Home नमाज़ का तरीका Chast Ki Namaz ka Tarika in Hindi (चास्त की नमाज़ का तरीका)

Chast Ki Namaz ka Tarika in Hindi (चास्त की नमाज़ का तरीका)

Chast Ki Namaz ka tarika:- अस्सलामो अलैकुम भाइयो और बहनो ! इस पोस्ट में हमने चास्त की नमाज़ की फ़ज़ीलत ( Chast Ki Namaz Ki Fazilat ) , चास्त की नमाज़ का तरीका ( Chast Ki Namaz ka tarika  ) और चास्त की नमाज़ का वक़्त ( Chast Ki Namaz ka time ) बताया है ! लिहाज़ा टाइपिंग में कोई गलती हुई हो तो मुआफ करे ! और सवाब की नियत से पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा से शेयर करे !

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Chast Ki Namaz Ki Fazilat

01. हुज़रते सय्यिदुना अबू हुरैरा रदियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है ! कि हूजूरे पाक , साहिबे लौलाक, सय्याहे अफ्लाक सरकारे दो आलम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया : “जो चाश्त की दो रकाअत पाबन्दी से अदा करता रहे ! उस के गुनाह मुआफ़ कर दिये जाते हैं ! अगर्चे समुन्दर की झाग के बराबर हों

02. हजरत अनस बिन रदियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है !  की नबीये करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इरशाद फ़रमाया जिसने चास्त की नमाज़ ( Chast Ki Namaz ) 12 रकअत पढ़ी ! अल्लाह तबारक़ तआला जन्नत में उसके लिए सोने का महल बना देगा।

सुन्ने तिर्मिज़ी हदीस 473 है और सुन्ने इब्ने माज़ा हदीस 1380

03. हुमैद ने हज़रात अनस रदियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत की के नबीये करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम चास्त की 6 रकअत नमाज़ पढ़ते थे

अलमुल अज़मल औसत हदीस नम्बर- 1298

04. हज़रात अली रदियल्लाहु तआला अन्हु ने रिवायत की ! की नबीये करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम चास्त की नमाज़ ( Chast Ki Namaz ) 4 रकअत पढ़ते थे सही मुस्लिम हदीस नम्बर 719  सुन्ने इब्ने माज़ा हदीस नम्बर 1381

05. हज़रते ऐतबान बिन मालिक रदियल्लाहु तआला अन्हु ने बयान कीया की नबीये करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इनके घर में चास्त की नमाज़ ( Chast Ki Namaz ) 4 रकअत  पढ़ी !

मुस्तदे ईमान बिन हम्बल ज़िल्द नम्बर 5 सफा नम्बर 450 

चास्त की नमाज़ की फ़ज़ीलत

06. हज़रत आइशा रदियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है ! की मैंने सरकारे दो आलम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को कभी चास्त की नमाज़ पढ़ते हुए नहीं देखा और बेशक मैं उसको पढ़ती हूँ !

अब सवाल ये होता है ! की जब आप हज़रत आइशा रदियल्लाहु तआला अन्हु ने हुजूर नबीये करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को नमाज़ पढ़ते  हुए नहीं देखा ! तो फिर आप क्यों पढ़ती है ! और आपको इसका वक़्त कैसे मालुम है

तो जाहिर से बात है की यहाँ तालीमे रसूल मौजूद है ! क्यूंकि अगर कोई अमल हमें नबीये करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम नहीं बताते तो हम क्यों करते !

हज़रत  अबू हुरैरा रदियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है . की मुझे मेरे ख़लील ( सरकारे दो आलम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ) ने तीन चीजों की वसीयत की है ! जिनको मैं नहीं छोडूंगा ! हत्ता की मैं फौत हो जाऊं !

1.- हर माह में तीन दिन के रोज़े

2.- चास्त की नमाज़

3.-वित्र पढ़कर सोना

मालुम हुआ की सरकार ने चास्त की नमाज़ ! कभी 2 रकअत पढ़ी कभी 4 रकअत कभी 6 रकअत कभी 8 रकअत तो कभी 12  रकअत नमाज़ पढ़ी । लिहाज़ा आप भी काम से काम 2 रकअत और ज्यादा से ज्यादा 12 रकअत चास्त की नमाज़ पढ़ सकते हो

चास्त की नमाज़ का वक़्त – Chast Ki Namaz Ka Waqt

जब सूरज तुलूअ होता है फिर 20 मिनट बाद इशराक का वक़्त शुरू होता है . यानी सूरज निकलने के 20 मिनट बाद जब आप सूरज को देखे तो आप आराम से उसको देख पाए या नजरे मिला पाए ! यही वक़्त इशराक का वक़्त होता है ! इसी वक़्त में इशराक की नमाज़ पढ़ी जाती है !

फिर उसके थोड़ी देर बाद जब सूरज अपनी पूरी रवानी पे आजाये ( सूरज में बहुत तेजी आजाये ) उस वक़्त आप सूरज से नजरे नहीं मिला पाएंगे ! मतलब आप सूरज को खुली नज़रो से देखने में कठिनाई महसूस करेंगे ! बस यही वक़्त चास्त का वक़्त होता है ! लिहाज़ा इसी वक़्त चास्त की नमाज़ पढ़नी चाहिए !

इशराक और चास्त का वक़्त ज़वाल के वक़्त से पहले तक का होता है !

यानी की जवाल से पहले पहले आप इशराक की नमाज़ भी पढ़ सकते है . और चास्त की नमाज़ भी पढ़ सकते हो !

चास्त की नमाज़ का तरीका Chast Ki Namaz ka tarika

आप इस नमाज़ को 2×2 की नियत से भी पढ़ सकते हो.  और 4×4 की नियत से भी पढ़ सकते हो। और 2 से लेकर 12 रकअत तक जितनी मर्जी चाहे पढ़ सकते हो।  और कम से कम 2 और ज्यादा से ज्यादा 12 पढ़ सकते हो।

चास्त की नमाज़ की नियत – Chast Ki Namaz Ki Niyat

नियत की मैंने 2 रकअत या 4 रकअत नमाज़ चास्त की वास्ते अल्लाह तआला के मुँह मेरा काबे शरीफ की तरफ अल्लाहुअक्बर !

चास्त की नमाज़ का तरीका Chast Ki Namaz ka tarika

अल्लाहुअक्बर कहते हुए हाथ बाँध लेना है . फिर सना उसके बाद सूरह फातिहा और क़ुरआन शरीफ की कोई भी सूरत पढ़ेंगे जो आपको याद हो ! बाकी नमाज़ और नमाज़ की तरह ही पढ़ेंगे !
अगर आपने चार रकअत की नियत की है तो दो रकअत के बाद अत्तहिय्यात के बाद जब तीसरी रकअत खड़े होकर शुरू करे . तो सबसे पहले सना पढ़े ! फिर बाकि बची हुई नमाज़ और नमाज़ की तरह ही पढ़े !
बेहतर यही है की 2x 2  रकअत की नियत से नमाज़ पढ़े ताकि कोई भी कन्फूज़न ना हो।
सना के अलफ़ाज़ – Sanaa Ke Alfaz

सुब्हानल्लाहि वल हम्दु लिल्लाहि वला इलाहा इल्लल्लाहु  वल्लाहु अकबर 

तम्बीह: अगर चार रकअत की नियत की हो तो ! – नमाज़ नफ़्ल में हर दो रकअत पर क़अदा करना फ़र्ज़ है ! इस लिये जब क़अदे में बैठें

तो अत्तहिय्यात के साथ दुरूद शरीफ़ और दुआ पढे !

फिर तीसरी रकअत के लिये खडे हों

तो पहले सना पढे फिर सूरए फातिहा से शुरू करें, इस बात का हमेशा खयाल रखें ! आम तौर पर लोग इससे गाफिल हैं !

सरकारे दो आलम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया तीन वक़्त मकरूह वक़्त है जिस वक़्त कोई नमाज़ नहीं पढ़ी जाती

1.-तुलूअ आफ़ताब ( सूरज की  20 मिनट तक )

2.-ग़ुरूब आफ़ताब और

3.-जवाल

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