इस्लामिक (70+1) मसनून दुआएं हिंदी में

इस्लामिक दुआ हिंदी में:- इस्लाम में दुआ का बड़ा मुकाम है ! किस्मत अगर कोई चीज़ बदल सकती है तो वो दुआ ही है ! इस्लामिक दुआओ को मसनून दुआ ( masnoon dua ) भी कहा जाता है ! इस पोस्ट में हमने हर चीज़ की इस्लामिक दुआ हिंदी में ( islamic dua in hindi ) मैं बताने की कोशिश की है !

इस पोस्ट ,में हमने लगभग 70 मसनून दुआ ( masnoon dua ) या इस्लामिक दुआ हिंदी में ( islamic dua in hindi ) या मुस्लिम दुआ हिंदी में ( muslim dua in hindi ) कुछ भी कह लीजिये !

हमने रोज़मर्रा की जिन्दगी में काम आने वाली हर तरह की दुआ हिंदी ( har tarah ki dua hindi mein ) में अपलोड की है ! इन दुआओ को पढ़िए और सवाब कमाईये !

इस्लामिक दुआ – Islamic Dua In Hindi

दुआ के लिए रब क़ुरआन में फ़रमाता है -और तुम्हारे रब ने फ़रमाया मुझसे दुआ करो में क़ुबूल करूंगा ( तर्जुमा-कंज़ुल ईमान )

मैं दुआ मांगने वाले की दुआ कुबूल करता हूं जब वह मुझे पुकारे

दुआ की अहमियत

  1. अल्लाह तआला के नजदीक कोई चीज दुआ से बुजुर्गत्तर नहीं
  2. अल्लाह तआला से जो दुआ नहीं करता उस पर अल्लाह तआला गजबनाक होता है
  3. दुआ से आजिज ना हो कि कोई शख्स दुआ के साथ हलाक ना होगा
  4. रीज्क़ बढ़ाती है बला उतरने नहीं देती है
  5. दुआ मुसलमानों का हथियार है और दिन का सुतून और आसमान और जमीन का नूर है
  6. दुआ इबादत का मग्ज है दुआ सलाहे मोमिन है दुआ इबादत भी है
  7. तो अल्लाह का जिक्र कीजिए और कसरत से दुआ कीजिए
  8. बेशक अल्लाह बेहतर सिला देने वाला हैं।

Islamic dua In Hindi –

फरमाने मुस्तफ़ा बंदे की दुआ अगर मकबूल नहीं होती है तो क्या होती हे ?

सरवरे आलम सल्लल्लाहू तआला अलैहि वसल्लम से रवायत है बंदे की दुआ तीन बातों से खाली नहीं होती

  • 1. या इस का गुनाह बख़्शा जाता है
  • 2. या दुनिया में इसे फायदा हासिल होता है
  • 3. या इस के लिये आखिरत में भलाई जमा की जाती है

कि जब बंदा अपनी इन दुआओं का सवाब देखेगा ! जो दुनिया में मुस्तजाब (क़ुबूल ) न हुइ थीं ! तो तमन्ना करेगा काश दुनिया में मेरी कोइ दुआ कबूल न होती ! और सब यहीं के वास्ते जमा रहती !

islamic masnoon dua in hindi

01.दुआए मुस्तफ़ा – 
या मुकलिब अलक़ुलूबी साबित क़ल्बीय अला दीनिका
तर्जुमा- ऐ दिलो के फेरने वाले मेरे दिल को अपने दीं पर क़ाइम रख

 

02. वुज़ू की नियत और दुआ
नियत- बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम *बिस्मिल्लाह हिल अली इल अजीम व्अल्हम्दुलिल्लाहि अला दीनिल इस्लाम 
दुआ- अल्लाहुम्म अजिलनि मिनल तवाबिना व अजिलनि मिनल मुत्तहिरीन
तर्जुमा –इलाही तू मुझे तौबा करने वालों और पाक लोगो में कर दे

 

03. अज़ान के बाद की दुआ
अल्लाहुम्मा रब्बा हाज़ीहिल दावती-त-ताम्मति वस्सलातिल कायिमति आती सैय्यिदिना मुहम्मदा नील वसिलता वल फ़ज़ीलता वद्दरजतल रफ़ीअता वब’असहू मक़ामम महमूदा निल्ल्जी व्’अत्तहू वर ज़ुक्ना शफ़ाअतहु यौमल क़ियामती इन्नका ला तुखलिफुल मीआद
तर्जुमा – ए अल्लाह इस दावते ताम्मा और कयामत तक बाकी रहने वाली नमाज के रब तू हमारे सरदार मुहम्मद सल्लाल्लाहु तआला अलैहि व् सल्लम को वसीला और फजीलत और बुलंद दर्जा अता कर और उनको मकामे मेहमूद में खड़ा कर जिस का तूने वादा किया हे और हमें कयामत के दिन उनकी शफाअत नसीब कर बेशक तू वादा के खिलाफ नहीं करता

 

04. मस्जिद में दाखिल होते वक़्त की दुआ 
मस्जिद में दाखिल होते वक्त पहले सीधा (दाहिना) पैर अन्दर रखना है फिर ये दुआ पढ़ते हुए अंदर दाखिल होना है
अल्लाहुम्म फ तहली अबवा ब रहमतिका
तर्जुमा – ए अल्लाह तू अपनी रेहमत के दरवाजे मेरे लिए खोल दे

 

05. मस्जिद से निकलते वक़्त की दुआ
अल्लाहुम्मा इन्नी अस-अलुक मिन फ़दलि क व रहमति क
तर्जुमा – ए अल्लाह में तुझसे तेरे फज्ल का सवाल करता हु

 

06. खाना खाने से पहले की दुआ – 
बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम बिस्मिल्लाही व बिल्लाहि ललज़ी एक यदुररोहु मा अ स्मेहि शै उन फील अरदे वाला फिलसम्माए या हय्यू या कय्यूम
तर्जुमा – अल्लाह के नाम से और अल्लाह की मदद से शुरू जिसके नाम के साथ कोई चीज जर्र देने वाली नहीं, न जमीं में न आसमान में ए हय्यू ए कय्यूम
शुरू में बिस्मिल्लाह पढ़ना भूल जाए तो जब भी याद आ जाये यु कहे
बिस्मिल्लाहि फी अव्वलेहि व आखिरहि

तर्जुमा – अल्लाह के नाम से शुरू इस के शुरू और आखिर में

 

07. खाना खाने के बाद की दुआ 
अल्हम्दु लिल्लाहिल लज़ी अत अम ना व सकाना व ज अल ना मिनल मुस्लिमीन
तर्जुमा – सब खुबिया अल्लाह त्आला के लिए जिसने हमें खिलाया पिलाया और मुसलमानो में से बनाया

 

08. जब किसी के यहां दावत खाये तो यह पढ़े 
अल्लाहुम-म अतअिम मन अत-अ-म-नी वस्क़ि मन सक़ानी०
तर्जुमा- ऐ अल्लाह खिला इसको जिसने मुझे खिलाया और पीला इसको जिसने मुझे पिलाया
09. पानी पीने से पहले की दुआ 
बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम
तर्जुमा-अल्लाह के नाम से शुरू जो बहुत मेहरबान रेहमत वाला है
10. पानी पीने के बाद की दुआ
अल्हम्दुलिल्लाही रब्बिल आलमीन
तर्जुमा-सब खुबियाँ अल्लाह के लिए जो सारे जहां का रब है
11. दूध पीते वक़्त की दुआ
* अल्लाहुम्मा बारीक़ लना फ़ीहि व ज़िदना मिन्हु *
तर्जुमा-ऐ अल्लाह ! ( अज़्ज़वजल ) हमारे लिए इस में बरकत दे ! और हमें इससे ज्यादा इनायत फरमा !
12. आबे जमजम पीते वक़्त की दुआ 
अल्लाहुम-म इन्नी अस् अलु-क इल्मन नाफ़ि अंव व रिज़्क़वं वासिअंव व शिफ़ाअम मिन कुल्लि दाइन०

 

13. घर से निकलते वक़्त की दुआ 
बिस्मिल्लाहि तवक्कल्तु अलल्लाहि ला हौ-ल व ला क़ू-व-त इल्ला बिल्लाहि०
14. घर में दाखिल होते वक़्त की दुआ 
अल्लाहुम-म इन्नी अस्अलु-क खैरल मौलजि व खैरल मख्रजि बिस्मिल्लाहि व लज्ना बिस्मिल्लाहि खरज्ना व अलल्लाहि रब्बिना तवक्कल्ना०

 

15. सोते वक़्त की दुआ 
अल्लाहुम-म बिस्मि-क अमूतु व अह् या
तर्जुमा- ऐ अल्लाह में तेरे ही नामे पाक की मदद से सोऊंगा और तेरे ही नामे पाक की मदद से जागूँगा !
16. सुबह उठने की दुआ 
अल् हम्दु लिल्लाहिल्लज़ी अह्याना बअ-द मा अमा-तना व इलैहिन्नुशूर !
तर्जुमा- सब खूबियाँ अल्लाह तआला के लिए जिसने मौत (नींद ) के बाद हमें हयात ( बेदारी या जगाया ) अता फ़रमाई और रोज़े क़यामत उसी की तरफ उठ कर जाना है !

 

17. लिबास ( कपड़े ) पहनते वक़्त की दुआ 
अल्हम्दुलिल्लाहिल्लज़ी कसानी हाज़ा व रज़कनेही मं गैरी हौला मिनिय वल क़ुव्वती
तर्जुमा-सब खूबियाँ अल्लाह तआला के लिए जिसने ये मुझे पहनाया और मेरी ताकत व क़ुव्वत के बगैर मुझे नसीब किया

 

18. नया लिबास ( नये कपड़े ) पहनते वक़्त की दुआ 
अल्हम्दुलिल्लाहिल्लज़ी कसानी माँ उ-वारिय बेहि औराति व अत जमालो बेहि फी हयाति
तर्जुमा- सब खूबियाँ अल्लाह तआला के लिए जिसने मुझे वो पहनाया जिससे में अपना सतर छुपाऊं और अपनी जिन्दगी में जेब तन करुँ

 

19. आइना देखते वक़्त की दुआ 
अल्हम्दुलिल्लाहिल्लज़ी अल्लाहुम-म क़मा हसनता खलकि फहसिन ख़ुलूकी
तर्जुमा- सब खूबियाँ अल्लाह तआला के लिए, ऐ अल्लाह तूने मेरी सूरत जैसी अच्छी बनायी ऐसी ही मेरी सीरत अच्छी करदे

 

20. आँखों में सुरमा लगाते वक़्त की दुआ 
अल्लाहुम-म मतिनि बिसमयि वल बशर
तर्जुमा- ऐ अल्लाह समाअत और बसारत के साथ मुझे फायदा उठाने वाला कर
21. रोज़ा इफ़्तार के बाद की दुआ 
अल्लाहुम्मा इन्नी ल-क सुम्तु व बि-क आमनतु व अलै-क तवक्कलतु व अला रिजि़्कक़ा अफ्तरतु फ़तक़ब्बल मिन्नी
तर्जुमा- ऐ अल्लाह मेने तेरे ही लिए रोज़ा रखा और मेने तेरी ही दी हुई रोज़ी से इफ़्तार किया

 

नोट- ये दुआ इफ़्तार के बाद ही पढ़ी जायेगी जैसा की अहादीस से साबित है और तर्जुमा भी यही वाज़ेह कर रहा है ( फतवा रज़विया जिल्द च हारुम साफा 653 )

22 – अगर किसी के यहां इफ़्तार करे तो पढ़े –
अफ़्त-र अिन-द कुमुस्साइमू न व अ-क-ल तआ-म कुमुल अब् रा-रु व सल्लत अलैकुमुल मलाइकतु०

 

23. पाख़ाने जाने से पहले की दुआ –
अल्लाहुम-म इन्नी अअूज़ु बि-क मिनल खुबुसि वल ख़बाइसि !
तर्जुमा – ऐ अल्लाह में नापाक जीन और जिन्नियो तेरी पनाह मांगता हूॅं

 

24. पाख़ाने से बाहर आने के बाद की दुआ 
अल् हम्दु लिल्लाहिल्लज़ी अज़्ह-ब अन्निल अज़ा व आ फ़ानी !
तर्जुमा – अल्लाह तआला का शुक्र है जिसने मुझसे अज़िय्यत दूर की और मुझे आफिय्यत दी

 

25. जब चांद पर नज़र पड़े तो यह दुआ पढ़े 
अअूज़ु बिल्लाहि मिन शर्रि हाजा०
26. नया चांद देखे तो यह दुआ पढ़े 
अल्लाहुम-म अहिल-ल हू अलैना बिल युम्नि वल ईमानि वस्सलामति वल इस्लामि वत्तौफ़ीक़ि लिमा तुहिब्बु व तर्ज़ा रब्बी व रब्बुकल्लाहु०
तर्जुमा-ऐ अल्लाह उस चाँद को हम पर बरकत ईमान खैरियत , सलामती वाला करदे और हमें तौफीक दे उस पर अमल करे जो तुझे पसंद हो ! ऐ चाँद मेरा और तेरा रब अल्लाह है !

 

27. किसी को रुख़्सत करते वक़्त की दुआ 
अस्त्तौदिअुल्ला-ह दी-न-क व अ मा-न-त-क व ख़्वाती-म अ-म-लि-क०
तर्जुमा- में तेरे दीन और तेरी अमानत को और तेरे अमल को तेरे अमल के खातमे को अल्लाह के सुपुर्द करता हूँ

 

28. किसी से रुख़्सत होते वक़्त की दुआ 
अस्तव दी ओ कोमुल्लाह अल्लजी ला युदिओ व दाइआहु
तर्जुमा- में तुम लोगो को अल्लाह के सुपुर्द करता हु जो अमानतों को जाया नहीं फरमाता

 

29. सफर की दुआ 
अल्लाहुम्मा इन्ना नसअलोका फी सफरीना हाजल बिर्रा 0 वल्तकवा व मीनल् अमली मा तरदा अल्लाहुम्मा हावि न् 0 अलयना हाजा अस्सफरा व अत विअना बोअदोहु अल्लाहुम्मा 0 अन्ताअ साहीबु फि सफरी वल खलिफतो फि अलअहली अल्लाहुम्मा 0 इन्ना आउजोबेका मीन व ताईस् सफरी व क़ाबति मुनकलबी 0 व सुवईल् मन्जरी फि अल अहली वलमाली वल वलद
तर्जुमा- ऐ अल्लाह हम तुझसे अपने सफर में नेकी व परहेजगारी और ऐसे अमल का सवाल करते है !जिस से तू राजी हो ! ऐ अल्लाह हमारे इस सफर को आसान कर दे ! और उसकी मुसाफत को हमारे लिए तै करदे ! ऐ अल्लाह तू ही सफर में मालिक और घर वालो का बादशाह है ! हम तेरी पनाह मांगते है सफर की तकलीफ से ! और वापसी की बुराई से ! और एहलो माल व औलाद में बुरी बात देखने से

 

30. कश्ती जहाँज या पानी के वाहनों पर सफर करते वक़्त की दुआ 
बिस्मिल्लाही मज़रीहा व मूरसाहा इन्ना रब्बी आ गूफुरूर्रहीम
तर्जुमा- अल्लाह के नाम पर इसका चलना और इसका ठहरना बेशक मेरा रब जरूर बख्शने वाला मेहरबान है
31. मोटर बाइक कार या किसी भी गाड़ी पर सफर करते वक़्त की दुआ 
सुब्हानल्लज़ी सखरलना हाज़ा वमा कून्ना लहुल् मुकरिनीन’ व इन्ना ईला रब्बेना मुनकलेबून
तर्जुमा- पाकि है उसे जिसने इस सवारी को हमारे बस में कर दिया और ये हमारे काबू की न थी और बेशक हमें अपने रब की तरफ पलटना है

 

32 – जब किसी को मुसीबत, परेशानी या बुरे हाल में देखे तो यह दुआ पढ़े 
अल् हम्दु लिल्लाहिल्लज़ी आफ़ानी मिम्मब्तला-क बिही व फ़ज़्ज़-ल-नी अला क-सी रिम मिम्मन ख़-ल-क़ तफ़्ज़ीला ०
तर्जुमा- अल्लाह तआला है जिस ने मुझे इस मुसीबत से आफ़िय्यत दी जिसमें तुझे मुब्तिला किया और मुझे अपनी बहुत सी मख़्लूक़ पर फ़ज़ीलत दी

 

33. किसी क़ौम से खतरे के वक़्त कि दुआ 
अल्लाहुम-म इन्ना नज्अलु-क फ़ी नुहूरि-हिम व न अूज़ु बि-क मिन शुरुरिहिम ०
तर्जुमा-ऐ अल्लाह हम तुझे दुश्मनो के मुक़ाबिल करते है और उनकी शरारतो से तेरी पनाह चाहते है
34. सख्त ख़तरे के वक़्त की दुआ 
अल्लाहुम-म मस्तुर औरातिना व आमिरौ-आतिना
तर्जुमा- इलाही हमारी पर्दादारी फरमा और हमारी घबराहट को बेख़ोफ़ी व इत्मीनान से बदल दे
35. अदाए क़र्ज़ की दुआ – 1
अल्लाहुम्म क़फिनि बि हलालेका अ न हरामिका अग्निगी बि फदलेका अमन सिवाका
तर्जुमा- ऐ अल्लाह मुझे हलाल रिज़्क़ अता फरमा कर हराम से बचा और अपने फ़ज़्लो करम से सिवा गैरो से बेनियाज़ करदे !

 

36. क़र्ज़ अदा करने की दुआ -2 
अल्लाहुम्मा इन्नी अउजूबि-क-मि-नलहम्मी वल हुज्नि व अउजूबि-क-मि-नल इज्जि
वल्कस्लि व अउजूबि-क-मि-नल जुबनि वल बुख्लि व अउजूबि-क-मि-नग-ल-बतिद- दैनि व कहरिर रिजालि ’
37. कोई मुसीबत पहुंचे, (अगरचे कांटा ही लग जाए) तो यह पढ़े i
इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजिअून अल्लाहुम-म अजिर्नी फ़ी मुसीबती व अख़्लिफ़ ली ख़ैरम मिन्हा ०
तर्जुमा- बेशक हम अल्लाह तआला के है और बेशक हम उसी की तरफ लौटने वाले है ! ऐ अल्लाह मेरी मुसीबत में मुझे अज़्र दे और मुझे इस से बेहतर अता फ़रमा !

 

38. किसी मुसलमान को मुस्कराता देख कर पढ़ने 
अज़हाकाल्लाहो सेनाका
तर्जुमा- अल्लाह आपको हमेशा मुस्कराता रखे
39. शुक्रिया अदा करने की दुआ 
ज़ज़ाक़ल्लाह ख़ैर
तर्जुमा-तआला जज़ाए खैर दे

 

40. ग़ुस्सा आने के वक़्त की दुआ 
आऊज़ो बिल्लाहि मिनस्शै तवान निर्रज़ीम
तर्जुमा- मैं शैतान मरदूद से अल्लाह की पनाह मांगता हूँ

 

41. इल्म में इज़ाफ़े के लिए दुआ 
दुआ-रब्बे जिदनी इल्मा
तर्जुमा-ऐ रब मुझे इल्म ज्यादा दे

 

42. शिआरे कुफ़्फ़ार को देखे या आवाज़ सुने तो यह दुआ पढ़े 
अशहदो अ न ला इलाह इल्लल्लाहु वह्-दहु ला शरीक लहू इलाहा वाहिदा ला न अ बो दो इला अ इया हु
तर्जुमा- मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं वह यक़्ता है उसका कोई शरीक नहीं वो माबूद यक़्ता है हम सिर्फ उसी की इबादत करते है !

 

43. मुर्ग़ की बांग सुनकर पढ़ने की दुआ 
दुआ-अल्लाहुम्म इन्नी असअलोका फ़ज़्लिका
तर्जुमा- या इलाही में तुझसे तेरे फ़ज़ल का सवाल करता हूँ
44. बारिश की ज़ियादती के वक़्त की दुआ 
अल्लाहुम-म हवालैना व ला अलैना अल्लाहुम-म अलल आकामि वल आजामि वज़्ज़िराबि वल अौदियति व मनाबितिश्श-ज-रि ०
तर्जुमा- ऐ अल्लाह हमारे इर्द गिर्द बरसा और हम पर न बरसा ऐ अल्लाह ! टीलों पर और पहाड़ियों पर और वादियों पर और दरख़्त उगने के मक़ामात पर बरसा ( यानी जहां जान और माल का नुकसान होने का अंदेशा ना हो )

 

45 – बारिश के लिए तीन बार यह दुआ
अल्लाहुम-म अग़िस्ना ०
या यह पढ़े
अल्लाहुम-म अन्ज़िल अला अर्ज़ि ना ज़ी-न-त हा व स-क-न-हा ०
46 – जब बादल आता हुआ नज़र पड़े तो यह पढ़े 
अल्लाहुम-म इन्ना नअूज़ुबि-क मिन शर्रि मा उर्सि-ल बिही अल्लाहुम-म सय्यिबन नाफ़िअन ०
47- जब बारिश होने लगे, तो यह दुआ पढ़े
अल्लाहुम-म सय्यिबन नाफ़िअन ०
45. आंधी के वक़्त की दुआ 
अल्लाहुम्म इन्नी असअलोका खैराहा वखारा मा फिहा वखारामा उर्सीलत- बेहि व आऊज़ो बिका मिन सर्री हा सर्रीमा फिहा व सर्री मा उर्सीलत- बेहि
तर्जुमा- या अल्लाह में तुझसे इसकी (यानी आंधी की ) और जो कुछ इसमें है और जिस के साथ यह भेजी गयी है उसकी भलाई का सवाल करता हूँ ! और में तेरी पनाह मांगता हूँ इस (यानी आंधी ) के शर से और उस चीज़ के शर से जो इसमें है ! और उस के शर से जिसके साथ यह भेजी गयी है !

 

46. सितारा टूटता देखते वक़्त की दुआ –
माशाअल्लाहो ला क़ुव्व्ता इल्ला बिल्लाहि
तर्जुमा- जो अल्लाह तआला चाहे, कोई क़ुव्वत नहीं मगर अल्लाह तआला की मदद से
47.-तेल लगाते वक़्त की दुआ –
बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम
तर्जुमा- अल्लाह के नाम से शुरू जो बहुत मेहरबान रहमत वाला !
48. शबे क़द्र की दुआ 
अल्लाहुम-म इन्न-क अफ़ूवुन करीमु तुहिब्बुल अफ़ व फ़अ्फ़ु अन्नी ०
तर्जुमा- बेशक तू मुआफ फ़रमाने वाला , दर गुज़र फ़रमाने वाला है ! और मुआफ करने को पसंद फ़रमाता है लिहाज़ा मुझे मुआफ़ फ़रमा दे !

 

49. शबे बरात की दुआ 
अल्लाहुम-म इन्न-क अफ़ूवुन तुहिब्बुल अफ़ व फ़अ्फ़ु अन्नी या ग़फूरो ०
तर्जुमा- ऐ अल्लाह बेशक तू मुआफ करने वाला है , और मुआफी को पसंद फ़रमाता है लिहाज़ा मुझे मुआफ़ फ़रमा दे ! बक्शने वाले !

 

50. जल जाने पर पढ़ने की दुआ 
अज़हिबि-ल्बासा रब्बा अल नास 0 इस्फे अ न्ता अल साफ़ी ला साफ़ी ईला अ न्ता
तर्जुमा- ऐ तमाम लोगो रब ! तकलीफ़ दूर फ़रमा ! शिफ़ा दे , तू ही शिफ़ा देने वाला है तेरे सिवा कोई शिफ़ा देने वाला नहीं

 

51. दिल में वहम या बद-ख़्याल आ जाए तो यह दुआ पढ़े 
अल्लाहुम-म ला याती बिल-ह-स-नाति इल्ला अन-त व ला यज़् हबु बिस्सइएआति इल्ला अन-त व ला हौ-ल व ला क़ू-व-त इल्ला बि-क ०
तर्जुमा- ऐ अल्लाह ! तू ही भलाई अता फ़रमाता है ! और तु ही बुराई दूर करता है और गुनाह से बचने की ताक़त और नेकी करने की क़ुव्वत तेरी ही मदद से है
52. बाज़ार में दाख़िल होते वक़्त की दुआ 
ला इला-ह इल्लल्लाहु वह्दहू ला शरी-क लहू लहुल मुल्कु व लहुल हम्दु युहयी व युमीतु व हु-व हय्युन ला यमूतु बि-य-दि-हिल खैरु व हु-व अला कुल्लि शैइन कदीर०
तर्जुमा- कोई माबूद नहीं , वोह अकेला है उसका कोई शरीक नहीं उसी के लिए है बादशाही ! और उसी के लिए हम्द है वही ज़िंदा करता है और मारता है वह ज़िंदा है उसको हरगिज़ मौत नहीं आएगी तमाम भलाइयां उसी के दस्ते क़ुदरत में है और वह चीज़ पर क़ादिर है

 

53. अगर बाजार में कुछ बेचना या ख़रीदना हो तो यह भी पढ़े –
बिस्मिल्लाहि अल्ला हुम-म इन्नी अस्- अलु-क खै-र हाजिहिस्सूक़ि व खै-र मा फीहा व अअूज़ु बि-क मिन शर्रि हा व शर्रि मा फ़ी हा अल्लाहुम-म इन्नी अअूज़ु बि-क अन उसी-ब फ़ीहा यमीनन फ़ाजि-र-तन अौ सफ़्क़तन ख़ासिरतन०

 

54. सोते समय नींद ना आने पर यह दुआ पढ़ें 
अल्लाहहूम-म गा़र-तिन्नुजूमु व ह-द-अतिल अुयूनु व अन-त हय्युन क़य्यूमुन ला तअखुज़ु-क सि-न-तुंव-व ला नौमुन या हय्यु या क़य्यूमु अहदि लैली व अनिम अैनी !
55. सोते में डर घबराहट या नींद उचटने पर –
अअूज़ु बिकलिमातिल्लाहि त्ताम्मति मिन ग़-ज़बिही व अिक़ाबिही व शर्रि अ़िबादिही व मिन ह-म-ज़ातिश्श्यातीनि व अंय्य हज़ुरुन

 

56. दूल्हा को यों मुबारकबाद देते वक्त की दुआ
बा-र-कल्लाहु ल-क व बा-र-क अलैकुमा व ज-म-अ बै-न-कुमा फ़ी ख़ै रिन०
57. बीवी से हम-बिस्तरी के इरादे के वक़्त –
बिस्मिल्लाहि अल्लाहुम-म जन्निब् नश्शैता-न व जन्निबिश्शैता-न मा रज़क़्त्त-ना०
58. मनी निकलने पर दिल में यह पढ़े –
अल्लाहुम-म ला तज-अल लिश्शैतानि फ़ीमा रज़क़्त-नी नसीबा०
59. किसी शहर या बस्ती में दाखिल होने लगे, तो तीन बार पढ़े –
अल्लाहुम-म बारिक लना फ़ीहा ०
फिर यह पढ़े
अल्लाहुम-मर्ज़ुक़्ना जना हा व हब्बिब्ना इला अहिल हा व हब्बिब सालिही अहिलहा इलैना ०
60. जब कोई परेशानी हो तो यह दुआ पढ़े 
हस्बुनल्लाहु व नि अमल वकीलु ०
या यह पढ़े
या हय्यु या क़य्यूमु बिरहमति-क अस्तग़ीसु ०
61. कुफ्र व फ़क़्र से पनाह की दुआ 
अल्लाहुम-म अअूज़ु बिकमिन-ल कुफ़री वल फ़क़्र व अज़ाबल क़ब्र
तर्जुमा-ऐ अल्लाह में कुफ्र फ़क़्र अज़ाबे क़ब्र से तेरी पनाह चाहता हूँ
62. अपने साथ एहसान करने वाले को यह दुआ दे –
जज़ाकलाहु ख़ैरन ०
63. जब क़र्ज़दार क़र्ज़ा अदा कर दे तो उसको यह दुआ दे –
औफ़ै तनी औफ़ल्लाहु बि-क ०
64. जब अपनी कोई महबूब चीज़ देखे, तो यह पढ़े –
अल् हम्दु लिल्लाहिल्लज़ी बि नि अ मति ही ततिम्मुस्सालिहातु !

 

65. जब गुस्सा आये या गधे या कुत्ते की आवाज़ सुने या बुरे वसवसे आयें, तो –
अअूज़ु बिल्लाहि मिन श्शैतानिर्र जी म ०
66. जब क़ुर्बानी करे तो जानवर को क़िब्ला रुख़ लिटाकर यह दुआ पढ़े 
इन्नी वज्जह्तु वज्हि-य लिल्लज़ी फ़-त-रस्समावाति वल अर-ज़ अला मिल्लति इब्राही- म हनीफ़ंव व मा अना मिनल मुश्रिकीन इन-न सलाती व नुसुकी व महया-य व ममाती लिल्लाहि रब्बिल आ ल मी न ला शरी-क लहू व बि ज़ालि-क उमिर्तु व अना मिनल मुस्लिमीन अल्लाहुम-म मिन-क व ल-क अन ०

 

67. फ़र्ज़ नमाज़ के बाद पढ़ने वाली दुआ 
अल्लाहुम्मा अन्तस सलामु व मिनकस सलामु
व इलैं क यरजिउस सलाम हय्यिना रब्बना बिस सलाम,
व अदखिखिल्ना दारस सलाम, तबारक त रब्बना व तआ लै
त या जल जलालि वल इकराम ० बि रहमति क़ या अरहमर्राहिमीन ०

 

68. जब किसी मुसलमान से मुलाक़ात हो तो यों सलाम कहे –
अस्सलामु अलैकुम व रह्मतुल्लाह ०
इसके जवाब में दूसरा मुसलमान यों कहे
व अलैकुमुस्सलामु व रह्मतुल्लाहि ०

 

अगर कोई मुसलमान सलाम भेजे तो जवाब में यों कहे
व अलैहिस्सलामु व रहमतुल्लाहि व ब-र- कातुहू ०
या सलाम लाने वाले को ख़िताब करके यों कहे
व अलै-क व अलैहिस्सलामु ०
जब छीक आये तो यों कहे
अल् हम्दु लिल्लाह ०
इसको सुनकर दूसरा मुसलमान यों कहे
यर्हमुकल्लाह ०
इसके जवाब में छीकने वाला यों कहे
यह्दीकुमुल्लाहु व युस्लिहु बालकुम ०यह्दीकुमुल्लाहु व युस्लिहु बालकुम ०

 

69 – हर क़िस्म की माली तरक़्क़ी के लिए यह दरुद शरीफ़ है
अल्लाहुम-म सल्लि अला मुहम्मदिन अब्दि-क व रसूलि-क व अल-ल मुअ् मि नी-न वल मुअ् मिनाति व अलल मुस्लिमी-न वल मुस्लिमाति ०

 

70. दुआ-ए-क़ुनूत – DUA-E-QUNUT 
अल्लाहुम्मा इन्ना नस्तईनु क व नस-तग़-फिरू- क व नु’अ मिनु बि-क व न तवक्कलु अलै-क व नुस्नी अलैकल खैर * व नश कुरु-क वला नकफुरु-क व नख्लऊ व नतरुकु मैंय्यफ-जुरूक *
अल्लाहुम्मा इय्या का न अ बुदु व ल-क- नुसल्ली व नस्जुदु व इलै-क नस्आ व नह-फिदु व नरजू रह-म-त-क व नख्शा अज़ा-ब-क इन्ना अज़ा-ब-क बिल क़ुफ़्फ़ारि मुलहिक़ *

 

71. आयतल कुर्सी
अल्लाहु ला इला-ह इल्लल्लाहु-वल हय्युल क़य्यूमु ला तअ् खुज़ुहू सि-न तुंव-व ला नौम लहू मा फि़स्समावातिं व मा फ़िल अर्ज़ि मन ज़ल्लज़ी यश् फ़उ अिन-द-हू इल्ला बिइज़्निही यअ्लमु मा बै-न एेदीहिम व मा ख़ल-फ़ हुम व ला युहीतू-न बि शैइम मिन अिल्मि ही इल्ला बि-मा शा-अ व सि-अ कुर्सि-युहूस्समावाति वल अर्ज़ि व ला यऊदु हू हिफ़्जुहुमा व हुवल अ़लीयुल अज़ीम !

 

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अल्लाह आपकी सारी दुआओं को कुबूल करें ! आमीन रब्बुल आलमीन !