इस्लाम में क्यों है यौमे आशूरा का दिन इतना खास

Ashura Ke Din Ki Fazilat Hindi Mein

अस्सलामो अलैकुम भाइयो और बहनो इस पोस्ट में यौमे आशुरा यानी की आशूरा के दिन की फ़ज़ीलत ( Ashura Ke Din Ki Fazilat ) के वारे में बताया गया है

मुहर्रमुल हराम इस्लामी सन व साल का पहला महीना है इस महीने की दस तारीख को यौमे आशूरा कहते है ! तारीख़े आलम में यह दिन बड़ा ही अहम् दिन में शुमार किया जाता है ! दुनिया के बड़े बड़े अहम् वाक़ियात इसी दिन रु नुमा हुए !

Ashura Ke Din Ki Fazilat

01. आशुरा के दिन अल्लाह ने सातो आसमानो को पैदा किया
02. आशुरा के दिन आसमान से पहली बारिश पहली रहमत नाजिल हुई
03. आशुरा के दिन अल्लाह ने कुर्सी और कलम को पैदा किया
04. आशुरा के दिन अल्लाह ने पहाड़ो और समुन्दरो को पैदा किया
05. आशुरा के दिन हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की तौबा कुबुल हुई
06. आशुरा के दिन हज़रत नुह अलेहिस्सलाम की कश्ती किनारे लगी
07. आशुरा के दिन हज़रत इब्राहीम अलेहिस्सलाम को ख़लीलुल्लाह का लक़बे जलील अता किया गया
08. आशुरा के दिन हज़रत इब्राहीम अलेहिस्सलाम पर नार-ए-नमरूद गुलज़ार हुई
09. आशुरा के दिन हज़रत युनुस अलेहिस्सलाम मछली के पेट से निकले
10. आशुरा के दिन हज़रत सुलैमान अलेहिस्सलाम को बादशाहत मिली
11. आशुरा के दिन हज़रत मुसा अलेहिस्सलाम जादुगरो पर गालिब हुए
12. आशुरा के दिन हज़रत मुसा अलेहिस्सलाम ने बनी इसराइल के लिए दरिया मे रास्ता बनाया
13. आशुरा के दिन ही फिरौन और उसका पुरा लश्कर डुबा
14. आशुरा के दिन हज़रत इब्राहीम ,हज़रत ईसा और हज़रत मुसा अलेहिस्सलाम पैदा हुए
15. आशुरा के दिन हज़रत युसुफ अलैहिस्सलाम को कुए से निकाला गया
16. आशुरा के दिन हज़रत युसुफ अलैहिस्सलाम कैद से निकले
17. आशुरा के दिन हज़रत याकूब अलैहिस्सलाम की आँखो की रोशनी वापस आई
18. आशुरा के दिन हज़रत याकूब अलैहिस्सलाम की अपने बेटो से एक अर्शे बाद मुलाक़ात हुई
19. आशुरा के दिन हज़रत अय्यूब अलैहिस्सलाम को बीमारीयोसे शिॅफा मिली
20. आशुरा के दिन हज़रत इदरीस अलैहिस्सलाम को जन्नत की तरफ उठाया गया
21. आशुरा के दिन हज़रत इसा अलैहिस्सलाम को आसमान की तरफ उठाया गया
22. आशुरा के दिन असहाब-ए-कहफ़ करवटे बदलते है

आशुरा के दिन की फ़ज़ीलत

ओंर यही वह दिन है ! जिसमें सिब्ते पयम्बर हज़रत अली मुरतजा के नूरे नज़र हज़रत फातिमा के लख्ते जिगर सय्यिदुश शुहदा हज़रत सैयिदुना हमाम हुसैन और उनके शहजादगाने आली वकार अअवानो अन्सार और रुफ़काए जां निसार रिज़वानुल्लाहि अन्हुम अजमईन ने मैदाने करबला में भूक और प्यास के आलम में जामे शहादत नोश फ़रमाकर यजीद व यजीदियत को हमेशा के लिये दफ़्न कर दिया ! दूसरे लफ्ज़ो में यह कह सकते है की आशुरा के दिन ही हम सबके प्यारे और हमारे आका हुजुर सल्ललाहो अलैही व सल्लम के लाडले नवासे हज़रत इमाम हुसैन रज़ी अल्लाहुताला अन्हु शहीद हुए

 

ये भी पढ़िए – कर्बला के 72 शहीदों के नाम