाम्बिन अज-नब-तुहु
अ-म-द-न अव् ख-त-अन सिर्रन औ अलानियतंव् व अतूवु
इलैहि मिनज-जम्बिल-लजी ला अ-अलमु इन्-न-क अन्-त
अल्लामुल गुयूबी व् सत्तारुल उवूबि व् गफ्फा-रुज्जुनुबि
वाला हो-ल वला कुव्-व-त इल्ला बिल्लाहिल अलिय्यील अजीम”
तर्जुमा-Kalime in Hindi
मै अपने परवरदिगार (अल्लाह) से अपने तमाम गुनाहो कि माफ़ी
मांगता हुँ जो मैंने जान-बूझकर किये या भूल कर किये, छिप कर
किये या खुल्लम खुल्ला किये और तौबा करता हु मैं उस
गुनाह से, जो मैं जनता हु और उस गुनाह से जो मैं नहीं जानता.
या अल्लाह बेशक़ तू गैब कि बाते जानने वाला और ऐबों को छिपाने
वाला है और गुनाहो को बख्शने वाला है और (हम मे) गुनाहो से
बचने और नेकी करने कि ताक़त नहीं अल्लाह के बगैर जो के
बहुत बुलंद वाला है.
पांचवा कलिमा |