Azan is very important in Islam – अज़ान का इस्लाम में बहुत ज्यादा महत्त्व है-पूरी दुनिया मे सबसे ज्यादा गूंजने वाली आवाज कोई है तो वो अज़ान Azan की आवाज है ! Azan अज़ान का मतलब एलान होता है यानी की अल्लाह की इबादत [नमाज] के लिए लोगो को मस्जिद मै बुलाने की दावत दी जाती है इसे अज़ान (Azan) कहा जाता है दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते है की अल्लाह के घर में [मस्जिद में ] नमाज की दावत के लिए पुकारना ही अज़ान है
अज़ान हिंदी में Azaan In Hindi
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर
अल्लाहु-अकबर-अल्लाहु-अकबर
अशहदु अल्लाह इलाहा इल्लला
अशहदु-अल्लाह-इलाहा-इल्लला
अशहदु अन्न मुहम्मदुर्रसुल अल्लाह
अशहदु-अन्न-मुहम्मदुर्रसुल-अल्लाह
हैंय्या अलस सल्लाह
हैंय्या-अलस-सल्लाह
हैंय्या अलल फलाह
हैंय्या-अलल-फलाह
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर
ला इलाहा इल्ललाह
हम दिन में से पांच मर्तबा हर रोज
अज़ान सुनते है
अज़ान सुनते वक़्त बाते नहीं करना चाहिए | और सारे दुनियावी काम छोड़ देना चाहिए !यहाँ तक की अगर हम क़ुरान पाक की तिलावत भी कर रहे हो तो क़ुरान शरीफ बंद करके हमें
अज़ान सुनने का हुक्म है मगर आज ये आलम है की
अज़ान के वक़्त टीवी मोबाइल बाते हंसी मजाक कुछ भी बंद नहीं करते ! दोस्तों
अज़ान का बहुत बड़ा मर्तबा है हम सबको
अज़ान का एहतराम करना चाहिए ! और हम जब भी
अज़ान सुने हमें अज़ान के हर वाक्य को दोहराना चाहिये ! बस हैंय्या अलस सल्लाह और हैंय्या अलल फलाह के जवाब में ला हौला वाला कुव्वता इल्ला बिल्लाह’ पढ़ना चाहिए जब
अज़ान पूरी हो जाए तब अजान के होने के बाद हमेशा यह दुआ पढ़नी चाहिए
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AZAN |
“अल्लाहुम्मा रब्बा हाज़ीहिल दावती-त-ताम्मति वस्सलातिल कायिमति आती सैय्यिदिना मुहम्मदा नील वसिलता वल फ़ज़ीलता वद्दरजतल रफ़ीअता वब’असहू मक़ामम महमूदा निल्ल्जी व्’अत्तहू वर ज़ुक्ना शफ़ाअतहु यौमल क़ियामती इन्नका ला तुखलिफुल मीआद ”
तर्जुमा
ए अल्लाह इस दावते ताम्मा और कयामत तक बाकी रहने वाली नमाज के रब तू हमारे सरदार मुहम्मद सल्लाल्लाहु तआला अलैहि व् सल्लम को वसीला और फजीलत और बुलंद दर्जा अता कर और उनको मकामे मेहमूद में खड़ा कर जिस का तूने वादा किया हे और हमें कयामत के दिन उनकी शफाअत नसीब कर बेशक तू वादा के खिलाफ नहीं करता
Note-
इक़ामत के अलफ़ाज़ अज़ान के मिस्ल है इक़ामत में हय्या अलल फ़लाह के बाद दो बार क़दक़ा मतिस्सलाह भी कहे ! अज़ान व् इक़ामत दोनों की इजाबत है ! यानी सुनने वाला भी वही क़लीमात कहता जाए ! और अशहदु अन्ना मुह्म्मदुर्रसूलुल्लाह पर अंगूंठो को चूमकर आँखों से लगाए ! और पहली बार सल्ललाहु अलैका या रसूलुल्लाह और दूसरी बार क़ुर्रतु एनी बिका या रसूलुल्लाह मत्ति अनी बिस्समए वल बसरि कहे !
हय्या अलस्सलाह और हय्या अलल फलाह के जवाब में ला हौला वाला कुव्वता इल्ला बिल्लाह’ कहे ! और बेहतर यह हे की दोनों कहे और फ़ज़्र की अज़ान में अस्सलातु खैरूम मीनन नौम के जवाब में सदक्ता व् बररता बिल हक़्क़िे नतक्ता कहे और तकबीर में क़दक़ा मतिस्सलाह के जवाब में अकाम हल्लाहु व् अदा महा कहे