Home गौसे आज़म ख़त्म शरीफ़ के फ़ाइदे – ख़त्म शरीफ़ कबीर ग़ौसिया आलिया व क़ादिरिया

ख़त्म शरीफ़ के फ़ाइदे – ख़त्म शरीफ़ कबीर ग़ौसिया आलिया व क़ादिरिया

  khatme gausiya in hindi – इस पोस्ट में हमने ख़त्म शरीफ़ के फायदे ( khatme gausiya ) और ख़त्म शरीफ़ ( khatme gausiya sharif in hindi) को पढ़ने का तरीका हिंदी में बताया है ! इस खत्म मुबारक के यूँ तो बेशुमार फायदे हैं, उनमे से यहाँ कुछ बताये गए हैं ! जान्ने के लिए पूरी पोस्ट जरुर पढ़े !

1 :जो शख्स इस ख़त्म शरीफ़ का हमेशा विर्द करेगा, उसके दिल के तमाम मकसद पूरे होगें !
2 :जो शख्स नमाज़ के बाद पढ़ेगा, उसका सारा दिन खेरियत और हँसी-खुशी से गुजरेगा !
3 :अल्लाह तआला उसकी रोज़ी कुशादा कर देगा !
4 :ऐसा शख्स किसी का मुहताज़ नहीं रहेगा !
5 :उसके दुश्मन ज़लील और रुस्‍वा होंगे !
6 :कैसी ही मुश्किल पेश आए, या किसी भी मामला में गिरफ्तार हो गया हो ! कर्जदार या बीमार हो ! या किसी कारण मजबूर हो गया हो ! इन तमाम बातों के लिये बहुत ही फायदेमंद (लाभदायक) है !
7 :जियारत की इच्छा रखने वाला तहज्जुद की नमाज़ के बाद बगदाद शरीफ की तरफ मुँह कर के पढ़े !
नोट :जिस वक़्त इस खत्म शरीफ को पढ़ना शुरू (आरंभ) करे तो अव्वल ग्यारह – ग्यारह मर्तबा दुरूद शरीफ पढ़ लिया करे ! ओर पाकी के साथ, कपड़ा, और जगह भी पाक हो, और खुश्बू वगैरह लगाये और  शैख के तसव्वुर को दिल में बसाए रखे !
ख़त्म शरीफ़ यह है –

khatme gausiya in hindi

1- ख़त्म शरीफ शुरू करते वक़्त दरूद शरीफ  125  बार पढ़े 

2- अस्सलातु वस्सलामु अलैक या रसूलिल्लाही उन्ज़ुर हालना 

अस्सलातु वस्सलामु अलैक या रसूलिल्लाही इस्मा क़ा लना  (111 बार पढ़े)
 
3-  तीसरा कलमा  
सुब्हानल्लाही वल हम्दुलिल्लाहि वला इलाहा
इल्लल्लाहो वल्लहुअकबर वला हव्ला वला
कुव्वता इल्ला बिल्लाहिल अलिय्यिल अज़ीम (111 बार पढ़े)
 
4- खुज़ बि यदी शै अनलिल्लाही या हज़रत सुल्तान शेख सय्यिद अब्दुल क़ादिर जीलानी अल मदद (111 बार पढ़े)
 
5-  सूरह यासीन शरीफ़ बिस्मिल्लाह शरीफ के साथ (1 बार पढ़े) aur  सूरह अलम नशरह  (111 बार पढ़े)

अलम नशरह लक सदरक ,व वदअना अन्का
विज़रक,अल्लज़ी अन्क़दा ज़हरक ,वराफ़ाना
लका ज़िक् रक, फ़इन्ना मअल उसरी यूसरा,
इन्ना मअल उसरी यूसरा, फ़इज़ा फ़रगता
फ़न्सब , व इला रब्बिका फ़रगब

بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَنِ الرَّحِيمِ

أَلَمْ نَشْرَحْ لَكَ صَدْرَكَ (1) وَوَضَعْنَا عَنْكَ وِزْرَكَ (2) الَّذِي أَنْقَضَ ظَهْرَكَ (3) وَرَفَعْنَا لَكَ ذِكْرَكَ (4) فَإِنَّ مَعَ الْعُسْرِ يُسْرًا (5) إِنَّ مَعَ الْعُسْرِ يُسْرًا (6) فَإِذَا فَرَغْتَ فَانْصَبْ (7) وَإِلَى رَبِّكَ فَارْغَبْ (8)

ख़त्म शरीफ़

6 – (111 बार पढ़े)  – या बाक़ी अन्तल बाक़ी
या शाफ़ी अन्तश शाफ़ी या काफ़ी अन्तल काफ़ी |

7- या हज़रत शाह मुहिय्युद्दीन मुश्किलकुशा बिल ख़ैरि (111  बार पढ़े)

8 –  या हज़रत गौसु अग़िस्ना बी इज़निल्लाही तआला ( 111 बार पढ़े)

9- सहहिल फ़ सहहील या ईलाही कुल्ला सअबीम

बी हुरमती सय्यिदिल अबरारी (111बार पढ़े)

 
10- (111बार पढ़े)
इमदाद कुन इमदाद कुन अज़ बन्दे ग़म आज़ाद कुन
दर दीन व दुनिया शाद कुन या शेख अब्दुल क़ादिरा
11-  (111बार पढ़े)
मुश्किलाते बे अदद दा रयम मा
अल मदद या गौसे आज़म पीरे मा
 
12 – (111बार पढ़े) सल्लल्लाहु अलैक या मुहम्मदुन
13 – लाइलाहा इल्लल्लाहु मुहम्मदुर्रसूलिल्लाही
14 – सल्लल्लाहु अलैक या रसूलिल्लाही व सल्लम अलैक या हबीबल्लाहि
15 – आखिर में दरूद शरीफ 125 मर्तबा पढ़े

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

error: Content is protected !!
Exit mobile version