आशूरा की नमाज़ का तरीका दुआ नियत वक़्त

आशूरा की नमाज़ का तरीका दुआ नियत वक़्त – Ashura Ki Namaz Ka Tarika

इस पोस्ट में यौम-ए-आशूरा की नमाज़ का तरीका है ! आशूरा की नमाज़ का वक़्त नमाज़ के बाद की आशूरा दुआ सब कुछ हिंदी में बताया गया है ! टाइपिंग मिस्टेक हो तो मुआफ करे। या कमेंट करके जरूर बताएं !

दसवीं मुहर्रम आशूरा के दिन रोजे की बडी फ़जीलत है ! हुजूर सय्यिदे आलम सल्लल्लाहो तआला अलैहि वसल्लम का इरशाद है कि आशूरा का रोजा एक साल के गुनाहों को मिटा देता है !

यौमे आशूरा इन मअमूलात पर अमल करें, ओर बरकाते दारैन हासिल करें ! गुस्ल करना, सुरमा लगाना, नाखून तराशना, सदका करना, अपने अहलो अयाल पर रिज़्क़ में वुसअत करना, यानी किस्म किस्म के खाने तैयार करके खिलाना, मरीजो की इयादत करना, यतीमो के सिर पर हाथ फेरना,

मुसलमानो में सुलह कराना, उलमाए किराम की ज्यारत करना एक हजार मरतबा कुल हुवल्लाह शरीफ़ पढना अपने और तमाम मुसलमानो के लिये दुआ करना, नवाफिल पढना, शरबत या पानी की सबील लगाना खिचडा पकाना

वाज़ो नसीहत और शहादत की मज्लिस मुनअक़िद करना मज्लिसे शहादत में वाकिआते शहादत के साथ खुलफाए राशिदीन और दीगर सहाबए क़िराम रिजवानुल्लाहि तआला अन्हुम अज़मईन का जिक्रे खैर करना वगैरह ।

Ashura Ki Namaz Ka Tarika

दसवीं मुहर्रम आशूरा के दिन गुस्ल करें फिर दो रकअत नफ़्ल अदा करे !

आशुरा की नमाज़ का वक़्त Ashura Ki Namaz Ka Waqt

आशुरा की नमाज़ इशराक या चास्त की नमाज़ के वक़्त पढ़ना बेहतर है ! अगर वक़्त नहीं मिले तो असर की नमाज़ से पहले जब भी वक़्त मिले पढ़ले ! बस ख्याल रहे मकरूह वक़्त में नहीं पढ़े !

यौमा आशुरा की नमाज़ की नियत – Ashura Ki Namaz Ki Niyat

नियत की मैंने दो रकअत नफ़्ल नमाज़ की ! वास्ते अल्लाह तआला के ! मुंह मेरा ( या रुख मेरा ) काबे शरीफ़ की तरफ़ ! अल्लाहु अकबर ! अल्लाहु अकबर कहकर हाथ बाँध लेना है !

नोट – नफ़्ल नमाज़ में वक़्त का नाम लेना ज़रूरी नहीं !

फिर सना पढ़ना है ! उसके बाद आऊज़ो बिल्लाहि मिनश्शेतवान निर्रज़ीम बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम ! फिर हर रकअत में सूरए फातिहा ( अल्हम्दुलिल्लाह ) के बाद सूरए इख़्लास ( कुल्हुवल्लाह शरीफ़ ) दस मरतबा पढे ।

नमाज़ के बाद आयलुल कुर्सी एक बार और दूरूदे इब्राहीमी ( अत्तहिय्यात के बाद वाली दुरूद शरीफ़) नौ बार पढ़ कर दुआए आशूरा पढे, यह दुआ सेहत व आफियत खैरो बरकत इल्मो अमल कामयाबी और हुसूले नेअमत के लिये तीर बहदफ़ है । ( बेहद फाएदे मन्द है । )

आशूरा की दुआ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें – आशूरा की दुआ हिंदी में

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