मज़हबे इस्लाम का पांचवा महीना जमादिल् अव्वल् ( jamadil awwal ) की बहुत बहुत मुबारकबाद ! अल्लाह तबारक व तआला इस प्यारे बरक़त वाले महीने के सदके में हम सब की सारी परेशानी दूर करे ! आमीन ! आइए जानते है की इस मुबारक महीने में हमें क्या करना चाहिए
जमादिल् अव्वल् ( jamadil awwal ) का यह महीना ( Jumada al-awwal )बडी बर्कत और फ़जीलत का महीना है !
नफ़्ल नमाज़ – इस महीने ( jamadil awwal ) की पहली तारीख़ को मग़रिब की नमाज़ के बाद आठ रकअत नमाज़ चार सलाम से पढनी चाहिये ! हर रकअत में सूर: फातिहा के बाद सूर: इख़्लास 11-11 मर्तबा पढे !
यह नमाज़ बहुत अफ़ज़ल नमाज़ है ! और इस के पढने से अल्लाह ने चाहा तो बेशुमार ईबादत का सवाब मिलेगा !
पहली तारीख़ को इशा की नमाज़ के बाद 20 रकअत नमाज़ दस सलाम से पढे ! हर रकअत में सूर: फातिहा के बाद सूर: इख़्लास एक-एक मर्तबा पढे ! सलाम फेरने के बाद एक सौ मर्तबा दुरूद शरीफ़ पढे !
अल्लाह ने चाहा तो इस नमाज़ की बर्कत से उसे बेशुमार नमाजों का सवाब अता होगा !
याद रखे
01. ( jamadil awwal ) पहली तारीख़ – बाद नमाज़े मग़रिब – आठ रकअत नमाज़ नफ़्ल ( दो-दो की नियत से )
हर रकअत में – सूर: फातिहा के बाद सूर: इख़्लास 11-11 मर्तबा
02. ( jamadil awwal ) पहली तारीख़ – बाद नमाज़े ईशा – बीस रकअत नमाज़ नफ़्ल ( दो-दो की नियत से )
हर रकअत में – सूर: फातिहा के बाद सूर: इख़्लास 1-1 मर्तबा
फिर 100 – सौ मर्तबा दुरूद शरीफ़
इसके बाद अल्लाह तबारक व तआला की बारगाह में रो-रोकर दुआ कीजिये !
अल्लाह तबारक व तआला सभी की जायज़ दुआ क़ुबूल अता फरमाये ! आमीन ! या रब्बुल आलमीन !