Dua e Ganjul Arsh – अस्स्लमो अलैकुम व रह्मतुल्ला हि व बर्कआतोहु – दुआ-ए-गन्जूल् अ़र्श ( Dua e Ganjul Arsh ) ! जी हाँ दुआ-ए-गन्जुल्-अ़र्श की जितनी फ़ज़ीलत ( Dua e Ganjul Arsh Ki Fazilat ) बयान की जाए उतनि ही कम है ! दुआ-ए-गन्जुल्-अ़र्श ( Dua e Ganjul Arsh ) का रोज़ पढ़ने का मामूल बना लीजिये
दुआ-ए-गन्जुल्-अ़र्श की फ़ज़ीलत – Dua e Ganjul Arsh Ki Fazilat In Hindi
रिवायत हैं कि एक दिन हज़रत रसूले खुदा सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम मस्जिद में तशरीफ रखते थे कि अचानक हज़रत जिब्रील अलैहिस्सलाम आये ! और यह दुआ हज़रत सल्लल्लाहु अलेहि व सल्लम को तालीम फरमायी और इसकी बडी फजीलत और बर्कतें बयान कीं !
पढने वालो को लंबी सनदो के मुताला से बडी तक्लीफ होती है ! और उनका कीमती समय बर्बाद होता है ! इसलिये इस लंबी असनाद को ख़त्म कर के पढने वालों की अकीदत दिलचस्पी और मुहब्बतें इलाही पर छोड दिया जाता है !
और त्तबर्तक के तौर पर उसका निचोड लिरव दिया जाता हैं ! कि हज़रत जिब्रील अलैहिस्सलाम ने इसके जहाँ और फजाइल बयान फ़रमाये ! वहीं यह यह भी बताया कि इस मुबारक दुआ के पढने वालों को अल्लाह पाक तीन चीजें अता करेगा
(1) उसकी रोजी में बर्कत देगा
(2) उसको ग़ैब से रोजी देगा
(3 ) उसके दुश्मन आजिज और जलील रहेंगे।
Dua e Ganjul Arsh –
और जो कोई इस दुआ ( Dua e Ganjul Arsh ) को पढा करेगा या अपने पास रखेगा ! तो अल्लाह पाक की उस पर हर समय रहमत नाजिल हुआ करेगी ! और लड़ाई के मेदान में काफिरों के मुकाबले में विजय प्राप्त करेंगा !
सफ़र से अम्न-चैन, सलामती और गनीमत के साथ घर आयेगा ! इस दुआ ( Dua e Ganjul Arsh ) की बर्कत से जादू ! और शेतान की बुराइयों और आसमान व जमीन की हर तरह की बलाओँ और मुसीबतों से महफ़ूज़ रहेगा !
अगर इस दुआ ( Dua e Ganjul Arsh ) को पहली बारिश के पानी से धो कर जादू किये हुवे को पिलाया जाये ! तो फायदा पहुँचेगा ! इसको लिखकर और धोकर ऐसे शख़्स को पिलाया जाय ! जिसकी बीमारी ने डाक्टरों को हैरान व परेशान का रखा हो तो अल्लाह के फ़ज़्ल से जल्दी शिफा हासिल होगी !
Dua e Ganjul Arsh Ki Fazilat In Hindi
अगर बे औलाद (निःसंतान) वाले को मुश्क व जाफ़रान से इसका ताबीज लिखकर बराबर 21 दिन तक पिलाया जाये तो अल्लाह के फ़ज़्ल से औलाद हेागी।
उम्मीद है कि कियामत के दिन इसकी बर्कत से बुलन्द दर्जा पायेगा ! कि और लोग भी इस दर्जा (मर्तबा) की इच्छा करेंगे । इस दुआ को पढने वाला कभी रास्ता न भूलेगा ।
बयान किया जाता है ! कि एक मर्तबा एक मुजरिम को मदीना शरीफ के हाकिम के सामने पेश किया गया ! जिसके जुर्म की सजा क़त्ल थी ! चुनान्चे हाकिम ने उसके क़त्ल का आदेश दे दिया !
जल्लाद ने तीन मर्तबा तलवार मारी ! लेकिन उस पर कुछ भी असर न हुआ ! फिर पानी में डुबो दिया ! लेकिन वह न डूबा ! मतलब यह कि हर तरह से मार डालना चाहा ! लेकिन तमाम तरीके बेकार साबित हुये ! तो मजबूर हो कर हाकिम ने इसका कारण पूछा !
तो मुजरिम ने कहा: मेरे पास गन्जुल अर्श ( Dua e Ganjul Arsh ) का तावीज है जिसकी बर्कत से मुझे कोई तक्लीफ़ नहीं पहुँचती ! चुनान्चे हाकिम ने उसके जुर्म को माफ़ कर दिया ! और इनाम व इकराम देकर रुख्सत किया और उस ताबीज ( Dua e Ganjul Arsh ) को लेकर खुद हमेशा पढता रहा !
Dua e Ganjul Arsh Ki Fazilat In Hindi
खुलासा यह कि इस मुबारक दुआ ( Dua e Ganjul Arsh ) की कोई खूबी नहीं बयान कर सकता ! अगर सातों आसमान और सातों ज़मीन के काग़ज़ बना दिये जायें ! और पूरी ज़मीन के तमाम पेड पौधों को कलम, और ज़मीन आसमान की तमाम मख़्लूक़ (जीवधारी) ! अजल से अबद तक इस दुआ ( Dua e Ganjul Arsh Ki Fazilat ) की फजीलत लिखते रहे ! तो भी केवल उसके एक हर्फ की तारीफ़ पूरी न हो सकेगी ! पूरी दुआ की तारीफ जाने दीजिये !
इसमें शक व शुब्हे की तनिक भर भी गुन्जाइश नहीं है ! बल्कि ऐसी बातों में शक करने से केवल नाकामी और नामुरादी ही हाथ आयेगी !
नोट- इस दुआ-ए-गन्जुल अर्श ( Dua e Ganjul Arsh ) का विर्दे हाजत पूरी होने और रोजी में कुशादगी के लिये बेहतरीन अमल है ! दुश्मनों से नजात पाने, बीमारी से शिफा पाने, फ़ज़ाइल और बर्कतों के हासिल करने के लिये इस मुबारक दुआ का पढना बडा ही फायदेमंद ( लाभदायक ) बयान किया गया है ! मगर शर्त यह है कि इख़लास से पुढे !