Witr Namaz ka Tarika in Hindi (वित्र नमाज़ पढ़ने का तरीका)

 witr namaz ka tarika:-वित्र नमाज़ ईशा के वक़्त पढ़ी जाती है ! ईशा की 4 सुन्नत 4 फ़र्ज़ 2 सुन्नत 2 नफ़्ल 3 वित्र 2 नफ़्ल करके टोटल 17 रकअत होती है ! वित्र नमाज़ ( witr namaz ) वाजिब होती है !

वित्र नमाज़ – रमज़ान के पाक महिने में इमाम साहब पढ़ाते है ! और बाकि दिनों में हमें खुद से ही पढ़ना पढ़ती है ! पहले जान लेते है ! वित्र नमाज़ ( witr namaz ) हम खुद से कैसे पढ़ेंगे ! फिर जानेंगे इमाम साहब के पीछे कैसे पढ़ेंगे !

जब ईशा की 4 सुन्नत 4 फ़र्ज़ 2 सुन्नत 2 नफ़्ल मुकम्मल हो जाए तब हम वित्र नमाज़ ( witr namaz ) नियत करेंगे !

witr namaz ka tarika in hindi –

नमाजे इशा की तीन वित्र की निय्यत” – नियत की मैंने तीन रकअत नमाज़ वित्र वाजिब की ! वास्ते अल्लाह तआला के ! वक्त इशा का ! मुह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़ ! अल्लाहु-अकबर ।

अल्लाहु-अकबर कहकर हमें हाथ बाँध लेना है ! फिर सबसे पहले हम सना पढ़ेंगे !

सना के अल्फाज़ इस तरह है  *सुबहाना कल्ला हुम्मा व बिहम्दिका व तबारा कस्मुका व त’आला जद्दुका वला इलाहा गैरुका*

इसके बाद  *अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रजिम. बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम.* पढ़े

इतना पढ़ने के बाद सुरह फातिहा पढ़े ! सुरह फातिहा के बाद कोई भी क़ुरान शरीफ की सूरत जो आपको याद हो वो पढ़े ! जब सुरह पूरी हो जाए तब अल्लाहु-अकबर (Takbeer) कहते हुवे रुकू में जाए !

रुकू में घुटनो को हाथ की उंगलियों से मजबूत पकड़ ले ! घुटनो पर उंगलियाँ को फैला कर रखे ! और इतना झुके कि सर और कमर बराबर हो जाये

रुकू में ही अल्लाह की ये तस्बीह 3 या 5 या 7  बार इत्मीनान के साथ पढ़े – *सुबहान रब्बी अल अज़ीम* रुकू में निगाह पैरो के अंगूंठो पर रखे।

इसके बाद *समीअल्लाहु लिमन हमीदह * कहते हुवे रुकू से खड़े हो जाये ! इसके बाद ‘रब्बना व लकल हम्द कहे फिर अल्लाहु-अकबर कहते हुवे सज्दे में जायें ! सजदे में जाते वक़्त सबसे पहले हाथ घुटनो पर रखे ! फिर घुटने जमीन पर टिकाये फिर हाथ जमींन पर रखे !

इशा की 3 वित्र वाजिब नमाज़ पढ़ने का तरीका – 

उसके बाद नाक जमीन पर टेके फिर पेशानी जमीन पर जमाये ! और चेहरा दोनों हाथो के दरमियान रखे।  मर्द अपने हाथो की हथेलियाँ ही जमाये और कोहनी वगैरह ऊँची उठी हुई होना चाहिए। पेट को अपनी रानो से दूर रखे यानी जांघ से पेट ना छुए ! और दोनों पांव की उँगलियो के पेट क़िब्ला रुख ज़मीन पर जमे हुए हो !

सज्दे में फिर अल्लाह की ये तस्बीह 3 या 5 या 7  बार इत्मीनान के साथ पढ़े *सुबहान रब्बी अल आला*

फिर अल्लाहु-अकबर कहते सजदे से उठकर सीधे बैठ जाए।  जब बैठे सीधे पेर की उंगलिया हिलनी नहीं चाहिए मतलब क़िबला रुख ही मुड़ी हुई हो और उलटे पैर को सीधे पैर की जानिब मोड़ के बैठे।

फिर दोबारा अल्लाहु अकबर कहते हुवे सज्दे में जायें. यहाँ फिर से उलटे पैर की ऊँगलीया क़िब्ला रुख करे।

सज्दे में फिर से अल्लाह की वही तस्बीह 3 या 5 या 7  बार पढ़े *सुबहान रब्बी अल आला*

इस तरह आपकी ( witr namaz ki ) एक (1 ) रकअत पूरी हो गयी

witr namaz – 

फिर अल्लाहु अकबर कहते हुवे आप खड़े हो जाएंगे ! और अपने हाथ बांध लेंगे ! फिर से अल्हम्दु शरीफ पढ़ेंगे उसके बाद कोई भी सूरत जो आपको याद हो वो पढ़ेंगे ! or फिर से वही अल्लाहु अकबर कहते हुवे रुकू में जाएंगे ! फिर *समीअल्लाहु लिमन हमीदह * कहते हुवे रुकू से खड़े हो जाये  इसके बाद ! रब्बना व लकल हम्द* कहे फिर अल्लाहु-अकबर कहते हुवे सज्दे में जायें।

सज्दे में फिर से अल्लाह की ये तस्बीह 3 या 5 या 7  बार पढ़े *सुबहान रब्बी अल आला*

फिर अल्लाहु-अकबर कहते सजदे से उठकर बैठ जाए

फिर दोबारा अल्लाहु अकबर कहते हुवे सज्दे में जायें.

सज्दे में फिर से अल्लाह की वही तस्बीह 3 या 5 या 7  बार पढ़े *सुबहान रब्बी अल आला*

फिर अल्लाहुअक्बर कहते हुवे बेठ जाए। ( बैठने का तरीका पहली रकअत जैसा ही हो )  अब बैठे हुवे ही आपको अत्तहिय्यात पढ़ना है !

अत्तहिय्यात-

*अत्ताहियातु लिल्लाहि वस्सलवातु वत्तैयिबातू अस्सलामु अलैका अय्युहन नबिय्यु व रहमतुल्लाही व बरकताहू अस्सलामु अलैना व अला इबादिल्लाहिस सालिहीन*

अशहदु अल्ला इलाहा इल्ललाहू व अशहदु अन्न मुहम्मदन अब्दुहु व रसुलहू *

नोट- अशहदु अल्ला {ला} पर सीधे हाथ की शहादत की ऊँगली इस तरह उठाना है की अंगूठा और बिच की सबसे बड़ी वाली उंगली के पेट दोनों मिलाना है और शहादत की ऊँगली ऊपर करना है।

witr Ki Namaz Ka Sahi Tarika –

और तशह्हुद में अत्ताहियात पढ़ने के बाद अल्लाहु-अकबर कहते हुए खड़े हो जाना है ! खड़े होने के बाद सूरह फातिहा पढ़ेंगे ! और फिर क़ुरआन की कोई भी सूरह पढ़ेंगे ! उसके बाद अल्लाहु-अकबर कहते हुए दोनों हाथो को कान तक सीधे ले जाएंगे ! हाथ के अंगूठे कानो की निचली जगह को छूना चाहिए !

और फिर हाथ बांध लेंगे , हाथ बाँध लेने के बाद दुआ ए क़ुनूत (dua e qunut) पढ़ेंगे ! अल्लाहु-अकबर कहकर रुकू करेंगे फिर सजदा और तशह्हुद दुसरी नमाज़ो की तरह ही करेंगे।  अत्ताहियात,दरूद शरीफ और दुआ ए मसूरा और फिर सलाम फेर लेंगे !

इस तरह वित्र की नमाज़ पढ़ी जायेगी

Dua e Ashura
अल्लाहुम्मा इन्नी ज़लमतू नफ़्सी ज़ुलमन कसीरा, वला यग़फिरुज़-ज़ुनूबा इल्ला अनता, फग़फिरली मग़ फि-र-तम्मिन ‘इनदिका, वर ‘हमनी इन्नका अनतल ग़फ़ूरूर्र रहीम

 

Note- दुआए मासुरा याद ना हो तो ये दुआ पढ़े

* अल्लाहुम्मा रब्बना आतयना फ़िद्दुनिया हसनतउ- व फिल आख़िरति हसनतउ व कीना अजाबन्नार *
 

वित्र की नमाज़ के बाद ईशा की  2 नफ़्ल अदा करेंगे !

अब जान लेते है इमाम के पीछे वित्र नमाज़ पढ़ने का तरीका – 

इमाम साहब के पीछे वित्र नमाज़ की नियत का तरीका – नियत की मैंने तीन रकअत नमाज़ वित्र वाजिब की ! वास्ते अल्लाह तआला के ! वक्त इशा का ! पीछे इस इमाम के !मुँह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़ ! अल्लाहु-अकबर ।

अल्लाहु-अकबर कहकर हमें हाथ बाँध लेना है ! फिर सबसे पहले हम सना पढ़ेंगे !

सना के अल्फाज़ इस तरह है  *सुबहाना कल्ला हुम्मा व बिहम्दिका व तबारा कस्मुका व त’आला जद्दुका वला इलाहा गैरुका*

इसके बाद  *अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रजिम. बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम.* पढ़े

वित्र नमाज़ ( witr namaz )की तीनो रकअतों में हमें खामोश रहकर सिर्फ इमाम साहब को सुन्ना है ! और तीसरी रकअत में तकबीर के बाद दुआ ए क़ुनूत पढ़ेंगे ! बाकि नमाज़ दूसरी नमाज़ो जैसी  मुक़म्मल करेंगे !

वित्र की नमाज़ ( witr namaz ) में पढ़ने  वाली दुआ- दुआ-ए-क़ुनूत

अल्लाहुम्मा इन्ना नस्तईनु क व नस-तग़-फिरू- क व  नु’अ मिनु बि-क व न तवक्कलु अलै-क व नुस्नी अलैकल खैर * व नश कुरु-क वला नकफुरु-क व नख्लऊ व नतरुकु मैय्यफ-जुरूक * अल्लाहुम्मा इय्या का न अ बुदु व ल-क- नुसल्ली व नस्जुदु व इलै-क नस्आ व नह-फिदु व नरजू रह-म-त-क व नख्शा अज़ा-ब-क इन्ना अज़ा-ब-क बिल क़ुफ़्फ़ारि मुलहिक़ *

दुआ-ए-क़ुनूत की इमेज के लिए यहाँ क्लिक करे 

अल्लाह हमें पंज वक्ता सही-सही नमाज़ पढ़ने की तौफीक अता फरमाए !

लिखने में या समझाने में कोई गलती हुई हो तो मुआफ करे !

Fajar Ki Namaz Ka Tarika

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