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शब् ए आशुरा की नमाज़ का तरीका

Shab E Ashura Ki Namaz Ka Tarika: अस्सलामुअलैकुम इस पोस्ट में हमने शब् ए आशुरा ( Shab E Ashura Ki Namaz Ka Tarika ) की नमाज़ का तरीका बताया है ! शब् ए आशुरा मतलब 9 मुहर्रम और 10 की दरमियानी रात !

शब् ए आशुरा ( Shab E Ashura ) बहुत बड़ी फ़ज़ीलत वाली रात है इस रात में ज्यादा से ज्यादा इबादत करना चाहिए ! और सेहरी के वक़्त सेहरी करके यौमे आशूरा यानी 10 मुहर्रम के दिन का रोज़ा रखना चाहिए ! इसकी बहुत बड़ी फ़ज़ीलत है !

आशूरा का रोज़ा एक साल के गुनाहो को मिटा देता है !

Shab E Ashura Ki Namaz Ka Tarika

आईये जानते है अब शब् ए आशुरा की नमाज़ का तरीका ( Shab E Ashura Ki Namaz Ka Tarika ) – सबसे पहले नियत कैसे करनी है ये जान लेते है

शब् ए आशुरा की नमाज़ की नियत –
नियत की मैंने चार रकअत ( या दो रकअत ) नफ़्ल नमाज़ की ! वास्ते अल्लाह तआला के, मुंह मेरा ( या रुख मेरा ) काबे शरीफ़ की तरफ़ अल्लाहु अकबर ! अल्लाहु अकबर कहकर हाथ बाँध लेना है

नोट – नफ़्ल नमाज़ में वक़्त का नाम लेना ज़रूरी नहीं !

फिर सना पढ़ना है उसके बाद आऊज़ो बिल्लाहि मिनाश्शेतवान निर्रज़ीम बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम फिर अल्हम्दुलिल्लाह और जैसी बाकी नमाज़ पढ़ते है वैसे ही पढ़नी है ! अब जान लेते है

 

शब् ए आशुरा की नमाज़ में पढ़ना क्या है 

( 1 ) शब्-ए-आशूरा में चार रकअत नफ़्ल एक सलाम से अदा करे ! हर रकअत में सूरए फातिहा के बाद आयतुल कुर्सी एक बाद और सूरए इख़्लास ( कुल्हुवल्लाह शरीफ़ ) तीन बार पढे, जब क़अदा ऊला में बैठे तो अत्तियीयात के बाद दुरूद शरीफ़ व दुआए मासूरा पढकर खडे हाे, तीसरी रकअत फिर से सना से शुरू करे, नमाज़ से फारिग होकर सूरए इख़्लास ( कुल्हुवल्लाह शरीफ़ ) 100 मरत्तबा पढे !

( 2 ) दो-दो रकअत की नियत से सौ रकअत नफ़्ल अदा करे ! हर रकअत में सूरए फातिहा के बाद सूरए इख़्लास ( कुल्हुवल्लाह शरीफ़ ) तीन-तीन बार पढे । नमाज से फारिग होकर 70 बार यह तस्बीह पढ़े !

shabe ashura ki dua

* सुब्हानल्लाहि वल हम्दु लिल्लाहि वला इलाहा इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर *

अल्लाह से रो-रोकर मुल्क की बेहतरी और मुसलमानो के बेहतर हालत के लिए के दुआ मांगिये ! अल्लाह अज्जवज़ल सभी की जायज़ दुआ कुबूल फरमाए ! आमीन या रब्बुल आलमीन !

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