wazu ka tarika in hindi-वजू का तरीका –
wazu ki niyat – **बिस्मिल्लाह हिल अली इल अजीम व्अल्हम्दुलिल्लाहि अला दीनिल इस्लाम *
ऊंची जगह पर किबला रुख बैठे, पाकी हासिल करने और सवाब हासिल करने की नियत करें और बिस्मिल्लाह पड़े ( जो वजू बिस्मिल्लाह से शुरू किया जाए तमाम बदन को गुनाह से पाक कर देता है ) पहले तीन बार गट्टो तक दोनों हाथ धोएं फिर तीन बार मिस्वाक करें ( मिस्वाक किया हुआ वजू 70 दर्जा फजीलत रखता है )
फिर तीन बार इस तरह कुल्ली करें की ! मुंह की तमाम जड़ों और दांतों की सब खिड़कियों में पानी पहुंच जाए ! ( वजू में इसी तरह कुल्ली करना सुन्नते मुअक्कदह है) !
रोज़ा न हो तो गरारह भी करे फिर तीन बार नाक में नरम बांसे तक पानी चढ़ाये ! फिर तीन बार मुंह धोए ! लंबाई में पेशानी से ठोड़ी के नीचे तक ! और चौड़ाई में एक कान की लौ से दूसरे कान की लौ तक हर रोंगटे पर पानी बह जाए ! उसके बाद दोनों हाथ पहले सीधा फिर उल्टा कोहनियों समेत इस तरह धोएं की – नाखूनों से लेकर कोहनियों समेत हर जगह पानी बह जाए ! फिर सर का मसाह यू करें की पेशानी के बालों से दोनों हाथों की तीन उंगलियां फेरता हुआ गुद्दी तक ले जाएं !
फिर गुद्दी से हथेलियां फेरता हुआ वापस लाएं फिर शहादत की उंगली से कान के अंदरूनी हिस्सों और अंगूठे के पेट से कान के बाहरी हिस्सा और उंगलियों की पुस्त से गर्दन का मसाह करें फिर तीन बार दोनों पांव पहले दाया फिर बाया टखनों तक बाएं हाथ से धोएं और उंगलियों का खिलाल करें -फिर वज़ू करने के बाद ये दुआ पढ़े –
तर्जुमा –
इलाही तू मुझे तौबा करने वालों और पाक लोगो में कर दे
फायदा-wazu ka tarika in hindi
हर उज़्व ( हिस्से ) को तीन-तीन मर्तबा धोने का मतलब यह है कि हर हिस्से के बाल बाल और हर रोंगटे पर 3-3 मर्तबा पानी बह जाए कोई रोंगटा ख़ुश्क़ न रह जाए अगर कोई हिस्सा तीन बार पानी डालने पर ना धुल सके तो ज्यादा बार धो सकते हैं क्योंकि तीन बार पानी डालना मकसद नहीं बल्कि धोना असल मकसद है इसी तरह कुल्ली करते वक्त इस बात का इत्मीनान जरूरी है कि मुंह साफ हो गया या नहीं ! पान वगैरह खाने या बीड़ी सिगरेट पीने के बाद अगर 3 मर्तबा से ज्यादा कुल्ली करना पड़े तो कर सकते है
तम्बीह
अक्सर देखा गया है – कि तीन बात कुल्ली करने के बजाए ! जल्दी जल्दी तीन बार थोड़ा थोड़ा पानी लेकर पिच पिच कर लिया ! और नाक में पानी चढ़ाने के बजाय नाक की नोक पर तीन बार पानी लगा लिया करते हैं ! यह खिलाफे सुन्नत है ! इस का आदी गुनाहगार है ! इसी तरह मिस्वाक ना हो तो दांतो पर उंगली फेरे ! और नाक में पानी चढ़ाते वक्त उल्टे हाथ की छोटी उंगली नाक में डालें ! और नाक साफ करें !
wazu ka tarika in hindi
इसी तरह मसह करते वक्त लापरवाही के साथ सिर्फ उंगलियों के सिरे बालों पर फेर लेते हैं! ताकि बाल ना बिगड़े न बिखरें यह भी गलत है ! चौथाई सर का मसा फर्ज है ! अगर इसमें कमी हो गई तो वजू ही नहीं हुआ ! और जब वजू ही नहीं तो नमाज भी नहीं ! इसी तरह वजू करने के बाद बाद लोग ! हाथ मुंह , तोलिया या रुमाल से रगड़ रगड़ के बिल्कुल खुश्क कर लेते हैं ! यह भी गलत है पूँछने का मकसद यह है ! कि आजाए वजू से मस्जिद के फर्श पर पानी के कतरे ना टपके ! चाहिए तो यह की आजाए वजू पर कुछ तरी बाकी छोड़ें ! की रोजे महशर नेकियो के पल्ले में रखी जाएगी
वजू में चार फर्ज है-wazu ka tarika in hindi
1 – चेहरा धोना
2 – दोनों हाथ कोहनीयों समेत धोना
3 – चौथाई सर का मसाह करना
4 – दोनों पाव टखनों समेत धोना
गुसल में तीन फर्ज है-Gusl Ke Farz-
1 – कुल्ली करना इस तरह की मुंह की तमाम जड़ों ! और दातों की तमाम खिड़कियों में होठों से हलक की जड़ तक हर हिस्से पर पानी बह जाए !
2 – नाक में नरम बांसे तक पानी चढ़ाना ! इस तरह की सीधे हाथ के चुल्लू में पानी ले ! और नाक के जरिए हल्का सा सांस खींचकर बांसे यानी नर्म हड्डी तक पानी चढ़ाये ! और उलटे हाथ की छोटी ऊँगली नाक में डाले और नाक साफ़ करे !
3 – पुरे बदन पर पानी बहाना इस तरह की सर के बालो से लेकर पैरो के तलवो तक बदन के हर रोंगटे व् बाल पर पानी बह जाए
वजू तोड़ने वाली चीजें-wazu ka tarika in hindi
पखाना या पेशाब के मकाम से किसी चीज का निकलना ! पीछे से हवा खारिज़ होना खून या पिप का कहीं से निकलकर अपनी जगह से बह जाना ! दुखती आंख से पानी का बहना मुंह भर के उल्टी आना ! ( मुंह भर का यह मतलब है कि उसे बे तकल्लुफ ना रोक सकता हो )! सहारा या लेट कर सो जाना किसी वजह से बेहोश हो जाना ! बालिग का रूकु व सुजूद वाली नमाज में कहकहा मारना !( इतनी जोर से हंसना की आस पास वाले सुन ले )
चंद जरुरी मसाइल -wazu ka tarika in hindi
1 – बदन के किसी मकाम से खून या पीप निकलना ! और सिर्फ चमका या उभरा तो वजू रहेगा ! यूं ही मुंह से खून निकला ! और थूक का रंग सुर्ख हो गया तो वजु जाता रहा !अगर ज़र्द पीला रंग हे तो वजू बाकी रहेगा !
2 – घुटना या सतर खुलने या नंगा होने या किसी को नंगा देखने से बुजु नहीं टूटता है ! इसी तरह गाली बकने लड़ाई की बात करने या झूठ बोलने या की बात करने से भी वजू नहीं जाता ! हां वजू कर ले तो बेहतर है ! यह सब काम न करे क्यूंकि यह सब काम वजू के अलावा भी गुनाह है ! और वजू की हालत में और ज्यादा गुनाह है !
उंघने या बैठे बैठे झोँके लेने से वजू नहीं टूटता! हा सहारा या टेक लगा कर सो जाने से वजू टूट जाता है !
4 – अगर हाथ में या उंगलियों में अंगूठी छल्ले या चूड़ियां पहन रखी हो ! अगर इतने तंग हो कि बगैर उतारे पानी नहीं बहेगा तो उतारना जरूरी है ! वरना हिला जुला कर पानी बहा ले
5 – मर्दों के लिए सिर्फ चांदी की साढ़े चार माशा से कम की एक नग कि एक अंगूठी पहनना जायज है इसके अलावा हर धात तांबा पीतल स्टील या चांदी व सोने का कोई और जेवर मर्दों के लिए हराम है ! हां मां बहनें चांदी व सोने के जेवरात पहन सकती है दूसरी धात उनको भी हराम है !
तम्बीह -wazu ka tarika in hindi
बाज लोगों को तांबा पीतल स्टील के छल्ले या कड़े और अंगूठी पहने देखा जाता है और उनको मसला बताया जाए तो कहते हैं कि साहब इस पर तो अल्लाह का कलाम लिखा हुआ है यह तो मैंने फला मर्ज के लिए पहन रखा और कोई कहता है कि यह तो फला बाबा या पीर साहब ने मतर कर दिया है यह नीरी जहालत है ऐसा कोई मंत्र या आयत और दुआ नहीं जो हराम धात को हलाल कर दे !
और जो चीज शरियत ने हराम कर दी उसे कोई बाबा या पीर फकीर हलाल नहीं कर सकते जो इस किस्म के हथकंडे इस्तेमाल करें वह ढोंगी तो हो सकता है पीर फकीर नहीं हो सकता क्योंकि पहले शरीयत फिर तरीकत ! खुदा हम सबको नेक तौफीक अता फरमाए आमीन
तम्बीह –
आजकल बदकिस्मती से मादर पिदर आजाद मगरबी तहजीब की हवा में बहकर मुसलमान भी बनाओ सिंगार और फैशन में किसी से पीछे नहीं है और ऐसे अंधे हो गए हैं ! कि जायज और नाजायज व हराम की भी परवाह नहीं करते खासतौर से मां बहने तो खुदा की पनाह ! अल्लाह नेक हिदायत दे -मिसाल के तौर पर नाखून पालिश ही को ले लीजिए, इसके बगैर तो मां बहने अपना मेकअप ही अधूरा समझती है !
और यह नेल पॉलिश इतनी सख्त होती है कि बगैर छुड़ाएं नाखूनों पर पानी नहीं बह सकता इसलिए नेल पालिश छुड़ाकर धोना जरूरी है! वरना वह जो नहीं होगा इसी तरह ग़ुस्ल में भी ख्याल रखा जाए वरना पाकी हासिल नहीं होगी ! हां मां बहनें मेहंदी इस्तेमाल कर सकती हैं! क्योंकि यह सख्त नहीं होती और मर्दों के लिए तो मेहंदी भी हराम है!
तम्बीह -wazu ka tarika in hindi
बाज़ लोगो को देखा गया हे की मस्जिद में खम्बे या दीवार वगैरह का सहारा लेकर बैठते हे और कभी कभी ऊंघ भी लेते हे ! जिससे वज़ू टूटने का ख़तरा रहता हे और मस्जिद में सहारा लगाकर बैठना बे अदबी हे ! हाँ ज़ईफ़ व कमज़ोर हो तो मज़बूरी हे लेकिन मैंने कुछ जवानो को देखा है की मस्जिद में ऐसी जगह बैठने की कोशिश करेंगे ! जहाँ सहारा मिल सके , यह मस्जिद की बे अदबी है ! मस्जिद खुदा का घर हैं अदब का मुकाम है !
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