जो लोग दिन में पांच बार नमाज़ अदा करते हैं वे स्वस्थ रहते हैं ,क्योंकि इससे जिस्म की कसरत होती रहती है,और ब्लड सर्कुलेशन जारी रहता है
जिस्म के सभी ज़ाहिरी पार्ट ( हाथ, पैर, चेहरे, मुंह, नाक) वगैरह को दिन में 5 बार वजू में धोना, अच्छी सेहत के लिए एक बेहतरीन procedure है
रोज़ाना कुरआन की तिलावत से जिस्म, दिमाग और दिल को शिफ़ा बख्शता है
अल्लाह ने हमारे लिए किसी मुर्दे का गोश्त , खाने से मना किया है क्यूंकि इस से सेहत पर बड़े कातिलाना असरात पड़ते हैं
शराब इस्लाम धर्म में हराम है, शराब पर पाबन्दी एक जाएज़ वजह से है क्यूंकि कई बीमारियां इस से जुड़ी हुई हैं
इस्लाम सूवर के गोश्त को खाने से रोकता है ,क्यूंकि उस का मांस जिस्म में कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया पैदा करता है
इस्लाम हमें अपने खाने में दरमियानी चाल चलने को बताता है यानि न बहुत ज़्यादा और न बहुत कम , यह वैज्ञानिक रूप से साबित हो चुका है
इस्लाम हमें किसी भी मामले में खून के इस्तेमाल से रोकता है ! क्यूंकि खून में Iron बड़ी मिक़दार में पाया जाता है, जो जिस्म के लिए बहुत हानिकारक होता है
इस्लामी शिक्षाएँ इस बात पर ज़ोर देती हैं कि कलौंजी के बीज हमारे रोज़ाना की ख़ुराक का एक हिस्सा होना चाहिए !क्यूंकि ये हाजमें में मदद करते हैं
कुरान पाक में, अल्लाह तआला ने शहद को इंसान के लिए तन्दुरुस्ती बनाया है ! शहद हमारे जिस्म और सेहत के लिए अविश्वसनीय एंटीसेप्टिक, एंटीऑक्सिडेंट और प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले गुण प्रदान करता है
इस्लामिक शिक्षाएँ अपने अपने मानने वालों को खाने और पीने को जल्दबाजी में खाने और खाने को निगलने से रोकती हैं
अल्लाह हम सबको जिस्मानी और रोहानी तरक्क़ी दे! अमीन