Dua e Masura:-अस्सालमो अलैकुम दोस्तों आज के पोस्ट में हम बात करेंगे नमाज़ के दरमियान पढ़ी जानी वाली दुआ – यानी की दुआ ए मासुरा ( Dua e masura ) !
ये वो दुआ है ! जो नमाज़ में पढ़ी जाती है ! और इस दुआ को सीखना हर मुसलमान पर फर्ज है ! क्योंकि इस दुआ के बिना ( Dua e Masura Ke Bina ) नमाज़ मुकम्मल हो ही नहीं सकती है !
दोस्तों इस पोस्ट में हमने दुआ ए मासुरा की इमेज को हिंदी उर्दू और इंग्लिश में अपलोड किया है ! आपको जिस भाषा में अच्छा लगे आप पढ़ सकते है ! और साथ में इस दुआ ए मासुरा के तर्जुमा को भी बताया गया जिसे आप ध्यान से पढ़ें और समझे ! और सबके साथ शेयर करे !
अब्दुल्लाह बिन अमर से रिवायत है की एक बार हजरत अबू बक्र रजि अल्लाहो तआला अन्हु आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वस्सल्लम के खिदमत में हाजिर हवे और इरसाद फ़रमाया या रसूल अल्लाह मुझे ऐसी दुआ सीखा दीजिये जो मै नमाज़ में पढ़ा करूँ तो नबी करीम आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वस्सल्लम ने उन्हें दुआ ए मासुरा ( dua e masura ) सिखाई
नमाज़ पढ़ने के 2 रकअत के बाद या चार रकअत के बाद जब आप अच्छे से बैठ जाते है ! तो सलाम फेरने से पहले attahiyat और दुरूद ऐ इब्राहिम पढ़ने के फ़ौरन बाद दुआ ए मसूरा ( dua e masura ) पढ़ी जाती है !
Dua e masura in arabic Hindi And English Taxt
بِسْمِ ٱللَّٰهِ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ |
اَللّٰھُمَّ أِنِّیْ ظَلَمْتُ نَفْسِیْ ظُلْمًا کَثِیْرًا وَّلَا یَغْفِرُ الذُّنُوْبَ اِلَّا أَنْتَ فَاغْفِرْلِیْ مَغْفِرَةً مِّنْ عِنْدِكَ |
وَارْحَمْنِیْ أِنَّكَ أَنْتَ الْغَفُوْرُ الرَّحِیْمَ |
दुआ ए मासुरा हिंदी में |
बिस्मिल्ला हिर्रहमा निर्रहीम |
अल्लाहुम्मा इन्नी ज़लमतू नफ़्सी ज़ुलमन कसीरा, वला यग़फिरुज़-ज़ुनूबा इल्ला अनता, फग़फिरली मग़ फि-र-तम्मिन ‘इनदिका, वर ‘हमनी इन्नका अनतल ग़फ़ूरूर्र रहीम |
Allahumma Inni Zalamtu Nafsi – in english |
Bismilla hirrama nirrahim |
Allahumma Inni Zalamtu Nafsi, Zulman Kaseeraan, Wala Yaghfiruz-Zunooba Illa Anta Faghfirlee Maghfiratan-mMin ‘Indika War Hamnee Innakaa Antal Ghafoorur Raheemu |
Dua e masura taranslation in urdu |
اے اللّٰه! بیشک میں نے اپنے نفس یعنی اپنی جان پر بہت زیادہ ظلم کیا اور تیرے سوا کوئی بھی گناہوں کو نہیں بخش سکتا بس مجھ کو بخش دے اپنی خاص بخشش سے
اور مجھ پر رحم فرما بیشک تُو ہی بخشنے والا، بے حد رحم والا ہے
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رَبَّنَا آتِنَا فِي الدُّنْيَا حَسَنَةً وَفِي الآخِرَةِ حَسَنَةً وَقِنَا عَذَابَ النَّارِ
रब्बना आतेयना फ़िद्दुनिया हसनतउ व फील आख़िरति हसनतउ वक़ीना अजाबन्नार
Rabbana atina fid-dunya hasanatan wa fil ‘akhirati hasanatan waqina ‘adhaban-nar
तर्जुमा – दुआ –
ऐ हमारे रब्ब हमें दुनिया में नेकी और आख़िरत में भी नेकी दे और हमें दोज़ख ले अज़ाब से बचा।
A Hamare Rab Hame Duniya Mein Neki Aur Akhirat Mein Bhi Neki De Aur Hume Dozakh K Azab Se Bacha